Ye 6 prakar ke ho sakte hain female orgasm. – ये 6 प्रकार के हो सकते हैं फीमेल ऑर्गेज्म।


कई बार महिलाओं के काफी कोशिश के बाद भी उन्हें ऑर्गेज्म नहीं आता, या उन्हे ऑर्गेज्म तक पहुंचने में काफी लंबा समय लग सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्युकी महिलाएं अपना प्लेजर प्वाइंट नहीं जानती।

आज भी कई महिला ऐसी हैं, जो ऑर्गेज्म के बारे में खुलकर बात नहीं करती। वहीं समस्या ये है की वे अपने पार्टनर से भी इस विषय पर बात नहीं करती। कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं, जिन्होंने कभी ऑर्गेज्म का अनुभव नहीं किया। हालांकि, महिलाओं को पहले अपनी बॉडी से जुड़ी जानकारी होना महत्वपूर्ण है, तब वे अपने पार्टनर को अपनी बॉडी एक्सप्लोर करते वक्त अपना प्लेजर प्वाइंट बता सकती हैं। वहीं कई बार महिलाओं के काफी कोशिश के बाद भी उन्हें ऑर्गेज्म नहीं आता, या उन्हे ऑर्गेज्म तक पहुंचने में काफी लंबा समय लग सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्युकी महिलाएं अपना प्लेजर प्वाइंट नहीं जानती।


क्या आपको मालूम है ऑर्गेज्म भी अलग अलग प्रकार के हो सकते हैं! जी हां, महिलाओं के ऑर्गेज्म तक पहुंचने का तरीका अलग अलग हो सकता है। इस बारे में अधिक विस्तार से समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने सीके बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजिस्ट आस्था दयाल से बात की। तो चलिए डॉक्टर से जानते हैं, महिलाएं कितने प्रकार से ऑर्गेज्म प्राप्त कर सकती हैं (Types of Female Orgasm)।

यहां जानें अलग अलग प्रकार के फीमेल ऑर्गेज्म (Types of Female Orgasm)

1. क्लिटोरल ऑर्गेज्म (Clitoral orgasm)

क्लिटोरिस एक यौन अंग है, जो योनि के बाहरी भाग पर एक छोटे से उभरे हुए टिशु की तरह दिखती है, लेकिन यह आपकी योनि में भी आंतरिक रूप से फैली हुई होती है। यह लाखों नर्व एंडिंग से बनी होती है, जो इसे उत्तेजना के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील बनाते हैं। क्लिटोरिस को सीधे उत्तेजित करने या क्लिटोरिस के आस-पास के लेबिया को छूने से उस क्षेत्र में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है, जिससे क्लिटोरिस फूल जाता है और उसे ऑर्गेज्म की आवश्यकता होती है। इस प्रकार आप अपनी क्लिटोरी को स्टिमुलेट कर आर्जेम प्राप्त कर सकती हैं।


BODY ME ESTROGEN LEVEL KO BADHAYE
ऑर्गेज्म बॉडी में एस्ट्रोजन के लेवल को बढ़ाए। चित्र शटरस्टॉक।

2. जी-स्पॉट ऑर्गेज्म (G-spot orgasm)

जी स्पॉट वेजिनल वॉल में अंदर की तरफ होता है। यह आपकी वेजाइनल ओपनिंग और सर्विक्स के बीच होता है। कुछ शोधकर्ताओं का तर्क है कि यह एक यौन अंग है, जबकि अन्य मानते हैं, कि यह क्लीटोरिस के नर्व एंडिंग के नेटवर्क का हिस्सा है। जी-स्पॉट सेक्स अन्य प्रकार के सेक्स की तुलना में बहुत तीव्र महसूस होते हैं।

यह भी पढ़ें: Vaginal burning in summer : गर्मी में बढ़ जाती है वेजाइनल बर्निंग की समस्या, ये 5 फूड्स दे सकते हैं इस समस्या से राहत

यह भी पढ़ें

3. वेजाइनल ऑर्गेज्म (vaginal orgasm)

क्लिटोरिस के अलावा, योनि में अतिरिक्त उत्तेजक जोन होते हैं। ए-स्पॉट, या एंटीरियर फोर्निक्स, सर्विक्स के ठीक नीचे योनि की उच्च सामने दीवार पर स्थित है। इस क्षेत्र को सही तरीके से छूने पर एक डीप वेजाइनल सेक्स ट्रिगर हो सकता है। कुछ महिलाएं सर्विक्स के स्टिम्युलेट होने से भी ऑर्गेज्म प्राप्त कर लेती हैं। क्योंकि इन क्षेत्रों में नर्वस के साथ लिगामेंट होते हैं, जो अत्यधिक संवेदनशील हो सकते हैं।

4. निप्पल ऑर्गेज्म (Nipple orgasm)

आपके ब्रेस्ट और निप्पल ज्यादातर महिलाओं के एरोजेनस जोन होते हैं, इसलिए उन क्षेत्रों को उत्तेजित करके ऑर्गेज्म प्राप्त करना संभव है। निप्पल विशेष रूप से छूने पर प्रतिक्रिया करती है, क्योंकि उनमें कई नर्व एंडिंग होती हैं।

निप्पल ऑर्गेज्म वाकई में होता है। चित्र : शटरस्टॉक

5. ब्लेंडेड ऑर्गेज्म (blended orgasm)

ब्लेंडेड ऑर्गेज्म वे क्लाइमैक्स है, जो एक समय में एक से अधिक एरोजेनस जोन के उत्तेजित होने पर प्राप्त होती है। क्लिटोरिस, जी-स्पॉट, निप्पल जैसे कामुक क्षेत्रों का कोई भी संयोजन मिश्रित ऑर्गेज्म की ओर ले जा सकता है।

6. मल्टीपल ऑर्गेज्म (Multiple orgasm)

महिलाएं मल्टीपल ऑर्गेज्म का अनुभव कर सकती हैं, क्योंकि उन्हें ऑर्गेज्म और उत्तेजना के बीच बहुत अधिक समय की आवश्यकता नहीं होती है।

यह भी पढ़ें: हेल्दी सेक्स सेशन के लिए जरूरी है इमोशनल बॉन्डिंग और इंटिमेसी, जानिए एक रोमांटिक रिश्ते में इसकी जरूरत



Source link

Exit mobile version