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आज के समय में हेल्दी डाइट बड़ी से बड़ी बीमारी से रिकवर होने में मदद कर सकता है। किडनी से जुड़ी बीमारी से ठीक हो रहे लोगों के लिए भी अपनी डाइट पर फोकस करना बेहद जरूरी है। हालांकि, किडनी डिजीज के शुरुआत वाले लोगों की डाइट किडनी फेलियर या गुर्दे की बीमारी (ESRD) के लास्ट स्टेज वाले लोगों से अलग होती है। ऐसे में अगर आप या आपके जानकार में कोई व्यक्ति क्रोनिक किडनी डिज़ीज़ (CKD) की बीमारी से पीड़ित हो तो जरूरी है कि वह डाइट में कुछ जरूरी पोषक तत्व शामिल करें और कुछ न्यूट्रिएंट्स का सेवन सीमित मात्रा में कर दें, ताकि आपको रिकवर करने में मदद मिल सके। ऐसे में आज हम इस आर्टिकल के जरिए अपोलो डायलिसिस प्राइवेट लिमिटेड की एमएससी-क्लिनिकल न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स डाइटिशियन यास्मीन फातिमा से जानते हैं कि किडनी की बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को अपनी डाइट में कौन-से पोषक तत्व शामिल करने चाहिए और किस तरह?
किडनी पेशेंट के लिए पोषक तत्व
कैलोरी
किडनी की बीमारी से परेशान लोग अपनी डाइट में कैलोरी के सेवन को बढ़ाएं। कैलोरी आपके शरीर को ज्यादा एनर्जी देने में मदद करता है। लेकिन अगर आपको डायबिटीज है तो आप चीनी या मीठी चीजों के सेवन से बचें और अपनी डाइट में अनाज, दालें, फलियां, लीन मांस, गेहूं की रोटी आदि चीजें शामिल कर सकते हैं।
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प्रोटीन
प्रोटीन आपके शरीर में टिशू के निर्माण और मरम्मत के लिए जरूरी है। डायलिसिस पर मरीजों को हाई प्रोटीन डाइट की जरूरत होती है। मांस, मुर्गी, अंडा, दही, पनीर और दाल, चना, सब्जियां, मेवे, मटर और सोया जैसे पौधे प्रोटीन के रूप में आप अपनी डाइट में प्रोटीन शामिल कर सकते हैं।
सोडियम
डायलिसिस पर मरीजों को अपने खानपान में नमक सीमित मात्रा में शामिल करना चाहिए। अलग से अपने खाने में नमक मिलाने से बचें और नमकीन नट्स, बोतलबंद सॉस, अचार, नमकीन पनीर और सुविधाजनक खाद्य पदार्थ जैसे पिज्जा, बर्गर और अन्य जंक फूड्स के सेवन से परहेज करें, क्योंकि उनमें नमक की मात्रा ज्यादा होती है।
पोटेशियम
सब्जियों में पोटेशियम के स्तर को कम करने के लिए खाना बनाते समय लीचिंग प्रक्रिया को फॉलो करना चाहिए। सब्जियों को पकाने के लिए माइक्रोवेव या स्टीमर का उपयोग करने से बचें, अगर सब्जियों को अच्छी तरह से उबाला जाए तो उसमें से ज्यादा पोटेशियम निकाला जा सकता है। पकी हुई सब्ज़ियों में आमतौर पर कच्ची सब्जियों की तुलना में पोटैशियम कम होता है। रक्त में पोटैशियम की सामान्य सीमा 3.8-4.9mmol/dl होती है और अगर आपके ब्लड में पोटैशियम बहुत ज्यादा हो जाता है, तो आपको पोटैशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करना चाहिए।
फॉस्फोरस
फॉस्फोरस लगभग सभी खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए। कार्बोनेटेड ड्रिंक, बीयर, दाल, बीन्स, साबुत अनाज, चॉकलेट, बेकिंग सोडा जैसे हाई फॉस्फोरस वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
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आयरन
आयरन युक्त खाद्य पदार्थ पोटैशियम और फॉस्फोरस से भी भरपूर होते हैं, इसलिए इनका सेवन सीमित मात्रा में करना ज़रूरी है। आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे आयरन-फोर्टिफाइड और आयरन-रिच अनाज और चावल का सेवन बढ़ाएं। खाना पकाने के लिए लोहे की कड़ाही का इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि खाना पकाने के दौरान कड़ाही से कुछ लोहा भोजन में मिल जाता है। लेकिन, डेयरी उत्पादों, कॉफी, चाय या शराब के साथ आयरन की गोलियां न लें।
फ्लूइड
डायलिसिस के दौरान मरीज को पानी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। इसलिए आप पानी की मात्रा नापने के लिए किसी बोतल या छोटे कप का उपयोग कर सकते हैं। अगर किसी को बार-बार प्यास लगती है, तो वे अपने मुंह को नम रखने के लिए चीनी रहित कैंडी या च्युइंग गम चूस सकते हैं।
कुल मिलाकर, एक हेल्दी डाइट प्लान बनाकर आप डायलिसिस के दौरान होने वाले इंफेक्शन से लड़ने के लिए ज्यादा एनर्जी इकट्ठा कर पाएंगे। इसके अलावा, आपकी स्थिति के अनुसार आपकों क्या और कितनी मात्रा में खाना है अपने डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।
Image Credit: Freepik
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