Microcytic Anemia Symptoms and Prevention Measures: एनीमिया एक बहुत ही आम समस्या है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 57 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। किसी भी व्यक्ति को एनीमिया जैसी घातक बीमारी तब होती है, जब शरीर में आयरन यानी की खून की कमी हो जाती है। खानपान में कमी और कम उम्र में गर्भधारण की वजह से भारत में कई महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। लेकिन आज इस लेख में हम माइक्रोसाइटिक एनीमिया के बारे में बात करने जा रहे हैं। यह एनीमिया का ही एक प्रकार है। माइक्रोसाइटिक एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति में एनीमिया जैसे ही कुछ लक्षण नजर आते हैं। पर इन पर ज्यादा गौर न किया जाए तो यह घातक साबित हो सकता है। आज इस आर्टिकल दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसलटेंट दीपक गुप्ता से जानेंगे माइक्रोसाइटिक एनीमिया क्या, इस बीमारी के लक्षण और बचाव के बारे में।
माइक्रोसाइटिक एनीमिया क्या होता है? – What is Microcytic Anemia?
डॉ. दीपक गुप्ता के अनुसार, किसी भी व्यक्ति में माइक्रोसाइटिक एनीमिया की स्थिति तब देखी जाती है, जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या बहुत ज्यादा ही कम हो जाती है। कुछ गंभीर मामलों में लाल रक्त कोशिकाएं सामान्य से ज्यादा छोटी हो जाती हैं। इस बीमारी में शरीर में पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन नहीं पाता है। जिसकी वजह से शरीर के सभी अंगों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है। डॉक्टर के अनुसार, हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद एक तरह का प्रोटीन होता है। यही प्रोटीन पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है, तो इसकी वजह से आपको सांस लेने में परेशानी और कई तरह की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
माइक्रोसाइटिक एनीमिया के लक्षण क्या हैं?- What are the Symptoms of Microcytic Anemia in Hindi
डॉ. दीपक गुप्ता के अनुसार, माइक्रोसाइटिक एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति में नीचे बताए गए लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
थकान
त्वचा का पीला पड़ना
सांस लेने में तकलीफ होना
दिल की धड़कन का तेज होना
पिका (केवल तब होता है जब माइक्रोसाइटोसिस आयरन की कमी हो)।
माइक्रोसाइटिक के कारण- Causes of Microcytic Anemia in Hindi
माइक्रोसाइटिक एनीमिया मुख्य रूप से खाने में आयरन की कमी की वजह से होता है। कुछ मामलों में यह बीमारी छोटी आंत में क्रोनिक डायरिया, गेस्ट्रोक्टॉमी, और आहार में विटामिन सी की कमी के कारण होता है। डॉक्टर के अनुसार, महिलाओं में माइक्रोसाइटिक एनीमिया पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग के कारण भी हो सकता है। यह बीमारी थैलेसीमिया के कारण भी होती है। थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या असामान्य या बढ़ी हुई हो सकती है, लेकिन कोशिकाओं के अंदर हीमोग्लोबिन कम होता है (हाइपोक्रोमिक माइक्रोसाइटोसिस)। हल्के प्रकार के थैलेसीमिया में एनीमिया के बिना माइक्रोसाइटोसिस होता है।
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माइक्रोसाइटोसिस एनीमिया का इलाज क्या है?- Treatment of Microcytic Anemia in Hindi
मुख्य रूप से माइक्रोसाइटोसिस एनीमिया का कोई सटीक इलाज वर्तमान में मौजूद नहीं है। डॉक्टर व्यक्ति के लक्षणों, आयु और लिंग के आधार पर दवाओं का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा इस बीमारी से बचाव करने के लिए आप डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, किशमिश , खुबानी और खट्टे फल जैसी चीजों का सेवन करें। इसके अलावा सप्ताह में 2 से 3 बार चुकंदर और गाजर का जूस जरूर पिएं। गाजर और चुकंदर का जूस पीने से शरीर में आयरन की कमी पूरी होती है और एनीमिया से जुड़ी बीमारियां नहीं होती हैं।