मौसम विभाग की किसानों को भीषण गर्मी में फसलों और पौध संरक्षण के लिए सलाह | फसलों की देखभाल | गर्मी के नुकसान | गर्मी से बचाव | कृषि सलाह


भीषण गर्मी में फसलों और पौध संरक्षण के लिए सलाह

कपास:

किसानों को सलाह दी जाती है कि वे खेत तैयार करें और कपास की फसल की बुआई पूरी कर लें।

बेहतर अंकुरण और फसल के खड़े रहने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले पानी से बुआई से पहले भारी सिंचाई करें।

गन्ना:

फसल की बेहतर वृद्धि के लिए 7-12 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।

मिट्टी के तापमान और नमी की कमी को कम करने के लिए गन्ने की पंक्तियों के बीच धान का पुआल या चावल की भूसी या गन्ने का कचरा 20-25 क्विंटल/एकड़ की दर से डालें।

दीमक के नियंत्रण के लिए, 400 लीटर का उपयोग करके 200 मिलीलीटर कोराजन 18.5 एससी (क्लोरेंट्रानिलिप्रोल) डालें।

हरा चारा: जल्दी चारा प्राप्त करने के लिए चारा मक्का, ज्वार, बाजरा, नेपियर बाजरा और गिनी घास की बुआई शुरू करें। 

सब्जियां: कद्दू और अन्य सब्जियों जैसे टमाटर, मिर्च, बैंगन और भिंडी की नियमित अंतराल पर कटाई करें। 

अधिकतम उपज प्राप्त करें:

यह भिंडी और लोबिया तथा खरबूजा, खीरा जैसी कद्दूवर्गीय सब्जियों की सीधी बुआई का सही समय है। 

लौकी, स्पंज लौकी, करेला, ऐश लौकी, टिंडा की बुआई के लिए प्रति एकड़ 2 किलोग्राम बीज का उपयोग करें।

खेत में मिर्च, बैंगन और पॉलीथिन/प्लग ट्रे में लगाए गए खीरे की नर्सरी की रोपाई करें।

अत्यधिक देखभाल:

तापमान में वृद्धि के साथ फलों का गिरना बढ़ रहा है, इसलिए आड़ू में मिट्टी को लगातार नम रखें बेर के बगीचे।

खट्टे फलों, लीची और आम में हल्की और बार-बार सिंचाई करें।

खट्टे फलों में, साइट्रस साइला को 200 मिलीलीटर क्रोकोडाइल/कॉन्फिडोर 17.8 एसएल या 160 ग्राम का छिड़काव करके रोका जा सकता है।



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