Hindenburg Research Controversy; IIFL Management | Adani Investments | IIFL ने कहा- अडाणी ग्रुप में हमारा कोई निवेश नहीं: हिंडनबर्ग ने फंड साइफनिंग के आरोप लगाए थे, SEBI चीफ पर भी ऑफशोर फंडिंग के आरोप

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मुंबई16 मिनट पहले

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सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चीफ माधबी पुरी बुच (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चीफ माधबी पुरी बुच (फाइल फोटो)

मॉरीशस स्थित 360-वन (पहले IIFL वेल्थ) ने कहा है कि IPE-प्लस फंड 1 ने कभी भी अडाणी ग्रुप के किसी भी शेयर में डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से कोई निवेश नहीं किया है। फंड में माधबी पुरी बुच और धवल बुच की होल्डिंग टोटल इन्फ्लो के 1.5% से कम थी।

शनिवार (10 अगस्त) को जारी हिंडनबर्ग रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने 5 जून 2015 को मॉरीशस स्थित IPE-प्लस फंड 1 में एक अकाउंट खुलवाया, जो कथित तौर पर फंड साइफनिंग में शामिल था। हिंडनबर्ग ने यह भी आरोप लगाया था कि अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में सेबी चीफ और उनके पति की हिस्सेदारी है।

360 वन के एक्सचेंज फाइलिंग की बड़ी बातें…

  • IPE-प्लस फंड 1 नियमों को मानने वाला और रेगुलेटेड फंड है। इसे अक्टूबर 2013 में लॉन्च किया गया था और अक्टूबर 2019 तक संचालित किया गया था।
  • अपने 6 साल के ऑपरेशन के दौरान, हमने किसी भी फंड के माध्यम से डायरेक्ट या इन-डायरेक्ट रूप से अडाणी ग्रुप के किसी भी शेयर में जीरो इन्वेस्टमेंट किया।
  • बिजनेस के अपने पीक पर फंड 1 का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 48 मिलियन डॉलर (करीब ₹403 करोड़) था। इसमें 90% से ज्यादा फंड लगातार बॉन्ड में निवेश किया गया।
  • इस फंड को इन्वेस्टमेंट मैनेजर मैनेज कर रहे थे। फंड ऑपरेशन या निवेश के फैसलों में निवेशक की कोई भागीदारी नहीं थी।
  • फंड में माधबी पुरी बुच और धवल बुच की होल्डिंग टोटल इन्फ्लो के 1.5% से कम थी।
  • रिपोर्ट में लिखी गईं अन्य सभी पॉइंट्स दोहराए गए हैं और पिछले कम्युनिकेशन में डिटेल में एक्सप्लेन किए गए हैं।
  • 360 वन एसेट मैनेजमेंट पुष्टि करता है कि इसके सभी फंड सभी रेगुलेशन का पूरी तरह से पालन करते हैं, और हम कॉर्पोरेट गवर्नेंस के हाई-स्टैंडर्ड्स का पालन करते हैं।

बुच ने कहा- आरोप “निराधार” और “चरित्र हनन” का प्रयास
बुच ने इन आरोपों को “निराधार” और “चरित्र हनन” का प्रयास बताया है। SEBI चेयरपर्सन ने सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड डिक्लेयर करने की इच्छा व्यक्त की। अपने पति धवल बुच के साथ एक जॉइंट स्टेटमेंट में उन्होंने कहा, ‘हमारा जीवन और फाइनेंसेस एक खुली किताब है।’

पिछले साल अडाणी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाकर हिंडनबर्ग रिसर्च चर्चा में आई थी। व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है।

हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में कथित तौर पर अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप के शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था।

अडाणी ग्रुप बोला- हिंडनबर्ग ने अपने फायदे के लिए ऐसा किया
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का अडाणी ग्रुप ने भी खंडन किया है। ग्रुप ने कहा- हिंडनबर्ग ने अपने फायदे के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का गलत इस्तेमाल किया। अडाणी ग्रुप पर लगाए आरोप पहले ही निराधार साबित हो चुके हैं। गहन जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज कर दिया था।

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अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने शनिवार को सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप लगाए। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है।

बुच ने इन आरोपों को “निराधार” और “चरित्र हनन” का प्रयास बताया है। SEBI चेयरपर्सन ने सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड डिक्लेयर करने की इच्छा व्यक्त की। अपने पति धवल बुच के साथ एक जॉइंट स्टेटमेंट में उन्होंने कहा, ‘हमारा जीवन और फाइनेंसेस एक खुली किताब है।’

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