हिंद महासागर में हाइड्रोथर्मल वेंट


  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये:  (2013)

1- विद्युत-चुंबकीय विकिरण
2- भूतापीय ऊर्जा
3- गुरूत्वीय बल
4- प्लेट संचलन
5- पृथ्वी का घूर्णन
6- पृथ्वी का परिक्रमण

उपर्युक्त में से कौन-से पृथ्वी के पृष्ठ पर गतिक परिवर्तन लाने के लिये ज़िम्मेदार हैं?

(a) केवल 1, 2, 3 और 4
(b) केवल 1, 3, 5 और 6
(c) केवल 2, 4, 5 और 6
(d) 1, 2, 3, 4, 5 और 6

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • पृथ्वी के भीतर से निकलने वाली ऊर्जा अंतर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाओं के पीछे मुख्य कारक है।
  • यह ऊर्जा ज़्यादातर रेडियोधर्मिता, विद्युत ऊर्जा के उत्सर्जन, घूर्णी और ज्वारीय घर्षण एवं पृथ्वी की उत्पत्ति से प्रारंभिक गर्मी से उत्पन्न होती है।
  • यह ऊर्जा भू-तापीय प्रवणता और पृथ्वी के भीतर से ऊष्मा के प्रवाह के कारण होती है।
  • अंतर्जनित प्रक्रिया ने ज्वालामुखी और संबंधित भू-तापीय घटनाओं जैसे गीजर, उष्ण झरना, आदि को प्रेरित किया है; भूकंप; प्लेट संचलन के परिणामस्वरूप विभिन्न भू-आकृतियों (पहाड़ों, पठारों आदि) और जल निकायों (समुद्र, महासागर, झील आदि) का निर्माण हुआ।
  • बहिर्जनिक प्रक्रियाएँ के लिये ऊर्जा सूर्य से वातावरण के माध्यम से प्राप्त करती हैं, जैसे- अपक्षय और अपरदन।
  • तापमान और वर्षा दो महत्त्वपूर्ण जलवायु तत्त्व हैं जो विभिन्न प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।
  • पृथ्वी की सतह गतिशील है। पृथ्वी की बाहरी सतह को बहिर्जात बलों/कारकों द्वारा लगातार प्रभावित किया जा रहा है, जो मुख्य रूप से सूर्य की ऊर्जा एवं पृथ्वी के भीतर से आंतरिक बलों (अंतर्जनित बलों) द्वारा प्रेरित है।
  • अंतर्जनित प्रक्रियाएँ
  • बहिर्जनिक प्रक्रियाएँ
  • पृथ्वी पर मौसमी और दैनिक भिन्नता क्रमशः पृथ्वी के परिक्रमण और घूर्णन के कारण होती है।
  • अतः विकल्प (d) सही है।





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