हल्का और कम दिनों के लिए पीरियड्स आने के कारण – halka aur kam dino ke liye periods aane ke kaaran


कुछ महिलाएं ऐसी हैं, जिनका मेंस्ट्रूअल साइकिल केवल एक या दो दिनों का होता है। साथ ही उन्हें पीरियड्स में बेहद हल्की ब्लीडिंग का अनुभव होता है। जिस प्रकार हैवी ब्लीडिंग सामान्य नहीं है, उसी प्रकार हल्की ब्लीडिंग होना भी नॉर्मल नहीं है।

बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं, जिन्हें अनियमित पीरियड्स की शिकायत रहती है। कुछ महिलाओं में पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक ब्लीडिंग तो कुछ महिलाओं का पीरियड्स काफी लंबे समय तक चलता है। इसके अलावा भी कुछ महिलाएं ऐसी हैं, जिनका मेंस्ट्रूअल साइकिल केवल एक या दो दिनों का होता है। साथ ही उन्हें पीरियड्स में बेहद हल्की ब्लीडिंग का अनुभव होता है। जिस प्रकार हैवी ब्लीडिंग सामान्य नहीं है, उसी प्रकार हल्की ब्लीडिंग होना भी नॉर्मल नहीं है (causes of short periods)। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। इसलिए यदि आपकी पीरियड साइकिल छोटी है, तो इसे नजरअंदाज न करें।

डॉ. आस्था दयाल, सी के बिरला, गुरुग्राम में स्थित हॉस्पिटल की आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की डायरेक्टर ने मेंस्ट्रूअल साइकिल की 1 से 2 दिनों की अवधि और इस दौरान हल्की ब्लीडिंग होने के पीछे के कुछ कारण समझाए हैं (causes of short periods)। साथ ही उन्होंने इस स्थिति से निपटने के उपाय भी बताए हैं। तो चलिए जानते हैं, ऐसे में आपको क्या करना है।

जानें हल्का और कम दिनों के लिए पीरियड्स आने के कारण (causes of short periods)

1. हार्मोंस में उतार चढ़ाव आना

एक हल्का या संक्षिप्त मासिक धर्म चक्र, जिसमें एक या दो दिन का पीरियड होता है, इसके कई कारण हो सकते हैं। हॉरमोन में बदलाव इसका एक आम कारण है, खास तौर पर प्यूबर्टी, मेनोपॉज या जन्म नियंत्रण बंद करने के बाद। शरीर के नए हॉरमोनल स्तरों के साथ तालमेल बिठाने के दौरान पीरियड्स का हल्का या इसके दिनों का छोटा होना सामान्य है।

periods ke karan
कई बार हल्के स्पॉटिंग नजर आते हैं, जिसे पीरियड्स समझा जाता है संभावित रूप से प्रेगनेंसी के कारण ऐसा हो सकता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

2. तनाव भी है एक संभावित कारण

पीरियड साइकिल पर तनाव का प्रभाव इसमें उतर चढ़ाव का कारण बन सकता है। अनियमित पीरियड्स विशेष रूप से पीरियड्स का कम दिनों तक रहना या कम ब्लीडिंग होना बढ़ते तनाव का संकेत हो सकता है। तनाव के कारण प्रजनन हार्मोन का उत्पादन बाधित हो सकता है, जिसकी वजह से पीरियड्स में परेशानी होती है।

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3. वजन में उतार चढ़ाव आना

मासिक धर्म चक्र और हार्मोन का स्तर अचानक वजन में बदलाव से आने भी प्रभावित हो सकता है। किसी भी वजह से जब वजन अचानक से बढ़ जाता है, या इसमें बहुत ज्यादा गिरावट आती है, तो इस स्थिति में पीरियड्स एक से दो दिनों में खत्म हो जाते हैं। वहीं इस दौरान बहुत हल्की ब्लीडिंग हो सकती है।

4. थायराइड की समस्या और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम

थायराइड की समस्या और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकते हैं, जिसमें छोटे पीरियड्स भी शामिल हैं। मासिक धर्म की लंबाई और नियमितता कई विकारों से प्रभावित होती है, जो हार्मोन उत्पादन में बाधा डालते हैं।

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5. ओव्यूलेशन में परेशानी आना

पीरियड्स का कम दिनों तक रहना खराब ओव्यूलेशन की निशानी हो सकती है। यदि आपका रिप्रोडक्टिव हेल्थ सही से काम नहीं कर रहा है, और आपके ओव्यूलेशन में किसी प्रकार की समस्या आ रही है, तो इस स्थिति में पीरियड्स में हल्की ब्लीडिंग हो सकती है, साथ ही पीरियड्स भी कम दिनों के लिए आती है।

प्रेगनेंसी, ब्रेस्ट फीडिंग और वज़न का बढ़ना व घटना पीरियड में ब्लीडिंग को प्रभावित करता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

स्पॉटिंग को न समझें पीरियड्स

कई बार हल्के स्पॉटिंग नजर आते हैं, जिसे पीरियड्स समझा जाता है (causes of short periods), संभावित रूप से प्रेगनेंसी के कारण ऐसा हो सकता है। इसके अलावा, खराब खान-पान, बहुत अधिक व्यायाम करना या नींद की कमी जैसे कारक भी इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। वहीं जीवन शैली के कई ऐसे विकल्प हैं, जो पीरियड्स को प्रभावित करते हैं।

मेंस्ट्रुअल साइकिल कब होता है नॉर्मल

डॉ. अस्था दयाल के अनुसार, “हर महिला की पीरियड्स की अवधि और कंसिस्टेंसी अलग-अलग हो सकती है। हालांकि, 4 से 8 दिनों के बीच का पीरियड साइकिल सामान्य माना जाता है।” एक सामान्य मासिक धर्म चक्र 28 दिनों का होना चाहिए, भले ही एक चक्र 28 से 40 दिनों के बीच हो सकता है।

एक-दो दिन ही आ रहे हों पीरियड तो क्या करें (what to do if you are getting short period)

1. स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान दें

यदि आपको कम समय के लिए पीरियड्स आ रहा हैं, जिसमें बहुत हल्की ब्लीडिंग हो रही है, तो स्ट्रेस मैनेजमेंट जरूरी है। यह संकेत इस बात को दर्शाते हैं कि आप क्रॉनिक स्ट्रेस की शिकार हैं। इस स्थिति में आपको रोजाना कुछ देर योग और मेडिटेशन में भाग लेना चाहिए। इसके अलावा अन्य ऐसी गतिविधियों में भाग लें, जो मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में आपकी मदद करे।

2. स्वस्थ आहार जरूरी है

कई बार खान पान गलत होने के कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से शरीर में कम खून बनता है। वहीं ओव्यूलेशन भी प्रभावित हो सकता है। इसके लिए अपने नियमित डाइट में स्वास्थ्य एवं संतुलित खाद्य पदार्थों को शामिल करें। विशेष रूप से आवश्यक विटामिन एवं मिनरल युक्त खाद्य पदार्थों का ध्यान रखें। एक बैलेंस डाइट आपके हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में भी आपकी मदद करता है।

आहार में विटामिन और मिनरल जैसे पोषक तत्वों को शामिल करके फर्टिलिटी को बढ़ाने और हार्मोन को बैलेंस करने में मदद मिलती है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

3. नींद पूरा करें और कुछ देर एक्सरसाइज करें

एक हेल्दी पीरियड साइकिल के लिए हेल्दी स्लीप साइकिल मेंटेन करना भी जरूरी है। रात को 8 से 9 घंटे की उचित नींद लेने का प्रयास करें। इसके अलावा शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने से भी मेंस्ट्रूअल साइकिल को मेंटेन रखने में मदद मिलती है। विशेष रूप से शारीरिक गतिविधियां आपको ओबेसिटी और हार्मोनल इंबैलेंस से बचाती हैं, जो अनियमित पीरियड के दो सामान्य कारण हैं।

4. डॉक्टर से मिलें

कम समय तक पीरियड्स आने और पीरियड्स के दौरान हल्की ब्लीडिंग होने के पीछे कई अंदरुनी कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। विशेष रूप से यह कारण रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुड़े होते हैं। ऐसे में लंबे समय तक इंतजार न करें, नजदीकी डॉक्टर से मिलें और अपनी इस स्थिति के बारे में चर्चा करें।

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