क्या डेंगू से लिवर पर असर पड़ता है? एक्सपर्ट से जानें दोनों में संबंध | does dengue affect liver know from expert in hindi


Does Dengue Affect Liver in Hindi: दिल्ली समेत कुछ राज्यों में डेंगू के मामलों में इजाफा हो रहा है। डेंगू एक मच्छर जनित रोग है, जो बुखार और तेज सिरदर्द का कारण बन सकता है। डेंगू, एजीज मच्छरों के काटने से फैलता है। हालांकि, यह संक्रामक रोग नहीं है। यानी डेंगू एक से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द और जोड़ों में दर्द, डेंगू के आम लक्षण होते हैं। डेंगू, शरीर के कुछ अंगों को प्रभावित कर सकता है। यह त्वचा, रक्त प्रणाली और लिवर पर भी असर डाल सकता है। आइए, जानते हैं डेंगू में लिवर कैसे प्रभावित होता है-

क्या डेंगू से लिवर प्रभावित होता है? 

डॉ. पीयूष मिश्रा बताते हैं, “डेंगू, लिवर पर असर डाल सकता है। यह लिवर के कार्य को प्रभावित कर सकता है। डेंगू वायरस, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को निशाना बनाता है। दरअसल, डेंगू वायरस लिवर की कोशिकाओं पर सीधा आक्रमण करता है। इससे लिवर में सूजन आ सकती है। यह स्थिति गंभीर रूप ले सकती है।”

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डेंगू से लिवर प्रभावित होने पर नजर आने वाले लक्षण

डॉ. पीयूष मिश्रा बताते हैं, “डेंगू के हल्के मामलों में, बढ़े हुए लिवर एंजाइम मौजूद हो सकते हैं। इससे लिवर तनाव बढ़ कसता है। वहीं, अगर डेंगू के मामले गंभीर होते हैं, तो इससे लिवर को भी ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है। यह हेपेटाइटिस हो सकता है। इस स्थिति में डेंगू रोगियों में पीलिया के लक्षणों का अनुभव हो सकता है। जब डेंगू में लिवर प्रभावित होता है, तो ऐसे में त्वचा और आंखों का रंग पीला पड़ सकता है। इसमें पेशाब का रंग गहरा हो जाता है। उल्टी और मतली जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं। गंभीर मामलों जैसे- रक्तस्त्रावी बुखार या डेंगू शॉक सिंड्रोम में लिवर को नुकसान पहुंच सकता है।

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डेंगू में लिवर प्रभावित होने का इलाज

डॉ. पीयूष मिश्रा बताते हैं, “डेंगू के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। इसे ठीक करने के लिए एंटीवायरल दवाइयां दी जाती हैं। साथ ही, बुखार को कम करने वाली दवाइयां दी जाती है। गंभीर मामलों में दर्दनिवारक दवाइयां दी जाती है। इतना ही नहीं, जब डेंगू गंभीर रूप लेता है, तो इस स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है। डेंगू से लिवर फेलियर का जोखिम भी बढ़ जाता है। डेंगू में लिवर की क्षति को रोकने के लिए समय पर इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में इबुप्रोफेन जैसी दवाइयां दी जाती है।”

 

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