मेनोपॉज़ या रजोनिवृत्ति बायोलॉजिकल नेचुरल प्रक्रिया है। इसलिए इस बारे में बहुत अधिक चिंतित होने की बजाय नेचुरल ट्रांजिशन की तरह देखना चाहिए। इसके बारे में कई मिथ हैं। इस आलेख में एक्सपर्ट मिथ के पीछे के फैक्ट बता रही हैं।
मेनोपॉज़ या रजोनिवृत्ति एक ऐसी बायोलॉजिकल नेचुरल प्रक्रिया है, जिससे अक्सर 45 से 55 साल की उम्र के दौरान हर महिला गुजरती है। लगातार 12 महीनों तक पीरियड या माहवारी नहीं होने पर यह मान लिया जाता है कि मेनोपॉज़ हो गया है। इसका कोई शारीरिक कारण या किसी प्रकार की डिजीज नहीं हो सकता है। मेनोपॉज़ होने पर रिप्रोडक्टिव वर्षों का अंत माना जाता है। महिलाओं के जीवन में होने वाले इस महत्वपूर्ण बदलाव को लेकर कई भ्रांतियां और गलतफहमियां हैं। यही वजह है कि बहुत-सी महिलाएं इस बारे में भ्रमित रहती हैं या इसे लेकर एक किस्म की चिड़चिड़ाहट उनके अंदर पैदा हो जाती है। आइये जानते हैं कि मेनोपॉज़ के बारे में फैले मिथकों को जानें और इससे जुड़ी गलत धारणाओं (menopause myths and facts) से अपने आपको मुक्त करें।
क्यों होता है मेनोपॉज (cause of menopause)
अधिकांश महिलाएं 45 से 55 वर्ष की उम्र के बीच मेनोपॉज़ का अनुभव करती हैं। यह बायोलॉजिकल ऐज बढ़ने का एक स्वाभाविक हिस्सा है। रजोनिवृत्ति ओवेरियन फॉलिक्युलर फंक्शन (ovarian follicular function) के नुकसान और ब्लड में एस्ट्रोजन लेवल में गिरावट के कारण होती है। मेनोपॉज धीरे-धीरे हो सकता है। आमतौर पर माहवारी चक्र में बदलाव के साथ शुरू होता है।
यहां हैं मेनोपॉज संबंधी 7 मिथ जिनके पीछे के फैक्ट्स जानना जरूरी हैं (Menopause myths and facts)
मिथ 1: मेनोपॉज़ अचानक हो जाता है
फैक्ट : मेनोपॉज़ एक धीमी प्रक्रिया है, जो कई साल चलती रहती है। इसकी शुरुआत पेरीमेनोपॉज़ से होती है, जिसमें महिलाओं के शरीर में हार्मोनल उतार-चढ़ाव आते हैं। इसकी वजह से उनके पीरियड में उतार-चढ़ाव आता है। फिर कई लक्षण दिखायी देते हैं। यदि किसी महिला को लगातार 12 महीनों तक पीरियड नहीं होता है, तो यह मान लिया जाता है कि मेनोपॉज़ हो गया है।
मिथ 2: मेनोपॉज़ केवल उम्रदराज महिलाओं को ही प्रभावित करता है
फैक्ट : मेनोपॉज़ की उम्र अलग-अलग क्षेत्रों, देशों और व्यक्तियों के हिसाब से बदल सकती है। इसे जेनेटिक्स के अलावा पर्यावरण और सामाजिक-आर्थिक स्थतियों जैसे कई फैक्टर्स प्रभावित करते हैं। मेनोपॉज़ कब होगा यह अक्सर लाइफस्टाइल पर भी निर्भर होता है। इसमें स्मोकिंग, शिक्षा, आमदनी, शारीरिक व्यायाम का स्तर और प्रोफेशनल स्थिति भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
मिथ 3: मेनोपॉज़ यानि फर्टिलिटी का अंत
फैक्ट : बेशक आपको हॉट फ्लैश होने लगे हों या मासिक धर्म अनियमित हो गया हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप प्रेग्नेंट नहीं हो सकती हैं । इन लक्षणों का मतलब केवल इतना है कि आप पहले के मुकाबले कुछ कम फर्टाइल हो गई हैं। हालांकि मासिक धर्म बंद होने के बाद प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं हो सकता, लेकिन हार्मोन थेरेपी और आईवीएफ की मदद से प्रेग्नेंसी संभव होती है।
मिथ 4 : मेनोपॉज़ के बाद केवल शारीरिक बदलाव होते हैं
फैक्ट : हॉट फ्लैश, रात में सोते समय पसीने आना और योनि में ड्राईनेस जैसे शारीरिक लक्षणों के अलावा मेनोपॉज़ की वजह से भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से भी असर पड़ता है। मूड में उतार-चढ़ाव, चिड़चिड़ापन और एंग्जाइटी भी इस दौरान आम हैं, लेकिन आमतौर पर ये लक्षण अस्थायी होते हैं।
मिथ 5: मेनोपॉज़ के लक्षणों से राहत के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी एकमात्र उपाय है
फैक्ट : मेनोपॉज़ के कारण पैदा होने वाले लक्षणों से राहत के लिए नॉन-हार्मोनल ट्रीटमेंट्स भी अपनाए जाते हैं, क्योंकि एचआरटी सभी को नहीं दी जा सकती है। इसके अलावा, लाइफस्टाइल संबंधी बदलाव जिसमें व्यायाम, हैल्दी डाइट्स, स्ट्रैस कम करने के उपाय और एक्यूपंक्चर जैसी वैकल्पिक थेरेपी या हर्बल सप्लीमेंट्स का प्रयोग भी मददगार होता है।
मिथ 6 : मेनोपॉज़ की वजह से वज़न बढ़ता है
फैक्ट : मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण वज़न बढ़ना, ऑस्टियोपोरोसिस और हृदय रोगों में बढ़ोतरी हो सकती है। रेग्युलर एक्सरसाइज़ और बैलेंस्ड डाइट से आप हैल्दी लाइफस्टाइल मेंटेन कर सकती हैं।
मिथ 7: मेनोपॉज़ के बाद आपकी जिंदगी में गिरावट का दौर शुरू हो जाता है
फैक्ट : इस धारणा के उलट सच यह है कि मेनोपॉज़ आपकी लाइफ का बेहतरीन समय हो सकता है। मेनोपॉज़ के साथ ही आपको हैवी पीरियड्स से मुक्ति मिल जाती है, तो आपको उनकी चिंता करने की जरूरत नहीं रहती है। महिलाएं हेल्दी और स्ट्रॉन्ग बनती हैं। साथ ही, जिंदगी में ज्यादा फ्रीडम और स्पेस भी पाती हैं, जो कि पहले उनके जीवन में नहीं था।
मिथ 8 :मेनोपॉज़ से बाहर आने में वर्षों लग सकते हैं
बेशक मेनोपॉज़ से गुजरते हुए कई तरह की तकलीफें होती हैं। जरूरी नहीं है कि आपको रात में सोते हुए पसीने आने की उम्र भर की सजा मिल जाए या आप खुद को बूढ़ा महसूस करने लगें। इन भ्रांतियों से खुद को दूर करें और मेनोपॉज़ को अपने जीवन में नैचुरल ट्रांज़िशन की तरह देखें।
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