Europe Ariane 6 Rocket launched successfully watch video


यूरोपीय स्‍पेस प्रोग्राम ने बुधवार को बड़ी छलांग लगाई। यूरोप के पहले हैवी लिफ्ट रॉकेट ‘एरियन-6′ (Ariane 6) ने अपनी पहली सफल उड़ान भरी। यह लॉन्‍च फ्रेंच गुयाना में यूरोप के स्पेसपोर्ट से किया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, एरियन-6 का उड़ान भरना यूरोप के लिए काफी मायने रखता है। इस रॉकेट की मदद से वह भविष्‍य में अपने सुदूर स्‍पेस मिशनों को अकेले के दम पर लॉन्‍च करने के काबिल बनेगा और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) पर निर्भरता कम होगी। एरियन-6 को एरियन-5 रॉकेट के सक्‍सेसर के तौर पर बनाया गया है। 

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नया रॉकेट लो-अर्थ ऑर्बिट यानी पृथ्‍वी की निचली कक्षा में और डीप स्‍पेस में भी मिशनों को लॉन्‍च कर सकता है। रॉकेट के डिजाइन ऐसा है कि इसे मिशनों की जरूरत के हिसाब से सेट किया जा सकता है। यही वजह है कि एरियन-6 की सफल उड़ान के बाद दुनिया के स्‍पेस लॉन्‍च मार्केट में प्रतिस्‍पर्धा बढ़ सकती है।  
 

ईएसए के डायरेक्‍टर जनरल जोसेफ एशबैकर ने इस लॉन्‍च को ‘इंजीनियरिंग और टेक्‍नोलॉजी में यूरोपीय उत्कृष्टता’ का प्रदर्शन बताया। उन्‍होंने वर्षों से इस काम में लगे हजारों लोगों की मेहनत को भी स्‍वीकारा। रॉकेट को तैयार करने में यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA), CNES, एरियन ग्रुप और एरियनस्‍पेस की टीमों ने अहम भूमिका निभाई है।  

एरियन-6 की पहली उड़ान को VA262 नाम दिया गया था। इस उड़ान के दौरान रॉकेट ने पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बचने और अंतरिक्ष में ऑपरेट करने की अपनी क्षमता को दिखाया। टेस्‍ट फ्लाइट होने के बावजूद रॉकेट अपने साथ कई पेलोड लेकर गया। इनमें स्‍पेस एजेंसियों, कंपनियों, रिसर्च इंस्टिट्यूट और यूनिवर्सिटीज के एक्‍सपेरिमेंट और सैटेलाइट शामिल थे।  

लॉन्‍च के लगभग एक घंटे बाद रॉकेट ने सैटेलाइट्स को धरती से 600 किलोमीटर ऊपर ऑर्बिट में पहुंचा दिया। माना जा रहा है कि इस रॉकेट दम पर यूरोप ग्‍लोबल स्‍पेस सेक्‍टर में अपनी पकड़ को मजबूत बना सकता है। 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें



Source link

Exit mobile version