प्रोसेस्ड फूड के नुकसान- Processed food ke side effects


प्रोसेस्ड फूड की डिमांड दिनों दिन बढ़ रही है। इन फूड्स का सेवन करने से स्वास्थ्य पर धीरे धीरे कई तरह के प्रभाव नज़र आने लगते है। जानते हैं प्रोसेस्ड फुड से शरीर को कौन से नुकसान का सामना करना पड़ता है

बार बार कुछ फ्राइड, मजे़दार और स्पासइसी खाने की क्रेविंग (food craving) न केवल भूख को बढ़ाती है बल्कि इससे वेटगेन का भी सामना करना पड़ता है। दिनों दिन बढ़ रही प्रोसेस्ड फूड (processes food) की डिमांड के चलते लोग हेल्दी फूड की जगह जंक फूड को अपने आहार में शामिल करने लगे है। अधिक प्रोसेसिंग के बाद तैयार किए जाने वाले ये खाद्य पदार्थ ज़ुबान का ज़ायका तो बदल देते हैं, मगर इससे स्वास्थ्य पर धीरे धीरे कई तरह के प्रभाव नज़र आने लगते है। जानते हैं प्रोसेस्ड फूड से शरीर को कौन से नुकसान (side effects of processed food) का सामना करना पड़ता है।

एनआईएच की रिपोर्ट के अनुसार अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने से शरीर में 55 फीसदी मोटापे का खतरा, 41 फीसदी स्लीप डिसऑर्डर (sleep disorder), 40 फीसदी टाइप 2 डायबिटीज़ और 20 फीसदी डिप्रेशन का जोखिम बढ़ जाता है। द बीएमजे की रिपोर्ट के अनुसार वे लोग जो प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं, उनमें 29 फीसदी कोलोरैक्टल कैंसर का खतरा बढ़ने लगता है।

प्रोसेस्ड फूड कैसे बनते हैं स्वास्थ्य समस्याओं का कारण (How processed foods cause health problems)

इस बारे में बातचीत करते हुए फंक्शनल न्यूट्रीशनिस्ट एंव सीईओ एंड फाउंडर आइ थ्राइव मुग्धा प्रधान ने विस्तार से जानकारी दी। मुग्धा प्रधान बताती है कि प्रोसेड फूड में कई प्रकार के स्वीटनर्स, कलर्स, थिकनर्स और एडिक्टिव्स का प्रयोग किया जाता है। इससे गट माइक्रोबायोटा असंतुलित होने लगता है और इंफ्लामेशन का खतरा बना रहता है।

इससे मोटापे की समस्या बढ़ने लगती है और इटिंग डिसऑर्डर (eating disorder) का सामना करना पड़ता है। इसके चलते ब्लोटिंग, डायरिया और पेट दर्द का सामना करना पड़ता है। प्रोसेस्ड फूड से ब्रेन फंक्शनिंग भी प्रभावित होती है। 

bahar se mangaye jane wale food ke nuksaan
प्रोसेस्ड फूड से मोटापे की समस्या बढ़ने लगती है और इटिंग डिसऑर्डर का सामना करना पड़ता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

जानते हैं प्रोसेस्ड फूड से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान (Side effects of processed food)

1. बढ़ने लगता है डायबिटीज़ का जोखिम

प्रोसेस्ड फूड में पाई जाने वाली फैट्स और शुगर की मात्रा सेहत को नुकसान पहुंचाती है। जामा इंटरनेल मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार वे लोग जो अपनी डाइट का 22 फीसदी प्रोसेस्ड फूड से हासिल करते हैं, उन लोगों में डायबिटीज़ का अधिक खतरा पाया जाता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार वे लोग जो सप्ताह में 2 से 3 बार जंक फूड का सेवन करते हैं, उनमें इंसुलिन रेज़िस्टेंस का जोखिम बढ़ जाता है।

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2. वज़न का बढ़ना

हाई शुगर, फैटस और कार्ब्स से भरपूर अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड के नियमित सेवन से शरीर में कैलोरीज़ का स्टोरज़ बढ़ने लगता है, जिससे मोटापे का सामना करना पड़ता है। रिफांइड कार्ब्स, एडिड शुगर और ट्रांस व सेचुरेडिट फैट्स की अधिक मात्रा से हार्मोनल असंतुलन बढ़ने लगता है। इससे शरीर में आलस्य और वेटगेन की समस्या बढ़ जाती है। रोज़ाना प्रोसेस्ड फूड के सेवन से लाइफस्टाइल डिसऑर्डर का भी सामना करना पड़ता है।

3. हृदय संबधी समस्याओं का खतरा

साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार प्रोसेस्ड फूड में मौजूद वसा की मात्रा शरीर में कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ के खतरे को बढ़ा देती है। फूड एडिक्टिव्स का सेवन करने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है और हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हाइपरटेंशन का जोखिम बढ़ने लगता है। हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार 20,000 लोगों ने 10 साल तक दिन की चारों मील्स में प्रोसेस्ड फूड का सेवन किया, जिसमें 62 फीसदी लोगों को हृदय संबधी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

प्रोसेस्ड फूड में मौजूद वसा की मात्रा शरीर में कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ के खतरे को बढ़ा देती है।

4. बार-बार कुछ खाने की क्रेविंग

जर्नल ऑफ़ बीहेवियरल एडिक्शन की रिपोर्ट के मुताबिक प्रोसेस्ड फूड में अनहेल्दी फैट्स, शुगर, ऑयल, केमिकल्स और नमक की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसके चलते खाना खाने के बाद भी भूख पूरी तरह से शांत नहीं होती है और कुछ खाने की इच्छा बनी रहती है। इंटिंग डिसऑर्डर की समस्या शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को ही प्रभावित करती है।

5. मेटाबॉलिज्म पर नकारात्मक प्रभाव

कार्ब्स का सेवन करने से शरीर में एंप्टी कैलोरीज़ बढ़ने लगती है। इससे डाइजेशन वीक होने लगता है और ब्लोटिंग, पेट दर्द और एसिडिटी की शिकायत बढ़ जाती है। शुगर एडिड ड्रिंक, व्हाइट ब्रैड और चिप्स एंड वेफर्स का सेवन करने से पाचनतंत्र पर नकारात्मक प्रभाव देखने क मिलता है। शरीर में बैक्टीरिया का स्तर बढ़ने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं बढ़ सकती हैं।

शुगर एडिड ड्रिंक, व्हाइट ब्रैड और चिप्स एंड वेफर्स का सेवन करने से पाचनतंत्र पर नकारात्मक प्रभाव देखने क मिलता है। चित्र : शटरस्टॉक

6. स्किन को पहुंचाए नुकसान

शुगरी, ऑयली और रिफांइड कार्ब्स का सेवन करने से स्किन पर सीबम सिक्रीशन बढ़ जाता है, जिससे मुहासों की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा ऑयली त्वचा का सामना करना पड़ता है। रोज़ाना प्रोसेस्ड फूड से त्वचा पर एजिंग साइंस दिखने लगते हैं।

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