उदया तिथि के अनुसार, रामनवमी पर्व 17 अप्रैल को मनाना चाहिए। इस दिन भगवान राम का पूजन दोपहर 12.21 बजे करना चाहिए।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Tue, 02 Apr 2024 01:14 PM (IST)
Updated Date: Tue, 02 Apr 2024 01:14 PM (IST)
HighLights
- इस साल रामनवमी तिथि की शुरुआत 16 अप्रैल को दोपहर 01.23 बजे होगी।
- इस तिथि का समापन 17 अप्रैल को दोपहर 03.14 बजे होगा।
- उदया तिथि के अनुसार, रामनवमी पर्व 17 अप्रैल को मनाना चाहिए।
धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल रामनवमी पर्व 17 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा। हर साल Ram Navami पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल Ram Navami को विशेष उत्साह के साथ मनाया जाएगा, क्योंकि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला रामनवमी उत्सव मनाया जाएगा। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, Ram Navami पर यदि भगवान श्रीराम की पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है तो साधक के बिगड़े काम भी बन जाते हैं।
इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, इस साल रामनवमी तिथि की शुरुआत 16 अप्रैल को दोपहर 01.23 बजे होगी और इस तिथि का समापन 17 अप्रैल को दोपहर 03.14 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, रामनवमी पर्व 17 अप्रैल को मनाना चाहिए। इस दिन भगवान राम का पूजन दोपहर 12.21 बजे करना चाहिए। इस दिन पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 11.03 बजे से दोपहर 01.38 बजे के बीच रहेगा।
ऐसे करें प्रभु श्रीराम की पूजा
- राम नवमी के दिन सुबह जल्द स्नान करे खुद को शुद्ध करें।
- इस तिथि को व्रत का संकल्प भी ले सकते हैं।
- श्रीराम की पूजा करने के लिए सबसे पहले चौकी सजाएं।
- श्रीराम के साथ माता सीता, लक्ष्मण और बजरंगबली की प्रतिमा स्थापित करें।
- जल अर्पित करने के बाद चंदन, रोली, अक्षत, फूल व फल आदि अर्पित करें।
- राम रक्षा स्त्रोत, श्री राम चालीसा और रामायण का पाठ करें।
- प्रभु श्रीराम की आरती के बाद प्रसाद वितरण करें।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’