RBI ने किया Debit-Credit कार्ड से जुड़े मास्टर डायरेक्शन में संशोधन – rbi amended the master direction related to debit credit card


भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड से जुड़े दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली इकाइयों को बेहतर और असरदार सिस्टम पेश करना है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि फंडों के एंड यूज पर नजर रखी जा सके।

रिजर्व बैंक ने बताया कि दिशा-निर्देशों में ये संशोधित प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।
इसी के साथ आरबीआई ने बताया कि कार्डहोल्डर्स की सुविधा के लिए कार्ड ट्रांजैक्शन संबंधी डेटा सीधे एनक्रिप्टेड फॉर्म में कार्ड जारी करने वाले के सिस्टम से हासिल किया जा सकता है और इसे मजबूत सुरक्षा के साथ को-ब्रांडिंग प्लेटफॉर्म (CBP) पर दिखाया जा सकता है।

इस मामले में रिजर्व बैंक ने कहा, ‘CBP के प्लेटफॉर्म के जरिये दिखाई गई जानकारी सिर्फ कार्डहोल्डर को दिखेगी और इसे CBP द्वारा न तो ऐक्सेस और न ही स्टोर किया जा सकता है।’

कार्डहोल्डर का कार्ड डेटा शेयर नहीं करेंगे

दिशा- निर्देशों में जो संशोधन है उसमें ये भी कहा गया है कि कार्ड जारी करने वाले आउटसोर्सिंग पार्टनर के साथ कार्डहोल्डर का कार्ड डेटा शेयर नहीं करेंगे, जबतक की इस तरह का कोई भी डेटा शेयर करना आउटसोर्सिंग पार्टनर की जिम्मेदारियों के लिहाज से जरूरी हो।

बैंक ने ये भी कहा कि किसी भी तरह का डेटा शेयर करने के मामले में कार्डहोल्डर की सहमति जरूरी होगी। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कार्ड डेटा का स्टोरेज और ओनरशिप कार्ड जारी करने वाले के साथ रहे।

6 मार्च को भी जारी किया था दिशा-निर्देश

रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे पात्र ग्राहकों को क्रेडिट या डेबिट कार्ड जारी करते समय कई कार्ड नेटवर्क में से एक को चुनने का विकल्प मुहैया कराएं। केंद्रीय बैंक ने क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं से यह भी कहा है कि वे कार्ड नेटवर्क के साथ कोई भी ऐसा समझौता या व्यवस्था न करें जो ग्राहकों को दूसरे नेटवर्क की सेवाएं लेने से रोकता हो।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक परिपत्र में कहा, “समीक्षा करने पर यह पाया गया कि कार्ड नेटवर्क और कार्ड जारीकर्ताओं के बीच मौजूद कुछ व्यवस्थाएं ग्राहकों के लिए विकल्प उपलब्ध कराने के लिहाज से अनुकूल नहीं हैं।”

केंद्रीय बैंक ने कहा, “ऐसी स्थिति में यह निर्देश दिया जाता है कि कार्ड जारीकर्ता कार्ड नेटवर्क के साथ ऐसी कोई व्यवस्था या समझौता नहीं करेंगे जो ग्राहकों को अन्य कार्ड नेटवर्क की सेवाओं का लाभ उठाने से रोकता हो।”

आरबीआई ने कहा कि मौजूदा कार्डधारकों के लिए यह विकल्प कार्ड का अगला नवीनीकरण कराते समय दिया जा सकता है। कार्ड नेटवर्क के रूप में अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प, डायनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड, मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक पीटीई लिमिटेड, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया- रुपे और वीजा वर्ल्डवाइड पीटीई लिमिटेड सूचीबद्ध हैं।

First Published – March 8, 2024 | 8:27 AM IST

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