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चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 अवतार, मंत्र तथा अखंड ज्योति जलाने के फायदे, आइए जानें Khetivyapar पर | Chaitra Navratri 2024 in Hindi | Chaitra Navratri Akhand Jyoti

bareillyonline.com by bareillyonline.com
12 April 2024
in न्यूज़
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Chaitra Navratri 2024 in Hindi: चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 अवतार, मंत्र तथा अखंड ज्योति जलाने के फायदे, आइए जानें Khetivyapar पर

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 अवतार

By khetivyapar

पोस्टेड: 12 Apr, 2024 12:00 AM IST Updated Fri, 12 Apr 2024 08:22 AM IST

चैत्र की नवरात्रि, एक अत्यंत शुभ त्योहार, 9 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल, 2024 तक चलेगा। इस नौ-दिन में मां दुर्गा और उनके नौ दिव्य स्वरूपों की पूजा होती है। चैत्र नवरात्रि, विशेष रूप से चैत्र मास मार्च-अप्रैल में मनाया जाता है, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में देवी दुर्गा और उनके विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। चैत्र की नवरात्रि 17 अप्रैल को राम नवमी के साथ समाप्त होता है, जो भगवान विष्णु के सातवें अवतार और राजा दशरथ और रानी कौसल्या के पुत्र लॉर्ड राम के जन्म का दिन है।

नौ दिन मां दुर्गा के अवतार और प्रिय भोग:

  1. मां शैलपुत्री – नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है जिसमें घटस्थापना और मां शैलपुत्री को संफेद रंग प्रिय है। मां शैलपुत्री को नवरात्रि के पहले दिन गाय के घी से बना हुआ पकवान और मावे के लड्डू का भोग लगाया जाता है। 
  2. ब्रह्मचारिणी – नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर और पंचामृत का भोग लगता है। 
  3. मां चंद्रघंटा- नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा को दूध प्रिय है। इसलिए मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई, खीर का भोग लगाने से माता प्रसन्न होती हैं।
  4. मां कुष्मांडा – नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा होती है। मां कुष्मांडा को मालपुआ का भोग लगता है।
  5. मां स्कंदमाता – चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है मां दुर्गा का पांचवां स्वरूप है। पांचवें दिन स्कंदमाता को केले का भोग लगाना चाहिए।
  6. मां कात्यायनी – माता कात्यायनी मां दुर्गा का छठवां स्वरूप है। छठवें दिन मां कात्यायनी को मीठे पान, लौकी और शहद का भोग लगाना चाहिए। 
  7. मां कालरात्रि – नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा होती है। दुष्टों का सर्वनाश करने वाली कालरात्रि को गुड़ बहुत प्रिय है। सातवें दिन मां कालरात्रि को गुड़ से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए।
  8. महागौरी – मां दुर्गा का आठवां स्वरूप महागौरी हैं। महागौरी को माता पार्वती भी कहा जाता है। मां महागौरी को नारियल का भोग लगाते हैं। 
  9. मां सिद्धदात्री – मां दुर्गा की नौवीं स्वरूप मां सिद्धदात्री हैं। मां सिद्धदात्री को चना और हलवा पूड़ी-खीर का भोग लगाया जाता है। इस दिन कन्या पूजन किया जाता है। 

चैत्र नवरात्र व्रत में क्या खायें:

नवरात्र एक उपवास का समय है, इस व्रत में स्वस्थ उपवासी व्यंजन खायें, शरीर और आत्मा दोनों के लिए संतुलन और पोषण को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है। साबूदाना परंपरागत उपवासी भोजन रहा है, यह अधिक मात्रा में आलू का स्टार्च है और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से रहित है। फलाहार में सेब, केला, अंगूर, संतरा, पपीते साथ ही दूध, दही, घी, पनीर, मावा चाय और आलू शकरकंद, अरवी आदि का भी सेवन किया जा सकता है।

कन्या पूजन का महत्व तथा विधि: हर वर्ष अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन की जाती है। हिंदू धर्म में कन्या पूजन का बहुत खास महत्व है। नवरात्र पूर्ण होने के बाद कन्या पूजन किया जाता है। नवरात्रि में उपवास रखने के बाद कन्या पूजन करने से मां दुर्गा और उनके सभी स्वरूप प्रसन्न् होती हैं। घर में सुख-समृद्धि, धन-संपदा बनी रहती है। साथ ही कन्या पूजन करने से कुंडली में दोष कटते है और नौ ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है। कन्या पूजन से परिवार में कलेष पैदा नहीं होता और समस्त सदस्यों की तरक्की भी होती है। कन्या पूजन करने से पहले सभी कन्याओं को आमंत्रित करना चाहिए। कन्याओं के घर में प्रवेश होने पर पूरे परिवार के साथ उनका आदर के साथ स्वागत करना चाहिए। घर में कन्याओं को साफ और स्वच्छ स्थान पर बिठाकर उनके पैरों को धोएं फिर महावर घोलकर कन्याओं के पैरों में लगायें। सभी देवी स्वरूप कन्याओं के माथे पर फूल, अक्षत और कुमकुम का टीका लगाना चाहिए। इसके बाद मां भगवती का ध्यान करके भोजन कराएं। अंत में कन्याओं को कोई उपहार या पैसे देकर उनका पैर छूयें।

नवरात्रि अखंड ज्योति जलाने के फायदे: चैत्र नवरात्र के नौ दिन अखंड ज्योति जलाई जाती है। अखंड ज्योति जलाने से बुरी चीजों का साया नहीं पडता है और परिवार के समस्त सदस्यों के जीवन में प्रकाश का आगमन और खुशहाली आती है। गाय के घी में अखंड ज्योति जलाने से घर का वातावरण शुद्ध रहता है। इसके अलावा नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। सरसों के तेल से अखंड ज्योति जलाने पर घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। साथ ही पितृ शांत रहते हैं। 

मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के मंत्र: चैत्र की इस नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, माता कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। आइये जानते हैं सभी मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के मंत्र

  1. मां शैलपुत्री का मंत्र – ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
  2. मां ब्रह्मचारिणी मंत्र – ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥
  3. मां चंद्रघंटा का मंत्र – ऐं श्रीं शक्तयै नम:॥
  4. मां कुष्मांडा का मंत्र-  ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥
  5. मां स्कंदमाता मंत्र – ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥
  6. मां कात्यायनी मंत्र – ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
  7. मां कालरात्रि का मंत्र – ॐ देवी कालरात्र्यै नमः॥
  8. मां महागौरी का मंत्र – ॐ देवी महागौर्यै नमः॥
  9. मां सिद्धिदात्री का मंत्र – ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥

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