खनन गतिविधियों से अफ्रीकी ग्रेट एप्स को खतरा
स्रोत: डाउन टू अर्थ
साइंस एडवांसेज़ जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में अफ्रीका की ग्रेट एप्स आबादी के लिये खनन गतिविधियों से उत्पन्न गंभीर खतरे पर प्रकाश डाला गया है।
- अध्ययन से संकेत मिलता है कि अफ्रीका में संपूर्ण ग्रेट एप्स आबादी के एक तिहाई से अधिक, लगभग 180,000 को खनन गतिविधियों से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष खतरों का सामना करना पड़ता है।
- लगभग 20% महत्त्वपूर्ण आवास खनन क्षेत्रों से मिलते हैं। लाइबेरिया, सिएरा लियोन, माली और गिनी जैसे देशों में ग्रेट एप्स के आवास एवं खनन स्थलों के बीच महत्त्वपूर्ण समानताएँ दिखाई देती हैं।
- बोनोबो (Pan paniscus); चिंपैंजी (Pan troglodytes); ईस्टर्न गोरिल्ला (Gorilla beringei); वेस्टर्न गोरिल्ला (Gorilla gorilla), एवं ऑरंगुटान (Pongo) को उनके बड़े आकार एवं मानव जैसी विशेषताओं के कारण ‘ग्रेट एप्स’ कहा जाता है। ग्रेट एप्स होमिनिडे के रूप में वर्गीकृत प्राइमेट्स का एक वर्गीकृत परिवार हैं।
- IUCN रेड लिस्ट के अनुसार, सभी ग्रेट एप्स प्रजातियों को लुप्तप्राय (EN) अथवा गंभीर रूप से संकटग्रस्त (CR) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
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