खसरा (Measles) एक हवा में फैलने वाला एक प्रकार का वायरल बुखार है। यह बुखार या इंफेक्शन छींकने, खांसने या फिर संक्रमित व्यक्ति की लार के संपर्क में आने से फैल सकती है। बच्चों को भी यह खतरा रहता है, जिससे बचने के लिए उन्हें वैक्सीन लगाई जाती है। हाल ही में कैंब्रिज यूके और चीन की फुडन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा की गई एक रिसर्च के मुताबिक सी-सेक्शन डिलीवरी से जन्म लेने वाले बच्चों में खसरे का टीका अप्रभावी साबित हो सकता है। आइये जानते हैं इसके बारे में।
कम प्रभावी हो सकती है पहली वैक्सीन
शोधकर्तोओं के मुताबिक सी सेक्शन से जन्म लेने वाले बच्चों में नैचुरली जन्म लेने वाले बच्चों की तुलना में खसरे की वैक्सीन की पहली डोज 2.6 गुणा कम प्रभावी साबित हो सकती है। दरअसल, बच्चों का इम्यून सिस्टम उतना प्रभावी नहीं होता है, जिससे कि यह खसरे के इंफेक्शन से लड़ने में सक्षम हो सके। दरअसल, सामान्य डिलीवरी में मां के जरिए बच्चों में अच्छे खासे माइक्रोब फैलते हैं। यह बच्चों के इम्यून सिस्टम की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मददगार होते हैं। जबकि, उन बच्चों में यह माइक्रोब थोड़े कम हो सकते हैं, जिनकी डिलीवरी सी सेक्शन से हुई है।
बचाव के लिए टीका लगवाना जरूरी
खसरे से बचने के लिए इसका टीका लगवाना बेहद जरूरी होता है। खसरे के कारण हर साल सैकड़ों लोगों की मौत तक होती है। यह एक प्रकार की एयरबॉर्न डिजीज है, जिसे वायरल बुखार भी कहा जाता है। इसपर जारी हुए आंकड़ों की मानें तो साल 2000 से लेकर 2022 तक खसरे की वजह से दुनियाभर में 57 मिलियन लोगों की मौत तक हो चुकी है। यह स्टडी 1500 लोगों पर की गई, जिसमें देखा गया कि सी सेक्शन डिलीवरी से होने वाले 12 प्रतिशत बच्चों में खसरे की पहली डोज ने इम्यून सिस्टम से जुड़ी किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी।
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खसरे के लक्षण
- तेज बुखार
- आंखों में पानी
- रैशेज
- खांसी
- नाक से पानी बहना
- थकान
- आंखें लाल होना