प्रधानमंत्री माेदी डल झील के किनारे योगाभ्यास कर दसवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं। इस बार यह और भी खास इसलिए है, क्योंकि यह पूरी तरह महिलाओं के स्वास्थ्य को समर्पित है।
योग जिसकी जड़ें भारत में हैं, आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए एक शानदार एक्टिविटी है। भारत ने ही पूरी दुनिया को योग को एक दिवस के रूप मे मनाने का संदेश दिया है। 2024 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बहुत खास है क्योंकि इस साल ये अपनी 10वी वर्षगांठ मनाने जा रहा है। योग का उद्देश्य जन जन तक कल्याण की भावना को पहुंचाना है। साथ ही सभी को योग का महत्व बताना है।
इस बार 2024 में प्रधानमंत्री मोदी जम्मू-कश्मीर में डल झील के किनारे योग दिवस मनाने रहे हैं। शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें 3,000-4,000 से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (Theme of International Yoga Day 2024)
इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 की थीम, “स्वयं और समाज के लिए योग” इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे योग न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बढ़ाता है बल्कि सामाजिक कल्याण में भी योगदान देता है। यह व्यक्तिगत और सामूहिक स्वास्थ्य के परस्पर संबंध को बनाने का भी काम करता है, योग को व्यक्तिगत विकास और सामाजिक बेहतरी के साधन के रूप में बढ़ावा देता है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरूआत कब हुई (History of International Yoga Day)
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विचार सबसे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान प्रस्तावित किया था।
11 दिसंबर, 2014 को, यूएनजीए ने संकल्प 69/131 को अपनाया, जिसके तहत 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। यह तिथि ग्रीष्म संक्रांति के साथ मेल खाने के लिए चुनी गई थी, जो उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में वर्ष का सबसे लंबा दिन है, जिसका कई संस्कृतियों में विशेष महत्व है।
पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2015 को मनाया गया, जिसके लिए दुनिया भर में कार्यक्रम आयोजित किए गए। भारत में, नई दिल्ली में एक विशाल योग सत्र आयोजित किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और हजारों प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसने सबसे बड़ी योग कक्षा का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का क्या महत्व है (Importance of International Yoga Day)
योग शरीर में लचीलापन, शक्ति और मुद्रा में सुधार करता है। यह पुरानी बीमारियों के प्रबंधन में मदद करता है और समग्र शारीरिक फिटनेस को बढ़ाता है। योग तनाव, एंग्जाइटी और अवसाद को कम करने के लिए जाना जाता है।
योग मन, शरीर और आत्मा के बीच एक गहरा संबंध बनाता है, जो माइडफूलनेस और आंतरिक शांति को प्रोत्साहित करता है। योग कार्यक्रम और सत्र लोगों को एक साथ लाते हैं, समुदाय और सामूहिक कल्याण की भावना को बढ़ावा देते हैं।
अगर योगाभ्यास की शुरुआत कर रही हैं , तो जानिए आपको क्या करना है और क्या नहीं (Do’s and Don’ts of practicing Yoga )
क्या करें
1 योगा करते समय ध्यान भटकाने वाली किसी भी चीज़ से दूर रहें। साफ़ और शांत जगह पर अभ्यास करें। इससे ध्यान केंद्रित करने और आराम करने में मदद मिलती है।
2 कोई भी एक्सरसाइज पेट भर खाना खाने के बाद नहीं करनी चाहिए। योगासन भी आपको खाली पेट ही करना चाहिए। योगाभ्यास शुरू करने से पहले मूत्राशय और आंतें खाली होनी चाहिए। अगर आपको कमजोरी लग रही है तो शहद के साथ गर्म पानी ले सकती है।
3 किसी भी योगा या व्यायम को करने से पहले आपमे शरीर को गर्म करना जरूरी है। इसके लिए आपको वार्मअप करना चाहिए। इससे योगासन करते समय किसी भी तरह की चोट से बचा जा सकता है। इसके लिए हल्के स्ट्रेच और बेसिक आसन करें।
4 ऐसे कपड़े चुनें जो पूरी तरह से मूवमेंट करने और आराम देने वाले हों। हाइड्रेटेड रहने के लिए अभ्यास से पहले और बाद में खूब पानी पिएं। योगासन करते समय आपनी सुविधा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
5 अपनी सांसों पर ध्यान दें। गहरी सांस लें और छोड़ें, अपनी सांसों को अपनी मुवमेंट के साथ तालमेल में रखें। अपने शरीर की सीमाओं का सम्मान करें और खुद को दर्द में धकेलने से बचें। प्रत्येक व्यक्ति का लचीलापन और ताकत का स्तर अलग-अलग होता है।
क्या न करें
1 योगा खाली पेट करने की सलाह दी जाती है लेकिन अगर आपने खाना का लिया है, तो तुरंत योगा न करें बल्कि असुविधा से बचने के लिए भोजन के कम से कम 2-3 घंटे बाद योग का अभ्यास करना सबसे अच्छा है।
2 योगा के शुरू करने से पहले जैसे वॉर्म अप जरूरी है वैसे ही खत्म करने के साथ आपको विश्राम मुद्रा करनी चाहिए। आपके शरीर के लिए अभ्यास को एकीकृत करने के लिए आवश्यक है। इसे छोड़ने से आप अशांत महसूस कर सकते हैं।
3 बीमारी, सर्जरी, मोच या फ्रैक्चर के दौरान योगाभ्यास से बचना चाहिए। या आपको डॉक्टर की सलाह लेने के बाद योग फिर से शुरू करना चाहिए। योगा तभी करना ठीक है जब आप उसे आराम से कर सके।
4 योग में सांस लेना बहुत महत्वपूर्ण है। जब तक विशेष श्वास अभ्यास में ऐसा करने का निर्देश न दिया जाए, तब तक अपनी सांस को कभी न रोकें। हर योगासन में सांस लेने और छोड़ने का अलग तरीका होता है उसका ध्यान रखें।
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