ब्रेस्‍टफीड‍िंग में ब्रेस्‍ट को क‍ितनी बार बदलें? कैसे जानें बेबी ने ब्रेस्‍ट म‍िल्‍क खत्‍म क‍िया है या नहीं | how often should i switch breast during breastfeeding in hindi


How Often Should I Switch Breast During Breastfeeding: शि‍शु और मां की सेहत के ल‍िए, स्‍तनपान जरूरी है। स्‍तनपान में प्रोटीन, वसा, व‍िटाम‍िन और खन‍िज मौजूद होते हैं। इससे श‍िशु के व‍िकास की जरूरतों को पूरा क‍िया जा सकता है। स्तनपान शिशु की इम्‍यून‍िटी को मजबूत बनाता है। मां के दूध में एंटीबॉडी और अन्य जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो शिशु को इंफेक्‍शन से बचाने में मदद करते हैं। स्‍तनपान आसानी से पच जाता है और इससे शिशु को पेट दर्द और कब्ज की समस्याओं से बचाया जा सकता है। स्तनपान करने वाले शिशुओं में अस्थमा, एलर्जी, मोटापा और टाइप 2 मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। स्‍तनपान कराने से मां को ब्रेस्‍ट कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचने में मदद म‍िलती है। हालांक‍ि ब्रेस्‍टफीड‍िंग से जुड़े कई सवाल हैं ज‍िनके जवाब मांओं के पास नहीं होते। 1 से 7 अगस्‍त तक दुन‍िया भर में वर्ल्ड ब्रेस्‍टफीड‍िंग वीक 2024 (World Breastfeeding Week 2024) मनाया जा रहा है। इस द‍िन का उद्देश्‍य है ब्रेस्‍टफीड‍िंग के बारे में मांओं को जागरूक बनाना। इसी कड़ी में हम स्‍तनपान से संबंध‍ित सवालों के जवाब आप तक लेकर आएंगे। आज का सवाल है क‍ि ब्रेस्‍टफीड‍िंग के दौरान, ब्रेस्‍ट को क‍ितनी बार बदलना चाह‍िए? इस सवाल का जवाब जानने के ल‍िए हमने Dr Tanima Singhal, Lactation Expert, Ma-Si Care Clinic, Lucknow से बात की।     

ब्रेस्‍टफीड‍िंग में ब्रेस्‍ट को क‍ितनी बार बदलें?- How Often Should I Switch Breast During Breastfeeding

जब आपको लगे क‍ि श‍िशु ने ब्रेस्‍ट म‍िल्‍क खत्‍म कर ल‍िया है, तब दूसरे ब्रेस्‍ट पर स्‍व‍िच करना चाह‍िए। ब्रेस्‍टफीड‍िंग के दौरान, दूसरे ब्रेस्‍ट पर स्‍व‍िच करने से पहले स्‍तनपान की स्‍पीड को धीमा कर दें। इस प्रक्र‍िया में लगभग 20 म‍िनट का समय लगता है। लेक‍िन हर श‍िशु की स्‍पीड अलग होती है। लेक‍िन श‍िशु को एक ब्रेस्‍ट का म‍िल्‍क खत्‍म करने दें, तभी उसे दूसरी तरफ से दूध प‍िलाएं। ब्रेस्‍ट म‍िल्‍क में वह सभी पोषक तत्‍व मौजूद होते हैं, जो श‍िशु की ग्रोथ के ल‍िए जरूरी हैं। ध्‍यान दें क‍ि जैसे ही श‍िशु, स्‍तनपान करने की स्‍पीड को कम कर रहा है, तो इसका मतलब है ब्रेस्‍ट म‍िल्‍क खत्‍म हो रहा है या शि‍शु का पेट भर गया है। दूसरे ब्रेस्‍ट पर स्‍व‍िच करने से पहले श‍िशु को डकार द‍िलवाएं। कुछ श‍िशुओं का पेट, केवल एक बार ब्रेस्‍टफीड करके भर जाता है। श‍िशु के ल‍िए जरूरी है क‍ि उसकी ग्रोथ ठीक तरह से हो। अगर आपको क‍िसी भी तरह का कोई कंफ्यूजन होता है, तो डॉक्‍टर से सलाह लेना न भूलें।

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कैसे पता लगाएं क‍ि श‍िशु ने ब्रेस्‍ट म‍िल्‍क खत्‍म क‍िया है या नहीं?

श‍िशु की सही ग्रोथ के ल‍िए यह जानना जरूरी है क‍ि उसे पर्याप्‍त दूध म‍िल रहा है या नहीं। कुछ संकेतों की मदद से इसे आसानी से समझा जा सकता है-

  • अगर शिशु दूध पी चुका है और संतुष्ट है, तो वह शांत हो जाएगा। श‍िशु के चेहरे पर संतोष का भाव नजर आएगा। 
  • दूध प‍िलाने के बाद, स्‍तन पहले की तुलना में हल्‍के और नरम महसूस होंगे। यह संकेत है क‍ि श‍िशु ने पर्याप्‍त दूध पी ल‍िया है।
  • जब श‍िशु का पेट भर जाता है, तब वह अपने आप स्‍तन को छोड़ देता है। कुछ श‍िशु, दूध पीने के बाद सो जाते हैं या स्‍तनपान करने में रुच‍ि खो देते हैं। 
  • सामान्य तौर पर, एक नवजात शिशु के ल‍िए दिनभर में लगभग 12 डायपर इस्‍तेमाल क‍िए जाते हैं। यह संकेत हो सकता है क‍ि श‍िशु को पर्याप्‍त दूध म‍िल रहा है। 
  • शिशु का वजन सही तरीके से बढ़ रहा है, तो यह इस बात का संकेत है कि वह पर्याप्त दूध पी रहा है। डॉक्टर की नियमित जांच में शिशु के वजन का पता चलता है।
  • जब शिशु दूध पीता है, तो आप दूध निगलने की आवाज सुन सकते हैं। यह भी एक संकेत हो सकता है कि वह दूध पी रहा है।
  • अगर आपको यह लगता है कि शिशु पर्याप्त दूध नहीं पी रहा है या वह भूखा रह जाता है, तो डॉक्टर या लैक्‍टेशन एक्‍सपर्ट से सलाह लें।

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