Gautam Gambhir Team India head Coach: भारतीय क्रिकेट टीम इस वक्त अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। किसी भी बल्लेबाज के बल्ले से रन नहीं बन रहे हैं। टीम इंडिया जब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहुंची थी, तो उसका आगाज काफी शानदार रहा। पहला ही मैच भारतीय टीम ने बेहतरीन तरीके से जीतने में कामयाबी हासिल की थी। इसके बाद लगा कि टीम इंडिया इस बार फिर से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया को बुरी तरह से रौंदेगी, लेकिन इस वक्त तस्वीर बिल्कुल उलट है। सीरीज के चार मैच हो चुके हैं और भारत पीछे चल रहा है। अगर भारत ने सिडनी में होने वाला आखिरी मैच जीत भी लिया तो भी सीरीज बराबरी पर ही खत्म होगी। इस बीच हाल ही में टीम इंडिया के हेड कोच की जिम्मेदारी संभालने वाले गौतम गंभीर पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। खबर है कि अगर टीम इंडिया का यही हाल चैंपियंस ट्रॉफी में भी रहा तो गौतम गंभीर के पर कतर दिए जाएंगे।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचना होगा काफी मुश्किल
रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया इस वक्त विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से करीब करीब बाहर हो चुकी है। भारत अगर सिडनी टेस्ट जीत भी जाता है तो उसकी किस्मत उसके हाथ में नहीं होगी। इतना ही नहीं भारत को उम्मीद करनी होगी कि श्रीलंका की टीम ऑस्ट्रेलिया को हराए। वैसे तो ये मुमकिन है, लेकिन जो काम भारतीय टीम खुद नहीं कर सकी, उसकी उम्मीद श्रीलंका से करना बेमानी ही होगी। इस बीच अगर आपको लग रहा है कि बीसीसीआई खामोशी से बैठकर तमाशा देख रही है तो ऐसा नहीं है। बीसीसीआई के आला अधिकारी सारी चीजों पर बारीक नजर रख रहे हैं और अगर प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ तो फिर हेड कोच गौतम गंभीर निशाने पर आ सकते हैं।
चैंपियंस ट्रॉफी में भी नहीं सुधरा प्रदर्शन तो हेड कोच पर आएगा संकट
इस बीच पीटीआई के हवाले से एक खबर सामने आई है, जिसने आते ही सनसनी सी मचा दी है। जानकारी मिली है कि भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर टीम के अधिकांश खिलाड़ियों से एकमत नहीं हैं। इतना ही नहीं, प्लेयर्स के साथ उनका संवाद भी उतना अच्छा नहीं है, रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ के समय हुआ करता था। पता चला है कि अधिक मुखर माने जाने वाले गंभीर को खिलाड़ियों के उस ग्रुप का बहुत अधिक विश्वास हासिल नहीं है, जो विराट कोहली और रोहित शर्मा जितने उम्रदराज नहीं हैं, लेकिन हर्षित राणा या नितीश रेड्डी जैसे नए भी नहीं हैं। बड़ी बात ये निकलकर सामने आई है कि बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया है कि इस सीरीज का एक टेस्ट मैच बचा है और फिर चैंपियंस ट्रॉफी है। अगर प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ तो गौतम गंभीर की स्थिति भी सुरक्षित नहीं होगी। इस बात ने अचानक से सनसनी सी मचा दी है।
गौतम गंभीर नहीं थे बीसीसीआई के लिए हेड कोच की पहली च्वाइस
बात यहीं पर खत्म नहीं होती है। सेलेक्शन कमेटी, जिसके चेयरमैन अजीत अगरकर हैं, उसके साथ भी गौतम गंभीर के समीकरण साफ नहीं हैं। खबर है कि अगर फरवरी-मार्च में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का प्रदर्शन बहुत बेहतर नहीं रहा तो गौतम गंभीर के पर कतर दिए जाएंगे। बीसीसीआई अधिकारी ने पीटीआई से कहा है कि गौतम गंभीर कभी भी बीसीसीआई की पहली पसंद नहीं थे। पहली च्वाइस वीवीएस लक्ष्मण थे, वहीं कुछ जाने-माने विदेशी दिग्गजों ने तीनों फॉर्मेट में कोच बनने से इन्कार कर दिया था, इसलिए आखिर में गौतम गंभीर के नाम पर मोहर लगाई गई। कुछ अन्य मजबूरियां भी थीं। न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान में 0-3 से मिली हार के बाद गंभीर से पहले ही कुछ कठिन सवाल पूछे जा चुके हैं और अगर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी गंवा दी गई तो गंभीर के लिए चीजें मुश्किल हो सकती हैं।
चैंपियंस ट्रॉफी भारत और पाकिस्तान के बीच खेला जाएगा महामुकाबला
चैंपियंस ट्रॉफी का आगाज 19 फरवरी से खेला जाएगा। टीम इंडिया अपना पहला मुकाबला 20 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ खेलेगी और इसके बाद 23 फरवरी को पाकिस्तान के खिलाफ महामुकाबला होगा। भारत को अपने ग्रुप मैच में न्यूजीलैंड से भी भिड़ना है। अगर पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में कहीं टीम इंडिया पिछड़ी तो बीसीसीआई की ओर से एक बड़ा आपरेशन किया जाएगा, जिसकी शायद अभी तक कल्पना भी नहीं की गई है। अगले साल दो आईसीसी मुकाबले होने हैं। डब्ल्यूटीसी का फाइनल तक अब दूर की कौड़ी लग रहा है। अगर चैंपियंस ट्रॉफी में भी सुधार नही हुआ तो फिर बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। गौतम गंभीर ने टीम इंडिया के हेड कोच की जिम्मेदारी उस वक्त संभाली थी, जब भारतीय टीम रोहित शर्मा की कप्तानी में टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीतकर लौटी थी, लेकिन अब उसी टीम की हालत पतली है और एक एक जीत के लिए तरसना पड़ रहा है।
यह भी पढ़ें
आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भयंकर उठापटक, यशस्वी जायसवाल को फायदा, ट्रेविस हेड को जाना पड़ा नीचे
रोहित शर्मा की अब होगी अग्नि परीक्षा, क्या पीछे हटेंगे या फिर मार लेंगे मैदान