Rangbhari Ekadashi 2024: रंगभरी एकादशी पर इन बातों का रखें ध्यान, वरना कष्टों से घिर जाएगा जीवन


शास्त्रों के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। रंगभरी एकादशी का व्रत 20 मार्च को रखा जाएगा।

By Ekta Sharma

Publish Date: Tue, 19 Mar 2024 09:15 AM (IST)

Updated Date: Tue, 19 Mar 2024 09:15 AM (IST)

Rangbhari Ekadashi 2024

HighLights

  1. इस एकादशी को रंगभरी एकादशी और आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है।
  2. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
  3. रंगभरी एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।

धर्म डेस्क, इंदौर। Rangbhari Ekadashi 2024: माह में दो बार एकादशी आती है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में एकादशी पड़ती है। एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 20 मार्च को पड़ रही है। इस एकादशी को रंगभरी एकादशी और आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।

शास्त्रों के अनुसार, रंगभरी एकादशी के दिन कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इन कार्यों को किया जाए, तो पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है और व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि रंगभरी एकादशी के दिन किन कार्यों को नहीं करना चाहिए।

रंगभरी एकादशी शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, रंगभरी एकादशी तिथि 20 मार्च को रात 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। यह तिथि अगले दिन यानी 21 मार्च को 02:22 बजे समाप्त होगी। ऐसे में रंगभरी एकादशी का व्रत 20 मार्च को रखा जाएगा।

एकादशी पर इन नियमों का करें पालन

  • रंगभरी एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से व्यक्ति को अगला जन्म सरीसृप के रूप में मिलता है।
  • एकादशी के दिन नाखून और बाल भी नहीं काटने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस काम को करने से कई परेशानियां आ सकती हैं। साथ ही देवी-देवता भी नाराज होते हैं।
  • रंगभरी एकादशी व्रत के दौरान शैम्पू, तेल और साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • रंगभरी एकादशी के व्रत में किसी भी तरह के बुरे विचार मन में न लाएं।
  • इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें, जल चढ़ाएं। इस बात का ध्यान रखें कि एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
  • रंगभरी एकादशी के दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
  • इसके अलावा व्रत करने वाले व्यक्ति को सुबह पूजा करने के बाद दिन में सोना नहीं चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

  • ABOUT THE AUTHOR

    एकता शर्मा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं और बीते 2 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। डिजिटल मीडिया में काम करने का अनुभव है। साल 2022 से जागरण न्यू मीडिया (JNM) से जुड़ी हैं और Naiduni



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