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Mpox Treatment: मंकीपॉक्स का इलाज क्या है? जानें इसके ट्रीटमेंट ऑप्शन | mpox treatment options know from expert in hindi

bareillyonline.com by bareillyonline.com
23 August 2024
in न्यूज़
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Mpox Treatment: कोराना वायरस (Coronavirus in Hindi) का खतरा कम ही हुआ था कि अब Mpox ने लोगों के मन में डर बना दिया है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि एमपॉक्स से, कोरोना वायरस जैसी महामारी का खतरा नहीं है। क्योंकि, Mpox वायरस के बारे में काफी जानकारी पहले से ही उपलब्ध है। लेकिन, अफ्रीकी देशों में एमपॉक्स के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही हैं। भारत में भी एमपॉक्स को लेकर अलर्ट चल रहा है। सरकार ने भी संदिग्धों की पहचान के लिए एयरपोर्ट और अस्पतालों के लिए एजवायजरी जारी कर दी है। ताकि, एमपॉक्स के मामलों को देश में फैलने से रोका जा सके। एमपॉक्स में त्वचा पर दाने नजर आने लगते हैं। इसके अलावा, इसमें लिम्फ नोड्स में भी सूजन आ जाती है। ऐसे में इन बीमारी का समय पर इलाज करवाना जरूरी होता है। लेकिन क्या Mpox का इलाज संभव है? या एमपॉक्स का इलाज क्या है (Mpox ka ilaz Kya Hai)? आइए, विस्तार से जानते हैं Mpox के ट्रीटमेंट ऑप्शन–

मंकीपॉक्स क्या है?- What is MPox in Hindi

Mpox को मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। यह एक जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। लेकिन, एमपॉक्स एक से दूसरे व्यक्ति में भी आसानी से फैल सकता है। यह बीमारी श्लेष्म झिल्ली और त्वचा को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। इसकी वजह से त्वचा पर दाने नजर आ सकते हैं। लिम्फ नोड्स में सूजन, मांसपेशियों में दर्द और बुखार भी एमपॉक्स के आम लक्षण माने जाते हैं। कुछ अफ्रीकी देशों में एमपॉक्स के मामले बढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं, कुछ मामलों में यह जानलेवा भी है। इसलिए इस बीमारी का इलाज करवाना जरूरी होता है। 

Mpox का इलाज क्या है?- Mpox Treatment in Hindi

Mpox के इलाज में कुछ दवाइयां कारगर साबित हो सकती हैं। हालिया दिशानिर्देशों के अनुसार डॉक्टर, एमपॉक्स के रोगियों का इन्हीं दवाइयों से इलाज कर रहे हैं। एमपॉक्स के इलाज के दौरान, मरीज की देखभाल करना भी जरूरी है। साथ ही, उन्हें महसूस होने वाले लक्षणों को कम करने की जरूरत है। 

women taking medicine

एंटीवायरल मेडिसिन

स्पर्श हॉस्पिटल, येलहंका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. थारनाथ एस बताते हैं, “एमपॉक्स के इलाज के लिए एंटीवायरल मेडिसिन दी जाती है। हालिया दिशानिर्देशों के अनुसार, डॉक्टर Mpox के इलाज के लिए टेकोविरिमेट जैसी एंटीवायरल दवाइयां लिख सकते हैं। अगर एमपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं, तो एंटीवायरल दवाइयां कारगर साबित हो सकती हैं। हालांकि, आपको डॉक्टर से परामर्श के बाद ही किसी दवा का सेवन करना चाहिए।”

इसे भी पढ़ें- तेजी से फैल रहा Mpox, इन 5 शुरुआती चेतावनी संकेतों को बिलकुल न करें नजरअंदाज

दर्दनिवारक दवाइयां

फिलहाल एमपॉक्स का इलाज, इसके लक्षणों के आधार पर किया जा रहा है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को मांसपेशियों, जोड़ों या सिर में दर्द होता है, तो इस स्थिति में डॉक्टर पेनकिलर लिख सकते हैं। यानी अभी Mpox के इलाज के लिए, इसके लक्षणों को कम करने पर ध्यान दिया जा रहा है। हल्के लक्षणों वाले मरीजों को इन दवाइयों से ही एमपॉक्स से राहत मिल सकती है।  

Mpox Virus

वैक्सीन

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एमपॉक्स वैक्सीन लगवाने से संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है। एमपॉक्स की वैक्सीन तब दी जा सकती है, जब कोई व्यक्ति, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ जाता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के 4 दिनों के भीतर वैक्सीन लगवाई जा सकती है। लेकिन अगर कोई लक्षण महसूस नहीं हो रहा है, तो इस स्थिति में 14 दिनों के भीतर भी वैक्सीन ली जा सकती है। 

इसे भी पढ़ें- एक से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है Mpox? इस तरह से करें बचाव

लक्षणों के अनुसार दवाई देना

नारायण हेल्थ एसआरसीसी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नेहल शाह बताते हैं, “Mpox बच्चों में अधिक गंभीर हो सकता है। इसलिए इसके लक्षणों का जल्दी पता लगाना जरूरी होता है। फिलहाल एमपॉक्स का इलाज, इसके लक्षणों के आधार पर किया जा रहा है। अगर किसी व्यक्ति को शरीर में दर्द है, तो उसे दर्दनिवारक दवाई दी जा रही है। वहीं, हाइड्रेशन के लिए खूब पानी पीने की सलाह दी जा रही है। अगर बच्चे को ठंड लगे तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें। घर में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए, संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट जरूर करें।”

अस्पताल में भर्ती

गंभीर लक्षणों वाले रोगियों को अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ रही है। इस स्थिति में मरीज, डॉक्टर की निगरानी में रहते हैं। उन्हें भी लक्षणों को कम करने वाली दवाइयां दी जाती है। खासकर, अगर किसी व्यक्ति को श्वसन-तंत्र से जुड़ी समस्याएं होनी शुरू हो जाती हैं, तो ऐसे में अस्पताल  में एडमिट करवाने की जरूरत पड़ जाती है।

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