Phulera Dooj 2024: फुलेरा दूज पर विधि-विधान से करें राधा-कृष्ण की पूजा, बनने लगेंगे बिगड़े काम


मान्यता है कि इस दिन श्री राधा-कृष्ण की पूजा और व्रत करने से वैवाहिक जीवन खुशियों से भरा रहता है।

By Ekta Sharma

Publish Date: Wed, 06 Mar 2024 01:44 PM (IST)

Updated Date: Wed, 06 Mar 2024 01:44 PM (IST)

Phulera Dooj 2024

HighLights

  1. इस बार फाल्गुन माह में फुलेरा दूज 12 मार्च को मनाई जाएगी।
  2. पूजा का शुभ समय सुबह 9 बजकर 32 मिनट से दोपहर 2 बजे तक है।
  3. ब्रह्म बेला में उठकर श्री राधा-कृष्ण का ध्यान करके अपने दिन की शुरुआत करें।

धर्म डेस्क, इंदौर। Phulera Dooj 2024: पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस अवसर पर राधा-कृष्ण की पूजा करने की परंपरा है। फुलेरा दूज पर मथुरा में फूलों की होली खेली जाता है। इस बार फाल्गुन माह में फुलेरा दूज 12 मार्च को मनाई जाएगी।

मान्यता है कि इस दिन श्री राधा-कृष्ण की पूजा और व्रत करने से वैवाहिक जीवन खुशियों से भरा रहता है। आइए, जानते हैं कि फुलेरा दूज पर श्री राधा-कृष्ण की पूजा किस तरह करना चाहिए।

फुलेरा दूज शुभ मुहूर्त

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 11 मार्च को सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर प्रारंभ होगी। यह 12 मार्च 2024 को सुबह 07:13 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। ऐसे में फुलेरा दूज का त्योहार 12 मार्च को मनाया जाने वाला है। इस दिन श्री राधा-कृष्ण की पूजा का शुभ समय सुबह 9 बजकर 32 मिनट से दोपहर 2 बजे तक है।

फुलेरा दूज पूजा विधि

फुलेरा दूज के दिन ब्रह्म बेला में उठकर श्री राधा-कृष्ण का ध्यान करके अपने दिन की शुरुआत करें। इसके बाद स्नान करें और साफ कपड़े पहन लें। अब सूर्य देव को जल चढ़ाएं। गंगाजल, दही, जल, दूध और शहद से श्री राधा-कृष्ण का अभिषेक करें। उनका विशेष तरह से श्रृंगार करें। अब एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उन्हें विराजित करें। टोकरी से उन पर फूलों की वर्षा करें।

इसके बाद नैवेद्य, धूप, फल और अक्षत जैसी विशेष चीजें चढ़ाएं। घी का दीपक जलाएं और उनकी आरती करें। साथ ही मंत्रों का जाप करें। इसके बाद उन्हें मक्खन, मिश्री, खीर, फल और मिठाइयां अर्पित करें। प्रसाद में तुलसी दल भी शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण तुलसी दल के बिना भोग स्वीकार नहीं करते हैं। अंत में प्रसाद लोगों में बांट दें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

  • ABOUT THE AUTHOR

    एकता शर्मा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं और बीते 2 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। डिजिटल मीडिया में काम करने का अनुभव है। साल 2022 से जागरण न्यू मीडिया (JNM) से जुड़ी हैं और Naiduni



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