गर्मियों में श‍िशुओं को अक्‍सर हो जाता है बैक्टीरियल इंफेक्शन, राहत के ल‍िए अपनाएं ये 5 घरेलू उपाय | home remedies to cure bacterial infection in babies in hindi

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Bacterial Infection in Babies: बैक्‍टीर‍िया के कारण होने वाले इंफेक्‍शन को बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन का नाम द‍िया गया है। बैक्‍टीर‍िया एक प्रकार के सूक्ष्‍मजीव होते हैं। कुछ बैक्‍टीर‍िया हमारे शरीर के ल‍िए फायदेमंद होते हैं ज‍िन्‍हें हम गुड बैक्‍टीर‍िया कहते हैं। वहीं कुछ बैक्‍टीर‍िया स्‍वास्‍थ्‍य के ल‍िए हान‍िकारक होते हैं और वे बैड बैक्‍टीर‍िया कहलाते हैं। ये बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन का कारण बनते हैं। बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन वयस्‍कों के साथ-साथ बच्‍चों और श‍िशुओं को भी हो सकता है। श‍िशुओं की इम्‍यून‍िटी कमजोर होती है इसल‍िए जब बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन होता है, तो श‍िशुओं में इसका ज्‍यादा असर देखने को म‍िलता है। बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन होने पर श‍िशु में बुखार, त्‍वचा में सूजन, दर्द, रेडनेस, खुजली, जलन, मवाद या फोड़ा, श्वसन संबंधी समस्याएं आद‍ि लक्षण नजर आ सकते हैं। बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन को दूर करने के ल‍िए डॉक्‍टर श‍िशु को एंटीबैक्‍टीर‍ियल क्रीम या दवा दे सकते हैं। इसके अलावा कुछ आसान और सुरक्ष‍ित घरेलू उपाय हैं ज‍िनकी मदद से श‍िशुओं में होने वाले बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन का इलाज घर बैठे क‍िया जा सकता है। इन घरेलू उपायों को डॉक्‍टर की सलाह पर ही श‍िशु पर प्रयोग करें। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के व‍िकास नगर में स्‍थित प्रांजल आयुर्वेद‍िक क्‍लीन‍िक के डॉ मनीष स‍िंह से बात की।  

श‍िशुओं में बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन दूर करने के घरेलू उपाय- Bacterial Infection in Babies

शिशुओं में बैक्टीरियल इंफेक्‍शन का इलाज ब‍िना डॉक्‍टर की सलाह के नहीं क‍िया जा सकता। हालांक‍ि कुछ आसान घरेलू उपाय हैं ज‍िनकी मदद ली जा सकती है- 

1. श‍िशु को स्‍तनपान करवाएं- Breastfeed Your Child 

श‍िशु के ल‍िए मां का दूध क‍िसी दवा से कम नहीं है। स्‍तनपान करने से श‍िशु की रोग प्रत‍िरोधक क्षमता बढ़ेगी और उसका शरीर इंफेक्‍शन से खुद को बचा पाएगा। स्तनपान कराने वाली मांओं को पौष्टिक आहार लेना चाहिए और साथ ही श‍िशु को न‍ियम‍ित तौर पर स्‍तनपान करवाना चाह‍िए, ताक‍ि बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन ठीक हो जाए।

2. नीम के पत्तों का इस्‍तेमाल करें- Use Neem Leaves For Bacterial Infection

नीम के पत्तों में एंटीबैक्‍टीर‍ियल गुण होते हैं। इंफेक्‍शन का इलाज करने के ल‍िए नीम के पत्तों का इस्‍तेमाल क‍िया जा सकता है। नीम के 20 से 25 पत्तों को पानी में उबाल लें। इस पानी को श‍िशु को नहलाने के पानी में म‍िला दें। नीम के पानी से नहलाने पर श‍िशु की स्‍क‍िन में मौजूद बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन ठीक हो जाएगा।  

3. बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन का हर्बल उपाय- Herbal Treatment For Bacterial Infection

हल्‍दी में एंटीबैक्‍टीर‍ियल गुण होते हैं। हल्‍दी पाउडर को पानी में म‍िलाकर पेस्‍ट तैयार करें। इस पेस्‍ट को इंफेक्‍शन वाले ह‍िस्‍से पर लगाकर छोड़ दें। जब म‍िश्रण सूख जाए, तो साफ कपड़े को गीला करके श‍िशु की त्‍वचा को पोंछ दें और एंटीबैक्‍टीर‍ियल क्रीम लगा दें। इस तरह आप श‍िशु की त्‍वचा पर मौजूद बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन का इलाज कर सकते हैं।  

4. ठंडे पानी से स‍िंकाई करें- Cold Water Compress

बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन का इलाज बर्फ से क‍िया जा सकता है। लेक‍िन श‍िशु की स्‍क‍िन सेंस‍िट‍िव होती है, इसल‍िए आप दोपहर के समय ठंडे पानी में सूती कपड़े को भ‍िगोकर हल्‍के हाथ से श‍िशु की त्‍वचा पर माल‍िश करें। इससे रैशेज, खुजली, जलन आद‍ि लक्षण ठीक हो जाएंगे और बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन कुछ ही द‍िनों में गायब हो जाएगा।

5. श‍िशु को हाइड्रेट रखें- Keep Baby Hydrated

श‍िशु के शरीर में फैला बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन ठीक करना चाहते हैं, तो उसका शरीर हाइड्रेट रहना चाह‍िए। श‍िशु की उम्र 6 माह से कम है, तो स्‍तनपान के जर‍िए श‍िशु को हाइड्रेशन म‍िलेगा। 6 माह से ज्‍यादा उम्र वाले श‍िशुओं को स्‍तनपान के साथ-साथ पानी का भी सेवन करवाएं ताक‍ि इंफेक्‍शन, यूर‍िन के जर‍िए शरीर से न‍िकल जाए। 

अगर ऊपर बताए उपायों के बावजूद भी इंफेक्‍शन ठीक न हो, तो डॉक्‍टर की सलाह लेना न भूलें। श‍िशु के मामले में डॉक्‍टर की सलाह लेना जरूरी है। 

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