जबड़े की मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करने और उन्हें टोन रखने के लिए जॉ लाइन एक्सरसाइज़ बेहद आवश्यक है। इससे न केवल जॉ लाइन को शेप में लाया जा सकता है बल्कि चेहरे पर दिखने वाले एजिंग के लक्षणों को रोकने में भी मदद मिलती है।
चेहरे की खूबसूरती को बनाए रखने के लिए लोग कई प्रकार के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। मगर चेहरे पर दिखने वाला मोटापा ब्यूटी को प्रभावित करने लगता है। खासतौर से चिन के आसपास लटकता फैट। जिसे डबल चिन भी कहते हैं। जैसे-जैसें उम्र बढ़ती है, चेहरे का आकार बदलता है और जॉलाइन का नुकीलापन कम हो सकता है। गर्दन और जॉलाइन के क्षेत्र में अतिरिक्त फैट होने या मांसपेशियां सिकुड़ने के कारण भी ऐसा हो सकता है। एक सुडौल और परफेक्ट जॉलाइन न केवल आपके लुक को निखारती है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाती है। आज हेल्थशॉट्स में हम आपको कुछ प्रभावी उपाय और तकनीकों के बारे में बताएंगे जिनसे आप अपनी जॉलाइन को टोन (Jawline exercise) कर सकते हैं और चेहरे के मोटापे को कम कर सकते हैं।
सबसे पहले जानते हैं जॉलाइन क्या है (What is Jaw line)
जॉलाइन चेहरे की उस आउटलाइन को कहा जाता है, जो चिन और नेक के बीच की दूरी बरकरार रखती है। बेहतरीन जॉ लाइन को मेंटेन करने से चेहरे की खूबसूरती बढ़ने लगती है। दरअसल, इससे स्किन पर बढ़ने वाली झुर्रियों को कम करके चेहरे को एक उचित आकार की प्राप्ति होती है, जिससे स्किन के टैक्सचर में बदलाव आता है और स्किन निखर जाती है।
गर्दन की मांसपेशियां कैसे होती हैं प्रभावित (How are neck muscles affected)
वज़न बढ़ने, देर तक झुके रहने और उम्र बढ़ने के चलते गर्दन की मांसपेशियां प्रभावित होती है, जिससे उनका विकास उचित प्रकार से नहीं हो पाता है। इसके अलावा जिम में एक्सरसाइज़ के दौरान नेक एक्सरसाइज़ पर फोकस नहीं किया जाता है। इस कमी के कारण ये मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती हैं, जिससे गर्दन ढीली दिखती है।
खराब जॉलाइन गर्दन को भी करती है प्रभावित
1. ढीलापन लिए हुए गर्दन: जब ये मांसपेशियां कमजोर होती हैं, तो गर्दन का क्षेत्र कम टेढ़ा हो जाता है, जिससे जॉलाइन की स्पष्टता कम होती है।
2. गर्दन में दर्द: कमजोर मांसपेशियां गर्दन के दर्द का एक छिपा हुआ कारण बन सकती हैं, क्योंकि सही सपोर्ट न मिलने पर गर्दन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
इसलिए, जॉलाइन को मजबूत और स्पष्ट बनाए रखने के लिए इन मांसपेशियों का व्यायाम करना आवश्यक है।
ये एक्सरसाइज हैं मददगार
1. नेक कर्लअप (Neck Curl up)
इस करने के लिए सबसे पहले मैट पर बैठ जाएं और कमर को सीधा कर लें। अब धीरे धीरे लेट जाएं और सिर के नीचे कुछ भी रखने से परहेज करें। इसके बाद दोनों हाथों को सिर के पीछे लेकर जाएं। अब सिर को उठाने का प्रयास करें। उपर उठने के बाद गर्दन को अंदर की ओर मोड़ते हुद चेस्ट को देखने का प्रयास करें। इसके बाद सिर को फिर वापिस पीछे की ओर लेकर जाएं। 3 सेट्स में 20 बार इसका अभ्यास करें। इससे गर्दन पर दिखने वाले एजिंग साइंस को कम किया जा सकता है, जो जॉलाइन को शार्प बनाता है।
2. कॉलरबोन बैकअप (collarbone backup exercise)
इस एक्सरसाइज़ को बैठकर या फिर खड़े होकर भी किया जा सकता है। इसे करने के लिए मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और कमर को एकदम सीधा कर लें। अब कंधों को पीछे की ओर धकेलें और चेस्ट को ऊपर की ओर रखें। इस दौरान सांस पर नियंत्रण बनाए रखें और गर्दन को आगे बढ़ाएं और फिर पीछे लेकर जाएं। 2 सेट्स में बीस बार इस एक्सरसाइज़ का अभ्यास करें। इसके नियमित अभ्यास से कॉलर बोन मसल्स और गर्दन की मांसपेशियों के खिंचाव को कम किया जा सकता है। इससे जॉलाइन बेहतर बनने लगती है।
3. चिन अप्स
चिन की मदद से की जाने वाली एक्सरसाइज़ जॉ लाइन को बेहतरीन आकार देने में मदद करती है। इसे करने के लिए कुर्सी पर या बैठकर अपने जबड़े की मदद से चिन को आगे की ओर लेकर जाएं और निचले हांठ को उपर होंठ पर रखें। उसके बाद सामान्य मुद्रा में आ जाएं। इस प्रकार का 10 से 20 बार अभ्यास करें। इस एक्सरसाइज़ में चेहरे का लोअर हिस्सा एजेंग हो जाता है। इससे चेहरे की शेप में बदलाव महसूस होने लगता है और स्किन पर मौजूद अतिरिक्त फैट्स से बचा जा सकता है।
4. स्वरों को पुकारना (Vowel exercise)
इस आसान एक्सरसाइज़ से चेहरे की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। इसे करने के लिए होइों से ओ का आकार बनाएं और उसके बाद ई का आकार लेकर आएं। इससे त्वचा की लोच बरकरार रहती है और स्किन मे आने वाले खिंचाव से बचा जा सकता है।
“अ”, “ई”, “उ”, “ओ”, और “आ” वॉवल साउंथ होठों के आकार को भी फायदा पहुंचाते है। इससे नीचे की ओर लटक रही स्किन को कम किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें – Mewing Benefits: जानिए क्या है म्यूईंग, जो आपके जॉलाइन में सुधार कर चेहरे को आकर्षक बना सकती है