Install solar panels only after checking the after sales service | सस्ती नहीं, अच्छी सर्विस देखकर लगवाएं सोलर: 4 साल में निकल जाएगी पैनल की लागत, फिर 21 साल तक बिजली बिल्कुल फ्री


नई दिल्ली48 मिनट पहले

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यार, सोलर पैनल लगवाना है। हां तो लगवा लो। पर समझ नहीं आ रहा है कि किस कंपनी से लगवाऊं। कुछ कंपनियों से 3 Kw के सोलर पैनल का कोटेशन लिया है, पर इनकी कीमतों में अंतर है। सब्सिडी के बाद एवरेज प्राइस ₹1.20 लाख है। देख भाई… मेरे हिसाब से जो कंपनी अच्छी सर्विस दे ना उससे पैनल लगवाना सही रहेगा।

सर्विस यानी, जो कंपनी सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी की पूरी प्रोसेस में मदद करें, पैनल लगवाते समय और पैनल लगने के बाद कोई परेशानी आने पर उसका समाधान करें और समय-समय पर मेंटेनेंस का भी ध्यान रखें। सोलर पैनल्स की लाइफ 25 साल की होती है, इसलिए आफ्टर सेल्स सर्विस जरूरी है।

ये कुछ कॉमन सवाल है जो घर पर सोलर पैनल लगवाने से पहले कई सारे लोगों के मन में होते हैं। ऐसे में सोलर पैनल लगवाने से जुड़े कई सारे सवालों के जवाब जानने के लिए हमने बात की फ्रेयर एनर्जी की को-फाउंडर राधिका चौधरी से। पढ़िए उनका पूरा इंटरव्यू…

सवाल: मार्केट में कई सारे वेंडर्स हैं, उनकी कीमतों में काफी अंतर देखने को मिलता है। ऐसे में कस्टमर्स रूफटॉप सोलर कैसे सिलेक्ट करें?
जवाब:
मैं इतने सालों से इस बिजनेस में हूं, इसके बाद भी नेकेड आईज से पैनल की क्वालिटी समझ नहीं पाऊंगी। मार्केट में टियर-2, टियर-3 टाइप के भी प्रोडक्ट आते हैं। पैनल की कीमतों में 10%-15% का ही अंतर आता है। अगर सोलर लगवाते समय कस्टमर को लगता है कि मेरा 10-15 हजार बच गया, लेकिन पैनल खराब होने पर पैसे खर्च करने पड़े हैं।

इसलिए आफ्टर सेल्स सर्विस के हिसाब से पैनल चुनना चाहिए। हमारे पैनलों में भी एक- दो जगह परेशानी आई थी, लेकिन हमने फ्री में इन्हें रिप्लेस किया। इसके साथ ही कस्टमर को सोलर पैनल लगवाते समय अगर फाइनेंस नहीं करवाना है तब भी फाइनेंस के बारे में पूछना चाहिए। अगर प्रोडक्ट अच्छा होता है तब ही बैंक उसपर लोन देता है।

सवाल: कई घरों का कनेक्शन 1kw का होता है और वह 3kw का सोलर लगवाना चाहते हैं तो ऐसे में ग्राहक कैसे अपनी कैपेसिटी बढ़वा सकता है?
जवाब: हम बिजली कनेक्शन की कैपेसिटी बढ़वाने में भी लोगों की मदद करते हैं। कई राज्यों में यह प्रोसेस ऑनलाइन है, जिसके कारण वहां तुरंत कनेक्शन अपडेट हो जाता है। वहीं जहां प्रोसेस ऑनलाइन नहीं है वहां ऑफलाइन माध्यम से कनेक्शन कैपेसिटी बढ़वाते हैं। कनेक्शन के नाम में भी अगर बदलाव की जरूरत है तो वो भी हमारी कंपनी करवाती है।

सवाल: कई लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि सर्दियों या बारिश के दिनों में जब सूरज कई दिनों तक नहीं निकलता तब ये कैसे काम करेगा?
जवाब:
हम वहीं सोलर पैनल लगाते हैं जहां इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन होता है। हम सोलर को बिना बैटरी के लगाते हैं, जिसे ऑन ग्रिड सिस्टम कहा जाता है। यूजर के तौर पर आपको यह नहीं पता चलेगा कि बिजली सोलर से आ रही है कि डॉयरेक्ट ग्रिड से। बस आपका बिल कम आएगा। सोलर पैनल सर्दी और मानसून में भी बिजली जनरेट करता है, लेकिन ये गर्मियों की तुलना में थोड़ी कम होती है।

सवाल: अमेरिका में टेस्ला जैसी कंपनियां बैटरी भी देती है, लेकिन भारत में कई कंपनियां बैटरी यूज नहीं कर रही हैं। इसके कारण क्या हैं?
जवाब:
जब भी बैटरी शामिल होती है तो उसमें दो चीजें बढ़ती है-

  • मेंटेनेंस
  • कॉस्ट

भारत का मार्केट बहुत प्राइस सेंसिटिव है। अगर कंपनियां सोलर के साथ बैटरी लगाएंगी तो कॉस्ट 50% तक बढ़ जाएगी। वहीं बैटरी तब लगाई जाती है जब ग्रिड स्टेबिलिटी का इश्यू है। इसके अलावा कुछ जगहों पर इलेक्ट्रिसिटी का मिडनाइट, अर्ली मॉर्निंग और डे टाइम में रेट कम रहता है, लेकिन पीक आवर्स में बढ़ जाता है। ऐसी सिचुएशन में बैटरी लगाई जा सकती है।

जब इलेक्ट्रिसिटी रेट ज्यादा हो तो बैटरी का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, जब इलेक्ट्रिसिटी रेट कम हो तो बैटरी को चार्ज करते हैं। तभी बैटरी लगाने का निर्णय आर्थिक रूप से सही होगा।

सवाल: आपके हिसाब से अभी सरकार को सोलर लगवाने में बढ़ावा देने के लिए क्या करना चाहिए?
जवाब: अगर सरकार वर्चुअल नेट मीटरिंग की सुविधा लाती है तो वह इस इंडस्ट्री के लिए गेम चेंजर होगा। इसमें जिसके पास घर पर सोलर पैनल लगाने के लिए जगह नहीं वह अपने लिए कहीं और पैनल लगवा सकता है। यह दूसरे देशों में चल रहा है और दिल्ली में भी पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। इसमें अपार्टमेंट में रहने वाले लोग भी सोलर पैनल लगवा सकते हैं।

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद PM सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का ऐलान किया था। वहीं अंतरिम बजट में भी सरकार ने कहा था कि वो रूफटॉप सोलर के जरिए एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक फ्री बिजली देगी। इन ऐलान के बाद हमारी वेबसाइट में सोलर के लिए बहुत इन्क्वायरी आ रही है, जो पहले पैनल लगवाने के बारे में सोच रहा था वह अब सीरियस हो गया है।

दिल्ली में प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना की शुरुआत करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी।

सवाल: आपने अपने बिजनेस को कैसे शुरू किया और आपकी जर्नी कैसी रही?
नेशनल सोलर मिशन 2008 में लॉन्च हुआ था। भारत में 2014 में सोलर बिजनेस स्टार्ट करना काफी टफ डीसिजन था क्योंकि तब वह बहुत ही अनऑर्गेनाइज्ड मार्केट था। उस समय काफी लोकल डीलर्स थे, उनमें से कोई भी अपने एरिया/सर्किल से बाहर निकल कर काम नहीं कर रहे थे। वे केवल लोकल मार्केट को टारगेट कर रहे थे।

तब हमने टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर बड़े एरिया को टारगेट करना शुरू किया। पिछले साल कंपनी का रेवेन्यू 800 करोड़ रुपए रहा था, जिसको हम इस साल डबल करने की योजना बना रहे हैं। 60% बिजनेस रेसिडेंशियल और 40% MSME से आ रहा है। हम 2-3 साल में कंपनी को शेयर बाजार में लिस्ट कर सकते हैं।

सवाल: मार्केट में कई सारे वेंडर्स है तो फ्रेयर एनर्जी अपने कॉम्पिटिटर्स से कैसे अलग है?
जवाब:
पांच तरह से हमारी कंपनी अलग है-

  • कस्टमर एक्सपीरियंस
  • फाइनेंसिंग
  • एसेट की मॉनेटरिंग
  • आफ्टर सेल्स सपोर्ट
  • प्राइसिंग

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