सरकारी संस्थानों में ड्रोन आपरेटर बनने का सुनहरा अवसर | ड्रोन ऑपरेटर की ट्रेनिंग | ड्रोन का महत्व


सरकारी संस्थानों में ड्रोन की ट्रेनिंग

ड्रोन का उपयोग कई खेती ही नहीं बल्कि कभी सेक्टरों में किया जा रहा है। फसलों में लगने वाले समय व खर्च को बचाया जा सके तथा गुणवत्ता वृद्धि की जा सके। इसके इस्तेमाल को देखते हुए ड्रोन की पढ़ाई करने वाले या ट्रेनिंग ले चुके युवाओं की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है। ड्रोन की कीमत 10 लाख रुपये से अधिक होने के चलते किसान इसे खरीदने में सक्षम नहीं हैं। इसलिए कृषि कार्यों के लिए ड्रोन ऑपरेटर या ड्रोन फ्लाइंग की ट्रेनिंग लेने वालों की मांग अधिकतर बढ़ी है। सरकार भी एग्रीकल्चर ड्रोन को खेती में इस्तेमाल के लिए बढ़ावा दे रही है। 

खेती में ड्रोन का महत्व Importance of Drones in Farming:

एग्रीकल्चर ड्रोन के जरिए किसानों को लगने वाले समय और खर्च में भारी बचत हुई है। ड्रोन एक मानव रहित विमान है। ड्रोन का इस्तेमाल जलवायु परिवर्तन की निगरानी से लेकर प्राकृतिक आपदाओं, फोटोग्राफी करना, फिल्म बनाना और सामान पहुंचाना शामिल है। भारत सरकार द्वारा अनुमोदित पहला ड्रोन, एग्रीबॉट, केवल 35 दिनों में विकसित किया गया था। कृषि में ड्रोन का उपयोग मिट्टी और क्षेत्र विश्लेषण के लिए किया जाता है। आगामी मौसम की स्थिति का पता लगाने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाता है। 

सरकारी संस्थानों में ड्रोन की ट्रेनिंग Drone Training in Government institutions:

ड्रोन का इस्तेमाल सरकारी संस्थानों में आपरेट करने के लिये सर्टिफिकेट के साथ ट्रेनिंग भी दी जा रही है। ड्रोन को आपरेट करने या उसका सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिये ट्रेनिंग दी जा रही है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में तेलंगाना सरकार ड्रोन अकेडमी सहित कई राज्य सरकारें व कृषि मंत्रालय ड्रोन की ट्रेनिंग दे रहे हैं। इसमें दिल्ली यूनिवर्सिटी भी ड्रोन को आपरेट करने के लिये कोर्स कराये जा रहे हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय में ड्रोन कोर्स Drone course in Delhi University:

दिल्ली यूनिवर्सिटी में युवाओं को ड्रोन बनाने, उड़ाने और मरम्मत करने की ट्रेनिंग दी जायेगी। यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ ओपन लर्निंग के तहत पायलट ट्रेंनिंग फॉर ड्रोन नाम से एक कोर्स की शुरुआत की जा रही है। कोर्स के लिए आवेदन 21 जुलाई से आरंभ किये जायेंगे। इसमें स्टूडेंट्स को थ्योरी और प्रैक्टिकल भी कराया जायेगा। ड्रोन कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग भी दी जायेगी।

  1. संस्थान – दिल्ली यूनिवर्सिटी 
  2. कोर्स – पायलट ट्रेंनिंग फॉर ड्रोन 
  3. प्रवेश योग्यता – 12वीं पास 
  4. फीस – पूरे कोर्स की फीस 10 हजार रुपये है।
  5. एडमिशन – 21 जुलाई 2024 से शुरू होंगे। 

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में ड्रोन कोर्स: केंद्र सरकार के अधीन नागरिक उड्डयन मंत्रालय की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी उत्तर प्रदेश के अमेठी में ड्रोन पायलट ट्रेनिंग प्रोग्राम कोर्स पढ़ाया जाता है। इसकके अलावा गुरुग्राम, बेंगलुरु, ग्वालियर, कांगड़ा, कोयंबटूर, मदुरै और भोपाल में भी ड्रोन प्रशिक्षण दिया जाता है। 5 दिन के कोर्स में ड्रोन बनाने से लेकर उड़ाने तक की थ्योरी और प्रैक्टिकल जानकारी दी जाती है। 

  1. संस्थान – इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी
  2. कोर्स – ड्रोन पायलट ट्रेनिंग प्रोग्राम
  3. प्रवेश योग्यता – 10वीं पास 
  4. फीस – पूरे कोर्स की फीस 55 हजार से 65 हजार रुपये।



Source link

Exit mobile version