Pradosh Vrat 2024: इस दिन पड़ रहा है मार्च माह का दूसरा प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि


प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखा जाता है और भगवान शिव की पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।

By Ekta Sharma

Publish Date: Mon, 11 Mar 2024 01:57 PM (IST)

Updated Date: Mon, 11 Mar 2024 01:57 PM (IST)

Pradosh Vrat march

HighLights

  1. इस महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 22 मार्च 2024, शुक्रवार को रखा जाएगा।
  2. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
  3. महादेव को प्रसन्न करने के लिए कठोर व्रत का पालन किया जाता है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में बहुत ही एक पवित्र त्योहार माना जाता है। यह भगवान शंकर और माता पार्वती को समर्पित होता है। भौतिक सुखों की प्राप्ति और समृद्धि के लिए यह व्रत रखा जाता है। बता दें कि प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखा जाता है और भगवान शिव की पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 22 मार्च 2024, शुक्रवार को रखा जाएगा। आइए, जानते हैं कि इस दिन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है।

प्रदोष व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 मार्च, शुक्रवार को सुबह 8.21 बजे शुरू होगी। इसकी समाप्ति सुबह 06 बजकर 11 मिनट पर होगी। उदयातिथि के अनुसार, प्रदोष व्रत 22 मार्च को रखा जाएगा।

शिव पूजन मंत्र

”ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्”।

”ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्” ||

प्रदोष व्रत पूजा विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। फिर पूजा घर को अच्छी तरह साफ करें। इसके बाद भक्त को भगवान शिव के सामने व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए। फिर एक वेदी पर शिव परिवार की मूर्ति स्थापित करें। उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं। सफेद चंदन का कुमकुम और तिलक लगाएं। देसी गाय के घी का दीपक जलाएं। प्रसाद में बेलपत्र अवश्य शामिल करें। सफेद पुष्पों की माला भी चढ़ाएं।

खीर का प्रसाद चढ़ाएं। पंचाक्षरी मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। प्रदोष व्रत कथा पढ़ें या सुनें। आरती के साथ पूजा संपन्न करें। महादेव को प्रसन्न करने के लिए कठोर व्रत का पालन किया जाता है। अगले दिन सुबह पूजा के बाद व्रत का पारण करें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

  • ABOUT THE AUTHOR

    एकता शर्मा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं और बीते 2 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। डिजिटल मीडिया में काम करने का अनुभव है। साल 2022 से जागरण न्यू मीडिया (JNM) से जुड़ी हैं और Naiduni



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