छोटी छोटी बात पर होने वाला चिड़चिड़ापन तन और मन दोनों को ही प्रभावित करने लगता है। ऐसे में मन को शांत और एकाग्र करने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है। गुस्से को कंट्रोल कर सकते हैं ये 3 योगासन
दिन में कई बार लोग गुस्से का सामना करते हैं। ये एक ऐसा इमोशन है, जो व्यक्ति के तनाव और चिंता का मुख्य कारण साबित होता है। इसका असर वर्कप्लेस और निजी जिंदगी दोनों पर दिखने लगता है। छोटी छोटी बात पर होने वाला चिड़चिड़ापन तन और मन दोनों को ही प्रभावित करने लगता है। ऐसे में मन को शांत और एकाग्र करने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है। इससे इंद्रियों को वश में करके मन में उठने वाले विचारों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। जानते हैं गुस्से और एंग्जाइटी से बचने के लिए किन योगासनों का करें अभ्यास।
किस प्रकार क्रोध को करें नियंत्रित
इस बारे में योग गुरू आचार्य प्रतिष्ठा का कहना है कि गुस्से को नियंत्रित करने के लिए खुद को बदलना ज़रूरी है। पास्ट में हुई घटनाओं को लेकर लोग गुस्सा होने लगते हैं। सबसे पहले इस बात को जान लें कि पास्ट को बदलना संभव नहीं है। अगर कोई आप पर गुस्सा होता है, तो आप उसे बदल नहीं सकते हैं। क्रोध व्यक्ति को खा जाता है।
ऐसे में मौन का अभ्यास इसमें आपकी मदद करता है। इससे रिएक्ट करने से पहले सोचने समझने का समय मिलता है। इसके अलावा योग व्रत भी बेहद कारगर है यानि आप खुद से वादा करें कि आप दिनभर गुस्सा नहीं करेंगें। इसके अलावा कुछ योगाभ्यास भी इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
गुस्से को कंट्रोल कर सकते हैं ये 3 योगासन
1. अंजनेयासन (Crescent moon pose)
तन और मन के संतुलन को बनाए रखने के लिए अंजनेयासन का अभ्यास नियमित तौर पर करना चाहिए। इससे मूड सि्ंवंग और एंग्जाइटी से बचा जा सकता है। इसके अलावा वे लोग जो घुटनों के दर्द से परेशान हैं, ये योग मुद्रा उनके लिए भी विशेष तौर से फायदेमंद है।
जानें इसे करने की विधि
इसे करने के लिए सबसे पहले मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं और अपने हिप्स को पैरों के तलवों पर टिका लें।
रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा कर लें और गहरी सांस लें। इसके बाद दाएं पैर को जमीन पर मज़बूती से रखें।
वहीं बाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए पीछे की ओर लेकर जाएं। अब दोनों आर्म्स को सीधा करें और उपर की ओर ले जाएं।
हाथों से नमस्कार की मुद्रा बनाए और गर्दन को बाईं ओर मोड़ लें। इसके बाद सांस को धीरे धीरे रिलीज़ करे।
अब बाएं पैर को जमीन पर रखें और दाएं को पीछे लेकर जाएं। 30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहे और सांस पर ध्यान दें।
2. परिवृत्त उत्कटासन (Revolved chair pose)
शरीर की मांसपेशियों को मज़बूत बनाए रखने और स्टेमिना का बूस्ट करने के लिए इस योगासन का अभ्यास आवश्यक है। इसे नियमित तौर पर करने से भावनाओं को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है। हैप्पी हार्मोन रिलीज होते है, जिससे शरीर में बढ़ने वाला तनाव कम होने लगता है।
जानें इसे करने की विधि
इसे करने के लिए ताड़ासन में खड़े हो जाएं और दोनों पैरों को एक दूसरे के करीब लेकर आएं।
इसके बाद दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ते हुए नीचे की ओर झुकें और कुर्सी के सामन बैठने का प्रयास करें।
अब दोनों हाथों को जोड़ लें और गहरी सांस लें। इसके बाद कमर को दाई ओर घुमाएं और दोनों हाथों को नमस्कार की मुद्रा में रखें।
दोनों हाथों को भी दाईं ओर घुमा लें। इसके बाद सांस को धीरे धीरे छोड़ें। सांस पर नियंत्रण बनाए रखें।
इस योगासन के दौरान एल्बो को थाईज़ पर टिका लें और शरीर के स्टेमिना के हिसाब से इस मुद्रा को बनाए रखें।
3. उत्तानासन (Standing forward bend)
उत्तानासन को स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड भी कहा जाता है। इसे करने से सिर की मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन नियमित रूप से होता है। इसके चलते तनाव, एंग्लाइटी, डिप्रेशन और नींद न आने की समस्या हल होने लगती है। इसे करने से पाचन को मज़बूती मिलती है और शरीर का लचीलापन भी बना रहता है।
जानें इसे करने की विधि
इसे करन के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों पैरों को नज़दीक ले आएं और पीठ को सीधा कर लें।
अब दोनों बाजूओं को उपर ले जाएं और कोहनियों से सीधा कर लें। उसके बाद कमर से आगे की ओर झुकें।
इसके बाद सिर को नीचे की ओर झुकाएं और सिर से टांगों को छुएं। दोनों हाथों से एड़ियों को छूने का प्रयास करें।
30 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहें और फिर धीरे धीरे उपर की ओर उठें और शरीर को ताड़ासन में ले आएं।
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