स्विट्जरलैंड के इस कदम से भारत पर काफी असर देखने को मिल सकता है। जानकारी के मुताबिक इस कदम से स्विट्जरलैंड में काम करने वाली भारतीय संस्थाओं पर असर देखने को मिलेगा। बता दें कि भारतीय कंपनियों को अब स्विट्जरलैंड में अर्जित आय पर एक जनवरी, 2025 से ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा। कंपनियों पर अधिक की जाएगी।
स्विट्जरलैंड और भारत के बीच दुरियां बढ़ गई है। स्विट्जरलैंड और भारत के बीच अब नई कर व्यवस्था लागू हो गई है। हाल ही में नेस्ले के खिलाफ अदालत के प्रतिकूल फैसले के बाद स्विट्जरलैंड ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत स्विट्जरलैंड द्वारा भारत को दिया गया सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र का दर्जा वापस ले लिया गया है।
स्विट्जरलैंड के इस कदम से भारत पर काफी असर देखने को मिल सकता है। जानकारी के मुताबिक इस कदम से स्विट्जरलैंड में काम करने वाली भारतीय संस्थाओं पर असर देखने को मिलेगा। बता दें कि भारतीय कंपनियों को अब स्विट्जरलैंड में अर्जित आय पर एक जनवरी, 2025 से ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा। कंपनियों पर अधिक की जाएगी।
स्विट्जरलैंड ने एक बयान में आय पर करों के संबंध में दोहरे कराधान से बचने के लिए स्विस परिसंघ और भारत के बीच समझौते में एमएफएन खंड का प्रावधान निलंबित करने की घोषणा की। स्विट्जरलैंड ने अपने इस फैसले के लिए नेस्ले से संबंधित एक मामले में भारत के उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का हवाला दिया। एमएफएन का दर्जा वापस लेने का मतलब है कि स्विट्जरलैंड एक जनवरी, 2025 से भारतीय संस्थाओं द्वारा उस देश में अर्जित लाभांश पर 10 प्रतिशत कर लगाएगा।
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