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  • Business News Update; share market, gold silver rate, petrol diesel price today, Adani Power | पेट्रोल-डीजल के दाम में आज कोई बदलाव नहीं: बांग्लादेश ने पेमेंट नहीं की तो बिजली काट देंगे अडाणी, टॉप-10 में 6 कंपनियों की वैल्यू ₹1.07 लाख करोड़ बढ़ी Hindi NewsBusinessBusiness News Update; Share Market, Gold Silver Rate, Petrol Diesel Price Today, Adani Powerनई दिल्ली45 मिनट पहलेकॉपी लिंककल की बड़ी खबर अडाणी पावर से जुड़ी रही। अडाणी पावर ने बिजली बिल का बकाया पेमेंट करने के लिए बांग्लादेश को चार दिन की मोहलत दी है। कंपनी ने पहले ही बांग्लादेश की बिजली आपूर्ति आधी कर दी है। ग्रुप की कंपनी अडाणी पावर झारखंड लिमिटेड (APJL) ने 846 मिलियन डॉलर (करीब 7,118 करोड़ रुपए) बकाए का भुगतान नहीं होने पर यह कदम उठाया है।वहीं मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 6 की वैल्यू बीते हफ्ते कंबाइंड रूप से 1.07 लाख करोड़ रुपए बढ़ी है। इस दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) टॉप गेनर रही है। हफ्ते भर के कारोबार के बाद बैंक का मार्केट कैप 36,100 करोड़ रुपए बढ़कर 7.33 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट, जिन पर रहेगी नजर…शेयर बाजार में आज गिरावट देखने को मिल सकती है।IRFC और IRCTC के दूसरी तिमाही के नतीजे आएंगे।एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के IPO की लिस्टिंग होगी।पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है।अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें…1. बांग्लादेश ने पेमेंट नहीं की तो बिजली काट देंगे अडाणी: 4 दिन का समय दिया, सप्लाई भी आधी की; ₹7,118 करोड़ हैं बकायाअडाणी पावर ने बिजली बिल का बकाया पेमेंट करने के लिए बांग्लादेश को चार दिन की मोहलत दी है। कंपनी ने पहले ही बांग्लादेश की बिजली आपूर्ति आधी कर दी है। ग्रुप की कंपनी अडाणी पावर झारखंड लिमिटेड (APJL) ने 846 मिलियन डॉलर (करीब 7,118 करोड़ रुपए) बकाए का भुगतान नहीं होने पर यह कदम उठाया है।बांग्लादेश के पावर ग्रिड के डेटा के मुताबिक APJL ने गुरुवार रात से इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई में यह कटौती की है। इस कटौती से बांग्लादेश को एक रात में 1,600 मेगावाट से ज्यादा की पावर शॉर्टेज का सामना करना पड़ा। 1,496 मेगावाट का बांग्लादेशी प्लांट अब 700 मेगावाट पर काम कर रहा है।पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…2. टॉप-10 में 6 कंपनियों की वैल्यू ₹1.07 लाख करोड़ बढ़ी: पिछले हफ्ते के कारोबार में SBI का मार्केट कैप ₹36,100 करोड़ बढ़ा, इंफोसिस टॉप लूजर रहीमार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 6 की वैल्यू बीते हफ्ते कंबाइंड रूप से 1.07 लाख करोड़ रुपए बढ़ी है। इस दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) टॉप गेनर रही है। हफ्ते भर के कारोबार के बाद बैंक का मार्केट कैप 36,100 करोड़ रुपए बढ़कर 7.33 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।SBI के अलावा, ICICI बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ITC और हिंदुस्तान यूनिलीवर का मार्केट कैप बढ़ा है। वहीं, इंफोसिस इस दौरान टॉप लूजर रही। कंपनी का मार्केट कैप 38,054 करोड़ रुपए कम होकर 7.31 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है।पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…3. फॉक्सवैगन-मर्सिडीज जैसी दिग्गज कार कंपनियों को चीन में कड़ी चुनौती: चीन दुनियाभर में सस्ती EV से पैठ बढ़ा रहा; लागत 30% कम, ये सस्ती भीऑटोमोबाइल के सबसे बड़े बाजार चीन ने दुनियाभर की ऑटो इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया है। यूरोप की फॉक्सवैगन, मर्सिडीज-बेंज, एस्टन मार्टिन, बीएमडब्ल्यू जैसी कंपनियों को अपनी पेट्रोल और ईवी कारें चीन में बेचने में पसीना आ रहा है। वहीं चीन अपनी सस्ती ईवी कारों की पैठ दुनियाभर में बढ़ाता जा रहा है।हालात ये हैं कि चीन में यूरोपीय कंपनियां दम तोड़ रही हैं। जर्मन कंपनी फॉक्सवैगन की चार दशक की बादशाहत ध्वस्त होने की कगार पर है। कंपनी की इस साल वहां बिक्री 10% से अधिक घटी है। कंपनी की 30% आय चीन से होती है, लेकिन जुलाई-सितंबर तिमाही में मुनाफा 64% तक गिर गया। कंपनी 87 साल में पहली बार जर्मनी में 3 कारखाने बंद करने जा रही है। चीन में भी प्रोडक्शन घटाना पड़ रहा है।पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…4. स्मार्टफोन से हिंदू आस्था का डिजिटल उदय: धा​र्मिक स्टार्टअप्स में निवेश 1 साल में 10 गुना हुआ, दर्शन से पूजा तक ऑनलाइनभारतीय मूल की खुशबू (बदला हुआ नाम) इन दिनों दुबई में हैं और दो महीने से ‘श्री मंदिर’ ऐप से जुड़ी हैं। उन्होंने ऐप से ज्योतिषी की सलाह पर भारत के मंदिरों में वर्चुअल पूजा रखवाई है। यह ऐप 891 रु. में भारत या विदेश से श्रद्धालुओं को किसी भी मंदिर में वर्चुअल पूजा करने की सुविधा देता है। वामा ऐप पर 101 रु. में अयोध्या में दीपदान की सुविधा है।आस्था आधारित ये ऐप भारत के स्टार्टअप परिदृश्य में नया आयाम जोड़ रहे हैं। इनका लक्ष्य भारत सहित दुनियाभर में रहने वाले 110 करोड़ से ज्यादा हिंदुओं को आकर्षित करना है। वामा के को-फाउंडर मनु जैन कहते हैं, ‘ऐसी सेवा का उदय स्मार्टफोन के तेज प्रसार का नतीजा है। हालांकि, ईसाई व मुस्लिम धार्मिक स्टार्टअप आंकड़ों में बहुत आगे हैं।पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…5. शेयर बाजार में आ सकती है बड़ी गिरावट: FIIs ने ₹1.2 लाख करोड़ के शेयर बेचे, 5 फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल​​​​​​​4 नवंबर से शुरू होने वाले हफ्ते में शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है। इस हफ्ते कंपनियों के तिमाही नतीजे, ग्लोबल और डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा सहित अन्य फैक्टर्स पर निवेशकों की नजर होगी।मार्केट एक्सपर्ट हरशुभ शाह के मुताबिक आने वाले दिनों में बाजार में क्रैश आ सकता है, इसलिए अभी खरीदारी से बचना चाहिए। शाह ने मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन भी निवेशकों को बाजार से दूर रने की सलाह दी थी।पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…कल दुनिया के टॉप-10 सबसे अमीर कौन रहे यह भी देख लीजिए…कल रविवार को बाजार बंद था तो शुक्रवार के शेयर मार्केट और गुरुवार के सोने-चांदी का हाल जान लीजिए…पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडर की लेटेस्ट […]

  • OnePlus 13 Getting Strong Demand, More than 1 Lakh Units Sold in 30 Minutes of Launchबड़ी स्मार्टफोन कंपनियों में शामिल OnePlus […]

  • Smartphones bring digital rise to Hindu faith, Investment in religious startups increased 10 times in 1 year, from darshan to puja is online | स्मार्टफोन से हिंदू आस्था का डिजिटल उदय: धा​र्मिक स्टार्टअप्स में निवेश 1 साल में 10 गुना हुआ, दर्शन से पूजा तक ऑनलाइन Hindi NewsBusinessSmartphones Bring Digital Rise To Hindu Faith, Investment In Religious Startups Increased 10 Times In 1 Year, From Darshan To Puja Is Onlineनई दिल्ली14 मिनट पहलेकॉपी लिंकभारतीय मूल की खुशबू (बदला हुआ नाम) इन दिनों दुबई में हैं और दो महीने से ‘श्री मंदिर’ ऐप से जुड़ी हैं। उन्होंने ऐप से ज्योतिषी की सलाह पर भारत के मंदिरों में वर्चुअल पूजा रखवाई है। यह ऐप 891 रु. में भारत या विदेश से श्रद्धालुओं को किसी भी मंदिर में वर्चुअल पूजा करने की सुविधा देता है। वामा ऐप पर 101 रु. में अयोध्या में दीपदान की सुविधा है।आस्था आधारित ये ऐप भारत के स्टार्टअप परिदृश्य में नया आयाम जोड़ रहे हैं। इनका लक्ष्य भारत सहित दुनियाभर में रहने वाले 110 करोड़ से ज्यादा हिंदुओं को आकर्षित करना है। वामा के को-फाउंडर मनु जैन कहते हैं, ‘ऐसी सेवा का उदय स्मार्टफोन के तेज प्रसार का नतीजा है। हालांकि, ईसाई व मुस्लिम धार्मिक स्टार्टअप आंकड़ों में बहुत आगे हैं।ईसाईयों को धार्मिक सेवा दे रहे ‘यू वर्जन बाइबिल’ ऐप के 72.5 करोड़ और ‘मुस्लिम प्रो’ के 10 करोड़ डाउनलोड हैं। इन सुपर-ऐप की बराबरी के लिए हिंदू स्टार्टअप को लंबा रास्ता तय करना है।’ हिंदू स्टार्टअप्स के पास देवी-देवताओं की पूजा का विकल्प देने की सहूलियत है। इसलिए ये आस्था की बड़ी लहर लाने की शक्ति रखते हैं।इस कारोबारी मॉडल का आधार गहरी व विकसित होती धार्मिकता है। 2023 के पोलस्टर गैलप के सर्वे के अनुसार 80% भारतीय, धर्म को जीवन का अहम हिस्सा मानते हैं। वैश्विक आंकड़ा 63% है।रिसर्च फर्म आईएमएआरसी के मुताबिक भारत का धार्मिक बाजार सालाना करीब 5 लाख करोड़ (जीडीपी के 1.7% के बराबर) होने का अनुमान है। यह आंकड़ा 2032 तक दोगुने से ज्यादा होने की उम्मीद है। इसलिए इन स्टार्टअप्स को सौदा घाटे का नहीं लग रहा।ये नंबर्स भी अहम…धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है। अयोध्या राममंदिर में इस साल 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।2023 में घरेलू पर्यटन का 60% हिस्सा धर्मस्थलों की यात्रा का रहा है।अगले दशक में धार्मिक यात्रा पर खर्च चौगुना होने की उम्मीद है।1 हजार स्टार्टअप धार्मिक उद्देश्य में मदद कर रहेडेटा प्रदाता ट्रैक्सन के अनुसार देश में एक हजार आस्था-आधारित भारतीय स्टार्टअप हैं। वे धार्मिक सेवाओं तक पहुंच के अलावा फोन पर पूजा, भक्ति संगीत की धुन पर ऑन-स्क्रीन फूल चढ़ाने और व्यक्तिगत कुंडली बनाना व मिलाना जैसी सेवाएं उपलब्ध क […]

  • एनारॉक का चालू वित्त वर्ष में राजस्व 40 प्रतिशत बढ़कर 800 करोड़ रुपये पर पहुंचने की उम्मीद : पुरीनयी दिल्ली । रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक ग्रुप का चालू वित्त वर्ष में अपने राजस्व को 40 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी के साथ 800 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने रविवार को यह बात कही। पुरी ने कहा कि ऊंची आर्थिक वृद्धि के चलते घरों की मजबूत मांग से कंपनी का राजस्व बढ़ेगा। मुंबई की कंपनी एनारॉक ने पिछले वित्त वर्ष में राजस्व में 36 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी और यह 566 करोड़ रुपये रहा था। एनारॉक की स्थापना अनुज पुरी ने अप्रैल, 2017 में की थी। इससे पहले पुरी एक अंतरराष्ट्रीय संपत्ति सलाहकार कंपनी में 10 साल तक कंट्री प्रमुख की भूमिका निभा चुके थे।पुरी ने पीटीआई-के साथ साक्षात्कार में कहा कि कंपनी को चालू वित्त वर्ष में 800 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करने की उम्मीद है। पुरी ने कहा कि कुल राजस्व में से लगभग 575 करोड़ रुपये आवास ब्रोकरेज सेवाओं से आएगा। उन्होंने कहा कि शेष राजस्व भूमि सौदों, पूंजी बाजार लेनदेन, रणनीतिक परामर्श और परियोजना प्रबंधन के अलावा कार्यालय, डेटा केंद्र और भंडार गृह जैसे खंड में पट्टा गतिविधियों से हासिल होगा। वृद्धि के कारणों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बाद कुल भारतीय अर्थव्यवस्था और आवास की मांग में मजबूती से सुधार हुआ है, जिससे रियल एस्टेट डेवलपर और सलाहकारों को समान रूप से लाभ हुआ है।उन्होंने कहा, ‘‘हमने भारतीय रियल एस्टेट बाजार में बाधाओं की पहचान करने और सही समाधान लाने पर ध्यान केंद्रित किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लगातार बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ रियल एस्टेट बाजार परिपक्व वृद्धि का प्रदर्शन कर रहा है और हम इस वृद्धि से काफी लाभान्वित हो रहे हैं।’’ पुरी ने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने के साथ भारत में आवास ब्रोकरेज कारोबार संगठित और पेशेवर बन रहा है। एनारॉक समूह के फिलहाल भारत और पश्चिम एशिया के पहली और दूसरी श्रेणी के बाजारों […]

  • कन्नड़ डायरेक्टर गुरुप्रसाद ने की आत्महत्या, पुलिस को फ्लैट में सड़ी गली अवस्था में मिली लाशप्रसिद्ध कन्नड़ अभिनेता और निर्देशक गुरुप्रसाद आज अपने बेंगलुरु अपार्टमे […]

  • Big car companies like Volkswagen and Mercedes face tough challenge in China | फॉक्सवैगन-मर्सिडीज जैसी दिग्गज कार कंपनियों को चीन में कड़ी चुनौती: चीन दुनियाभर में सस्ती EV से पैठ बढ़ा रहा; लागत 30% कम, ये सस्ती भी Hindi NewsBusinessBig Car Companies Like Volkswagen And Mercedes Face Tough Challenge In Chinaनई दिल्ली52 मिनट पहलेलेखक: कृष्ण मोहन तिवारीकॉपी लिंकऑटोमोबाइल के सबसे बड़े बाजार चीन ने दुनियाभर की ऑटो इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया है। यूरोप की फॉक्सवैगन, मर्सिडीज-बेंज, एस्टन मार्टिन, बीएमडब्ल्यू जैसी कंपनियों को अपनी पेट्रोल और ईवी कारें चीन में बेचने में पसीना आ रहा है। वहीं चीन अपनी सस्ती ईवी कारों की पैठ दुनियाभर में बढ़ाता जा रहा है।हालात ये हैं कि चीन में यूरोपीय कंपनियां दम तोड़ रही हैं। जर्मन कंपनी फॉक्सवैगन की चार दशक की बादशाहत ध्वस्त होने की कगार पर है। कंपनी की इस साल वहां बिक्री 10% से अधिक घटी है। कंपनी की 30% आय चीन से होती है, लेकिन जुलाई-सितंबर तिमाही में मुनाफा 64% तक गिर गया। कंपनी 87 साल में पहली बार जर्मनी में 3 कारखाने बंद करने जा रही है। चीन में भी प्रोडक्शन घटाना पड़ रहा है।ऑटो इंडस्ट्री में आए इस बदलाव का कारण चीन की आक्रामक नीति है। दरअसल चीन के सरकारी बैंक और अन्य सरकारी उपक्रम स्थानीय ऑटो कंपनियों को भारी सब्सिडी दे रहे हैं। इससे लागत घट रही है। अल्फावैल्यू के एनालिस्ट एड्रियन ब्रासी के मुताबिक, सब्सिडी के चलते चीनी कारों की लागत 30% कम है। इलेक्ट्रिक कारें 50% तक छूट पर उतारी जा रही हैं।चीन में ऑटोमोबाइल निर्माताओं के संगठन सीएएएम के अनुसार, बीते साल 3 करोड़ से अधिक कारें बनीं। 52 लाख निर्यात हुईं। हालांकि, चीन का निर्यात उस प्रारंभिक स्थिति में है, जहां कोरियाई कंपनी ह्युंडई 70 के दशक में थी।50% से अधिक ईवी चीन में बिक रहींचीन ने 2000 में ईवी पर शिफ्ट होने की आक्रामक नीति बनाई। उसे अहसास हो गया था कि वह पेट्रोल-डीजल कारों में अमेरिकी, जर्मन, कोरियाई, जापानी कंपनियों को मात नहीं दे पाएगा। ऑटो इंजीनियर से मंत्री बने वान गैंग ने 2009 से ईवी कंपनियों को सब्सिडी देनी शुरू की। 2022 तक 2.5 लाख करोड़ रु. से अधिक मदद दी गई। आज दुनिया की 50% से अधिक ईवी चीन में बिकती हैं।चीन के बाहर चीनी कारों की बिक्री साढ़े 5 गुना बढ़ी, हिस्सेदारी भी बढ़ीजैटो डायनेमिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 से 2023 के बीच घरेलू बाजार के बाहर चीनी कारों की बिक्री 5.4 गुना बढ़ी। 2023 में, हल्के चीनी वाहनों की वैश्विक बिक्री अमेरिकी कंपनियों द्वारा पंजीकृत कुल 1,35,54,305 यूनिट्स तक पहुंच गई। इसमें सालाना 23% की वृद्धि देखी जा रही है। इसके विपरीत, अमेरिकी और यूरोपीय ब्रांड के हल्के वाहनों की बिक्री 9% बढ़ी, जबकि जापानी ब्रांड के हल्के वाहनों की बिक्री 6% बढ़ी। हालांकि बढ़ते टैरिफ के चलते यूरोप और अमेरिकी बाजारों में इस साल चीनी कारों की बिक्री में सुस्ती के संकेत हैं।जैटो के ग्लोबल एनालिस्ट फेलिफ मुनोज कहते हैं, ‘यूरोप में चीनी ब्रांड की वृद्धि इस वर्ष के पहले कुछ महीनों में धीमी हो गई। इसके चलते चीनी ओईएम ने विकासशील और उभरती हुई इकोनॉमी पर फोकस किया है। 2022 से 2023 के बीच, मध्य पूर्व में चीनी कारों की हिस्सेदारी 12.9% से 16.8% हो गई। यूरेशिया में 12.4% से बढ़कर 33.3% हो गई। दक्षिण पूर्व एशिया-प्रशांत और अफ्रीका में भी 1.9 और 2.3% बढ़ गई।यूरोप में कारों के 50, चीन में 140 ब्रांड; पेट्रोल से ईवी 19% सस्तीजैटो डायनेमिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक ईवी को लेकर चीन की आक्रामक नीति का असर यह है कि पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की तुलना में ईवी की कीमतें 19% तक कम हैं। वहां कार बाजार में ईवी की हिस्सेदारी 20% पहुंच गई है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि यूरोप में 50 ब्रांड है, अमेरिका-जापान में 14-14 ब्रांड हैं। जबकि चीन में 140 ब्रांड हैं। साथ ही, पश्चिमी कार मेकर की तुलना में इनकी प्रोडक्शन क्षमता 30% तेज है।चीन यूरोपीय कारों की बादशाहत कैसे खत्म कर रहाबीते दशकों में चीन का उच्च मध्यम वर्ग लग्जरी कारों को स्टेटस सिंबल मान रहा था। 2023 में मर्सिडीज-बेंज ने 25 लाख में से एक तिहाई कारें चीन में बेचीं। यूरोपीय निर्माताओं को ये निर्भरता अब भारी पड़ रही।चीन अपने लोगों को सस्ती ईवी खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। यही नहीं, चीन का दुनियाभर के ऑटोमोबाइल बाजार में मार्केट शेयर करीब 21% है।चीन ने यूरोपीय मार्केट में भी ‘सस्ती ईवी’ उतारकर सेंटीमेंट बदल दिए हैं। हालात ये हैं कि वहां चीनी ईवी की हिस्सेदारी 25% पहुंच गई है। इसीलिए यूरोपीय देशों ने चीनी गाड़ियों पर 45% तक टैरिफ लगा दिया है।टैरिफ से मुकाबले के लिए चीन ने विश्व व्यापार संगठन में अपील की है। वह यूरोपीय और पश्चिमी देशों को प्रदूषण का दोषी ठहराते हुए विदेशी कंपनियों पर ‘प्रदूषण संरक्षण शुल्क’ लगाने जा रहा है।अमेरिका, कनाडा ने चीनी वाहनों पर 100% टैरिफ लगाया है। इससे निपटने के लिए चीनी कंपनियां दुनियाभर में ईवी प्लांट लगा रही हैं।बीवाईडी तुर्की-हंगरी में नींव रख चुकी है, मैक्सिको में प्लांट लगा रही है। अन्य चीनी निर्माता दक्षिण अमेरिका में प्लांट लगा रहे हैं। चीन वही कर रहा है, जो 60 के दशक में जापान और 80 के दशक में कोरिया ने […]

  • अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय से तय होगी बाजार की दिशानयी दिल्ली । अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियों और घरेलू कंपनियों के तिमाही नतीजे इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। विशेषज्ञों ने कहा कि यह सप्ताह काफी घटनाक्रमों वाला रहेगा। सप्ताह के दौरान कई वृहद आर्थिक आंकड़े आने हैं, जो बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होंगे। इसके अलावा वैश्विक रुख से भी बाजार को दिशा मिलेगी।स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘यह सप्ताह वैश्विक मोर्चे पर घटनापूर्ण होने वाला है। पांच नवंबर को होने वाला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर सभी की निगाह है। इसके अलावा अमेरिकी एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक महत्वपूर्ण होगी। भू-राजनीतिक दबाव और कच्चे तेल की कीमतें भी बाजार को प्रभावित करेंगी।’’ मीणा ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर दूसरी तिमाही के नतीजों का अंतिम चरण काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। साथ ही सभी की निगाह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख पर रहेगी।मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड की निदेशक पल्का अरोड़ा चोपड़ा ने कहा, ‘‘बाजार का परिदृश्य अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई, सेवा पीएमआई, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय, अमेरिकी एसएंडपी ग्लोबल कम्पोजिट पीएमआई, ग्लोबल सेवा पीएमआई और बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) के ब्याज दर पर निर्णय से दिशा लेगा।’’ प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई ने एक नवंबर को दिवाली के अवसर पर एक घंटे का विशेष ‘मुहूर्त कारोबार’ आयोजित किया, जो नए संवत 2081 की शुरुआत का प्रतीक है। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह निवेशकों की निगाह अमेरिकी बाजार के घटनाक्रमों पर रहेगी। खासकर पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव और फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक पर।’’ मिश्रा ने कहा, ‘‘घरेलू मोर्चे पर डॉ. रेड्डीज, टाइटन, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स सहित अन्य कंपनियों के तिमाही नतीजे आएंगे। साथ ही एचएसबीसी विनिर्माण पीएमआई और सेवा पीएमआई जैसे प्रमुख आंकड़े जारी होंगे, जो बाजार की दृष्टि से काफी महत्व रखते हैं। पिछले महीने विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की सतत बिकवाली की वजह से प्रमुख सूचकांक अपने सर्वकालिक उच्चस्तर से सात प्रतिशत से अधिक नीचे आ गए। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा,‘‘ वैश्विक बाजार कुछ दिन तक अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों पर प्रतिक्रिया देंगे, जिसके बाद अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि, मुद्रास्फीति और फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय जैसे बुनियादी कारक बाज […]

  • Motorola G85 5G vs Realme P1 Speed 5G Know Which Phone is Better to BuyMotorola G85 5G vs Realme P1 Speed 5G: Motorola ने जून, 2024 में भारती […]

  • Maruti को ‘कुछ लाख शादियों’ की वजह से नवंबर में भी बिक्री की रफ्तार कायम रहने की उम्मीदनयी दिल्ली । रिकॉर्ड बिक्री वाले अक्टूबर माह के पीछे छूटने के बाद अब देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) नवंबर में ‘‘कुछ लाख शादियों’ के बूते अपनी वृद्धि की रफ्तार को कायम रखने की उम्मीद कर रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही है। कंपनी ने पिछले महीने 2,02,402 वाहनों की खुदरा बिक्री दर्ज की, जो किसी भी साल में अक्टूबर में बिक्री का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इसकी वजह त्योहारी मांग रही। इससे पहले अक्टूबर, 2020 में कंपनी ने 1,91,476 वाहन बेचे थे।मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन और बिक्री) पार्थो बनर्जी ने पीटीआई-से कहा, ‘‘ हमें बताया गया है कि देशभर में नवंबर में ‘कुछ लाख’ शादियां होने वाली हैं। इसलिए पूरी उम्मीद है कि इससे हमें अपनी खुदरा बिक्री के मामले में भी अच्छी बढ़त मिलेगी।’’ वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या कंपनी अगले कुछ माह के दौरान त्योहारी सीजन की बिक्री की रफ्तार को कायम रख पाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें वास्तव में देखना होगा। लेकिन हमें लगता है कि इस बार नवंबर के महीने में काफी संख्या में शादियां हैं। शादियों के लिए दिनों की संख्या लगभग 11 या 12 दिन है जो अबतक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है।’’ त्योहारी सीजन के दौरान अच्छी बिक्री के बाद मारुति को चालू वित्त वर्ष में चार से पांच प्रतिशत की वृद्धि के अपने अनुमान के हासिल होने की उम्मीद है। बनर्जी ने कहा, ‘‘अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में खुदरा बिक्री के मामले में हमारी वृद्धि लगभग चार प्रतिशत रही है। अक्टूबर में हमारी वृद्धि 22.4 प्रतिशत है। इस साल की शुरुआत में हमने चार से पांच प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था। मेरा मानना है कि हमारी वृद्धि इसी के अनुरूप रहेगी।’’ बनर्जी ने कहा कि अक्टूबर में अच्छी बिक्री की वजह से कंपनी अपने बिक्री नेटवर्क में भंडारण के स्तर को कम करने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि हमने अपने नेटवर्क स्टॉक में 40,000 से अधिक इकाइयों की कमी की है। अब हमारा नेटवर्क स्टॉक लगभग एक महीने का है। रियायतों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र दर क्षेत्र और बाजार दर बाजार अलग होता है। यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी जनवरी में मूल्य वृद्धि की योजना बना रही है, बनर्जी ने कहा, ‘‘हमारी वित्त टीम इसकी समीक्षा कर रही है और मेरे लिए इसपर टिप्पणी करना अभी जल्दब […]

  • सार्वजनिक क्षेत्र के Canara Bank का दूसरी छमाही में 6,000 करोड़ रुपये के ‘डूबे कर्ज’ की वसूली का लक्ष्यनयी दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में करीब 6,000 करोड़ रुपये के ‘डूबे कर्ज’ की वसूली का लक्ष्य रखा है। केनरा बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के सत्यनारायण राजू ने पीटीआई-से कहा, ‘‘हमें तीसरी तिमाही में लगभग 3,000 करोड़ रुपये और चौथी तिमाही में भी इतनी ही राशि की वसूली की उम्मीद है।’’ बैंक ने दूसरी तिमाही में 2,905 करोड़ रुपये की वसूली की है, जिसमें बट्टे खाते में डाले गए खातों से वसूली भी शामिल है।केनरा रोबेको एसेट मैनेजमेंट कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में आ सकता है। केनरा रोबेको एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के आईपीओ के लिए वित्त मंत्रालय से मंजूरी जल्द मिलने की उम्मीद है। बैंक के पास इस म्यूचुअल फंड कंपनी में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसकी आईपीओ के माध्यम से 13 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना है।पिछले दिसंबर में केनरा बैंक ने आरंभिक शेयर बिक्री द्वारा अपनी म्यूचुअल फंड अनुषंगी कंपनी को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। सूचीबद्ध होने पर यह शेयर बाजार में शामिल होने वाली पांचवीं म्यूचुअल फंड कंपनी हो जाएगी। इससे पहले एचडीएफसी एएमसी, निप्पॉन लाइफ इंडिया एएमसी, यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी और आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हैं। बुनियादी ढांचा बॉन्ड के बारे में राजू ने कहा कि बैंक ने जुलाई में पहले ही 10,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं और वह इसे लगाने की प्रक्रिया में है। चालू वित्त वर्ष के दौरान बैंक द्वारा दीर्घकालिक अवसंरचना बॉन्ड के माध्यम से और अधिक धन जुटाने की संभावना नहीं है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में केनरा बैंक का शुद्ध लाभ 11 प्रतिशत बढ़कर 4,015 करोड़ रुपये रहा है। एक साल पहले की समान तिमाही में यह 3,606 करोड़ रुपये था। तिमाही के दौरान बेंगलुरु मुख्यालय वाले बैंक की कुल आय 31,472 करोड़ रुपये से बढ़क […]

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