कुछ ऐसी गतिविधियां हैं, जिसे आप पीरियड्स (periods) के कुछ दिनों पहले या पीरियड्स के दौरान दोहराती हैं, पीरियड्स में दर्द (periods pain) बढ़ा सकती हैं।
पीरियड्स में महिलाओं को कई बार सामान्य तो कई बार असहनीय दर्द (painful period) का सामना करना पड़ता है। क्या आपको मालूम है ऐसा क्यों होता है? हालांकि हर महिला अलग होती है और माहवारी में उसका अनुभव भी अलग होता है। मगर कई बार इसके लिए हमारी डेली रुटीन की गलतियां जिम्मेदार होती हैं। कुछ ऐसी गतिविधियां हैं, जिसे आप पीरियड्स (periods) के कुछ दिनों पहले या पीरियड्स के दौरान दोहराती हैं, पीरियड्स में दर्द (periods pain) बढ़ा सकती हैं। हेल्थ शॉट्स के इस लेख में पीरियड्स में दर्द के लिए जिम्मेदार इन्हीं गलतियों के बारे में जानते हैं।
अब आप सोच रही होगी कि यह कौन सी ऐसी गलतियां हैं, जो पीरियड्स पेन को बढ़ा देती हैं। तो ज्यादा न सोचे क्योंकि ये कुछ कॉमन मिस्टेक्स (periods mistakes) हैं, जिसे आप अपनी नियमित दिनचर्या में दोहराती हैं। ‘डॉ. आस्था दयाल, डायरेक्टर – आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी, सी के बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम’ ने पेनफुल पीरियड्स का कारण बनने वाली कुछ आम गलतियों के बारे में बताया है। तो फिर चलिए जानते हैं, आखिर ये कौन सी मिस्टेक्स हैं (habits that can worsen your periods pain)।
जानें कौन सी आदतें पीरियड्स को बना देती हैं अधिक पेनफुल (causes of painful periods)
1. कम पानी पीना (dehydration)
अस्था दयाल के अनुसार “अपर्याप्त पानी पीने से ब्लोटिंग हो सकता है, और पीरियड्स के दर्द को बढ़ा सकता है। ऐसे में प्रयाप्त हाइड्रेशन मेंटेन रखना जरूरी है। केवल पीरियड्स के दौरान ही नहीं बल्कि हर रोज बॉडी को पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए हाइड्रेशन मेंटेन रखें। आप इसके लिए पानी के अलावा हाइड्रेटिंग फल एवं अन्य हेल्दी ड्रिंक्स की मदद ले सकती हैं।”
2. अनहेल्दी डाइट (unhealthy diet)
शुगर, प्रोसेस्ड फूड्स और अनहेल्दी फैट्स से भरपूर आहार लेने से सूजन पैदा होती है, इससे पीरियड्स के दौरान दर्द और ज्यादा बढ़ सकता है। मैग्नीशियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन डी जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी पीरियड्स में ऐंठन और क्रैंप्स को अधिक बढ़ा देती हैं।
3. अधिक तनाव लेना (stress)
अत्यधिक तनाव मासिक धर्म के दर्द को बढ़ा सकता है और हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है। हार्मोंस के असंतुलित होने पर पीरियड्स में गड़बड़ी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा पीरियड्स में नजर आने वाले शारीरिक संकेत भी अधिक गंभीर नजर आ सकते हैं। ऐसे में योग, ध्यान या डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइ करने से तनाव को कम करने में मदद मिलेगी।
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4. वेट मैनेजमेंट पर ध्यान न देना
डॉक्टर के अनुसार अत्यधिक वचन बढ़ना या वजन का घटना आपके हार्मोन को असंतुलित कर देता है, और पीरियड्स को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। यदि आप अपने वजन पर ध्यान नहीं दे रही हैं, तो यह अनियमित पीरियड का कारण बन सकता है। जिसकी वजह से आपको पीरियड्स साइकिल के दौरान अत्यधिक दर्द का अनुभव होता है। इस स्थिति में संतुलित आहार और व्यायाम के माध्यम से आपको हेल्दी वेट मेंटेन करने में मदद मिलेगी।
5. अनहेल्दी स्लीप (unhealthy sleep)
मेलाटोनिन और कोर्टिसोल जैसे पीरियड साइकिल को नियंत्रित करने में मदद करने वाले हार्मोन खराब नींद के पैटर्न के परिणामस्वरूप असंतुलित हो सकते हैं। अपर्याप्त नींद के परिणामस्वरूप तनाव का स्तर बढ़ता है, जिससे पीरियड्स में अधिक दर्द का अनुभव होता है और पीरियड्स असुविधाजनक लगता है।
इसके अलावा, बहुत कम नींद लेने से इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है, जिससे सूजन और पीरियड्स का दर्द बढ़ जाता है। अच्छी नींद को प्राथमिकता देने से मासिक धर्म के दर्द को कम करने और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।
6. शराब और कैफीन का अधिक सेवन
डॉक्टर के अनुसार पीरियड्स के कुछ दिनों पहले या पीरियड्स के दौरान शराब पीने से कई गंभीर प्रभाव नजर आ सकते हैं। शराब और कैफीन दोनों ही शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं, और सूजन पैदा कर सकते हैं। जिससे पीरियड्स के दौरान ऐंठन और पेट दर्द बढ़ सकता है।
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