Heel pain ke liye exercise,- हील पेन के लिए एक्सरसाइज़


एड़ी में दिनों दिन बढ़ने वाले दर्द के कारण चलते फिरने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कुछ आसान एक्सरसाइज़ से इस दर्द को दूर किया जा सकता है। जानते हैं वो 4 एक्सरसाइज़ जो एड़ी के दर्द को दूर करने में करेंगी आपकी मदद

कई बार गलत जूते पहनकर वॉक करने और दिनभर हाई हील्स पहनने से एड़ी में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। दर्द को बार बार नज़रअंदाज़ करने से ये बढ़ने लगता है। एड़ी के निचली ओर होने वाले इस दर्द से चलना फिरना मुश्किल हो जाता है और मांसपेशियों में खिंचाव आने लगता है। अधिकतर लोग दर्द से राहत पाने के लिए दवाओं का सेवन करते है, मगर कुछ आसान एक्सरसाइज़ की मदद से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। खास बाम ये है कि इन एक्सरसाइज़ को रात को सोने से पहले बेड पर बैठकर भी किया जा सकता है। जानते हैं एड़ी में बढ़ने वाले दर्द को दूर करने वाली 4 एक्सरसाइज़।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार एड़ी फैटी टिशूज़ से बना एक पैडिड कुशन है, जो शरीर के वजन और प्रैशर से अपना आकार धारण कर लेता है। मोटापा, गलत फिटिंग के जूते, कठोर सतह पर दौड़ना और कूदना, असामान्य चलने की आदत और कुछ बीमारियां हील पेन का कारण साबित होती है।

हील पेन की समस्या क्यों बढ़ जाती है (Heel pain problem)

इस बारे में बीएएमएस डॉ संतोख सिंह बताते हैं कि पैरों की नसों में स्टिनेस बढ़ जाने से एड़ी के निचले हिस्से में दर्द बढ़ने लगता है, जिसे हील स्पर (Heel spur) कहा जाता है। इससे टिशूज़ में इरिटेशन बढ़ने लगती है हल्की सिहरन का एहसास होने लगता है। हील स्पर (Heel spur) दर्द का कारण बनते हैं। दरअसल, प्लांटर फैस्कीटिस पैर के तले के नीचे टिशूज़ की एक पट्टी होती है, जो एड़ी से लेकर पैर की उंगलियों को जोड़ती है।

हील स्पर (Heel spur) को दूर करने के लिए एक्सरसाइज़ बेहद कारगर उपाय है। इससे पैर के मसल्स को रिलैक्स किया जा सकता है। इस समस्या को दूर करने के लिए दिन में दो बार एक्सरसाइज़ करना कारगर है। हील एक्सरसाइज़ (Heel exercise) को बैठकर करने से दर्द को दूर किया जा सकता है।

Heel pain se kaise bachein
मोटापा, गलत फिटिंग के जूते, कठोर सतह पर दौड़ना और कूदना, असामान्य चलने की आदत और कुछ बीमारियां हील पेन का कारण साबित होती है। चित्र : शटरस्टॉक

हील पेन दूर करने के लिए करें ये 4 एक्सरसाइज़ (Exercise for heel pain)

1. स्क्वीज़ एक्सरसाइज़ (Squeeze exercise)

तौलिए को जमीन पर बिछाकर उसे पैर के पंजे से स्कवीज़ कर लें यानि इकट्ठा कर दें। इसके बाद उसे पैर की मदद से उपर उठाएं। 10 सेकण्ड तक इसे करने के बाद पैर को नीचे ले आएं और मसल्स को रिलैक्स होने के लिए छोड़ दें। इससे पैर की मासंपेशियों को मज़बूती मिलती है। रात को सोने से पहले बैड पर बैठकर इसका अभ्यास करें।

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2. टो स्ट्रेच (Toe stretch)

इसे करने के लिए बेड पर बैठ जाएं और फिर दाहिने पंजे की उंगलियों को पकड़ें और अपनी ओर खींचने का प्रयास करें। ऐसा करने से पैरों की उंगलियों में बढ़ने वाली ऐंठन को दूर किया जा सकता है। 15 से 30 सेकण्ड के लिए इस एक्सरसाइज़ का अभ्यास करने से दर्द कम होने लगता है। इस एक्सरसाइज़ को बैठकर ही किया जाता है।

दाहिने पंजे की उंगलियों को पकड़ें और अपनी ओर खींचने का प्रयास करें। ऐसा करने से पैरों की उंगलियों में बढ़ने वाली ऐंठन को दूर किया जा सकता है। चित्र शटरस्टॉक।

3. फोल्डिड टॉवल स्ट्रेच (folded towel stretch)

इस एक्सरसाइज़ को तौलिए की मदद से किया जा सकता है। इसके लिए पहले बैठ जाएं और फिर तौलिए को फोल्ड करके एक स्ट्रैप तैयार कर लें। अब उसे पैर के बीचों बीच रख दें और तौलिए को अपनी ओर खींचने का प्रयास करें। इससे हील पेन (Heel pain) को कम किया जा सकता है। इसके अलावा मांसपेशियों को मज़बूती मिलने लगती है।

4. रोल फुट एक्सरसाइज़ (Roll foot exercise)

ध्यान रखें की बॉल ज्यादा सॉफ्ट न हो और न ही ज्यादा हार्ड होने चाहिए। इससे पैरों की मसाज में मदद मिलती है और हील पेन भी कम होने लगता है। रोज़ाना सुबह उठकर और सोने से पहले इसका अभ्यास अवश्य करें।

एक बॉल लें और उसको पैर के नीचे रखें। अब इसे आगे से पीछे रिवॉल्व करे। रोज़ाना सुबह उठकर और सोने से पहले इसका अभ्यास अवश्य करें। चित्र : शटरस्टॉक

एक्सरसाइज़ के दौरान रखें इन बातों का ख्याल

किसी भी एक्सरसाइज़ को करने से पहले उसकी शुरूआत धीमी गति से करें। इससे एक्सरसाइज़ को करने में मदद मिलती है।

शरीर के स्टेमिना के मुताबिक अभ्यास करें और लगातार एक्सरसाइज़ करने की जगह हर व्यायाम के बाद पैरों के मसल्स को रिलैक्स होने के लिए समय दें।

पैरों की एक्सरसाइज़ के लिए हार्ड प्रोप्स का प्रयोग न करें। इससे मसल्स में तनाव बढ़ने लगता है और दर्द की संभावना बढ़ जाती है।

पैरों की एक्सरसाइज़ को बैठ कर ही करें। इससे हील पेन को कम करने में मदद मिल जाती है।

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