शारीरिक और मानसिक तौर पर शरीर को स्वस्थ रखने वाली वॉटर एक्सरसाइज़ को रूटीन में शामिल करने से शरीर हेल्दी और एक्टिव बना रहता है। जानते हैं 3 प्रकार की वेटलॉस वॉटर एक्सरसाइज़ (Water exercise for fat burn)।
वेटलॉस करने के लिए अगर आप अपने फिटनेस रूटीन को बदलना चाहती हैं, तो एक्वेटिक एक्सरसाइज़ एक बेहतरीन विकल्प है। हेल्दी वर्कआउट के इस ऑप्शन से शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरीज़ को बर्न करने में मदद मिलती है। शारीरिक और मानसिक तौर पर शरीर को स्वस्थ रखने वाली वॉटर एक्सरसाइज़ को रूटीन में शामिल करने से शरीर हेल्दी और एक्टिव बना रहता है। जानते हैं 3 प्रकार की वेटलॉस वॉटर एक्सरसाइज़ (Water exercise for fat burn)।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के अनुसार युवाओं के साथ साथ ज्यादा उम्र के लोगों को सप्ताह में कम से कम 2 दिन पूल एक्टीविटी अवश्य करनी चाहिए। इससे शरीर में लचीलापन बना रहता है। नियमित व्यायाम करने से हार्ट फिटनेस, मोबीलिटी, ताकत, लचीलेपन और मज़बूती बनी रहती है। इससे मेंटल हेल्थ बूस्ट होती है और दर्द की समस्या से भी राहत मिल जाती है।
यहां जानें 3 प्रकार की वॉटर बेस्ड एक्सरसाइज़
1. पूल प्लैंक (Pool plank)
कोर मसल्स को को मजबूती प्रदान करने और कैलोरी बर्न करने के लिए प्लैंक बेहद फायदेमंद साबित होते हैं। इससे शरीर के मसल्स हेल्दी बनते हैं और पीठ, टांगों व कमर में होने वाले दर्द से भी राहत मिल जाती है। रोज़ाना पूल प्लैंक करने से वेटलॉस में मदद मिलती है। साथ ही टांगों में जमा होने वाली अतिरिक्त चर्बी की समस्या हल होने लगती है।
कैसे करें पूल प्लैंक
पूल प्लैंक करने के लिए सबसे पहले पूल के किसी किनारे को पकड़ लें।
अब दोनों टांगों को सीधा करें और बैलेंसिग के लिए दोनों पैरों के मध्य गैप बनाकर रखें।
दोनों टांगों को जमीन पर मज़बूती से रखें और टयूब का सहारा लेकर बॉडी को टी की पोज़िशन में लाएं।
दाईं बाजू को उपर ले जाएं और हिप्स को रोटेट करें। 10 से 15 सेकण्ड इसी मुद्रा में रहें।
फिर दूसरी बाजू से भी इसी साइड प्लैंक को करें। इस एक्सरसाइज़ से शरीर में संतुलन बना रहता है।
2. वॉटर पुशअप (Water pushups)
वाटर पुशअप करने से कंधों को मज़बूती मिलती है और बाजूओं पर जमा अतिरिक्त फैट्स की समस्या हल होने लगती है। इसके नियमित अभ्यास से कंधों, बाजूओं और चेस्ट को मज़बूती मिलती है।
कैसे करें वॉटर पुशअप
इसे करने के लिए पूल के किनारे पर जाकर दोनों हाथों से किनारे को मज़बूती से पकड़ लें।
अब दोनों कंधों से ज्यादा हाथों को दोनों ओर फैलाएं और किनारे को पकड़कर रखें।
टांगों को जमीन पर एकदम सीधा रखें। अब चेस्ट को आगे की ओर लेकर जाएं, फिर पीछे लौटें।
इसके नियमित प्रयास से बाजूओं के मसल्स में मौजूद स्टिफनेस दूर होने लगती है।
इसे करने से शरीर का पोश्चर इंप्रूव होने लगता है और शरीर टोन दिखता है।
वेटलॉस के लिए दिनभर इसका कुछ देर अभ्यास आवश्यक है। नियंत्रित करें।
3. एक्वा जॉगिंग (Aqua jogging)
एक्वा जॉगिंग करने से शरीर में ब्लड फ्लो उचित बना रहता है। इससे हृदय संबधी समस्याओं का खतरा टल जाता है। साथ ही शरीर में जमा अतिरिक्त फैट्स बर्न होने लगते हैं। रोज़ाना इसका प्रयास करने से शरीर में एनर्जी का स्तर बना रहता है और बार बार होने वाली थकान दूर होने लगती है।
कैसे करें एक्वा जॉगिंग
एक्वा जॉगिंग को पूल के एक कोने से दूसरे कोने तक किया जाता है।
1 से 2 मिनट करने के बाद कुछ देर ठहरे और शरीर को रेस्ट दें। इससे हार्ट रेट उचित बना रहता है।
इस लो इंटेसिटी एक्सरसाइज़ को दिन में 10 से 15 मिनट तक करें। इससे वेटगेन की समस्या से बचा जा सकता है।
पूल में चलना और मार्च करना एक्वा जॉगिंग कहलाता है। शरीर के बैलेंस को मेंटेन रखने के लिए एक्वा जॉगिंग बेल्ट की भी मदद ले सकते हैं।
ये भी पढ़ें