मोतियाबिंद और ग्लूकोमा में क्‍या अंतर होता है? एक्सपर्ट से जानें सही जानकारी | difference between cataract and glaucoma in hindi


Difference Between Cataract and Glaucoma: मोतियाबिंद (Cataract) और ग्लूकोमा (Glaucoma) दोनों ही आंखों से संबंधित गंभीर समस्याएं हैं, लेकिन इनके लक्षण, कारण और उपचार में काफी अंतर हैं। मोतियाबिंद तब होता है जब आंख के लेंस में अस्पष्टता आ जाती है, जिससे दृष्टि धुंधली हो जाती है। यह आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ होता है, लेकिन यह बीमारी आंखों की चोट या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी हो सकती है। दूसरी ओर, ग्लूकोमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंख के भीतर दबाव बढ़ता है, जिससे नर्व को नुकसान पहुंच सकता है। यह बीमारी बिना लक्षणों के विकसित होती है और समय पर पहचान न करने पर व्‍यक्‍त‍ि को दृष्टिहीन बना सकती है। इस लेख में हम मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के बीच के अंतर पर चर्चा करेंगे, ताकि आप इन दोनों स्थितियों को बेहतर ढंग से समझ सकें और समय पर इलाज करवा सकें। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने दुर्गा सहाय नर्स‍िंग होम, यूपी बि‍जनौर के नेत्र रोग व‍िशेषज्ञ डॉ व‍िनीत माथुर से बात की।

  • मोतियाबिंद में धुंधली दृष्टि, रात में देखने में कठिनाई और रंगों की पहचान में कमी होती है।
  • ग्लूकोमा में आमतौर पर प्रारंभिक लक्षण नहीं होते, लेकिन बाद में दृष्टि में कमी, आंखों में दर्द और सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

इलाज:

  • मोतियाबिंद का इलाज सर्जरी से होता है, जिसमें लेंस को बदल दिया जाता है।
  • ग्लूकोमा का इलाज दवाइयों, आई ड्रॉप्‍स और सर्जरी की मदद से दबाव को कंट्रोल करके क‍िया जाता है। 

दृष्टि पर असर:

  • मोतियाबिंद का असर मुख्य रूप से दृष्टि को धुंधला करता है, जो सर्जरी के बाद पूरी तरह ठीक हो सकता है।
  • अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो ग्लूकोमा में दृष्टि को स्थायी नुकसान हो सकता है।

इसे भी पढ़ें- 30 की उम्र के बाद आंखों की सेहत का ख्‍याल कैसे रखें?

मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसी बीमार‍ियों से बचने के ल‍िए क्‍या करें?- How to Prevent Eye Diseases 

मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसी गंभीर आंखों की समस्याओं से बचने के लिए नियमित देखभाल और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है। यहां बचाव के कुछ उपाय बताए गए हैं- 

  • नियमित रूप से आंखों की जांच कराना जरूरी है, खासकर अगर आप 40 वर्ष से ज्‍यादा उम्र के हैं या परिवार में ग्लूकोमा या मोतियाबिंद का इतिहास है। इससे शुरुआती लक्षणों का पता चल सकता है और समय रहते इलाज किया जा सकता है।
  • धूप में निकलते समय यूवी प्रोटेक्शन वाले सनग्लासेज पहनें। सूरज की यूवी किरणें आंखों के लेंस को नुकसान पहुंचा सकती हैं और मोतियाबिंद का कारण बन सकती हैं।
  • आंखों की सेहत के लिए विटामिन-ए, सी, ई और जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे गाजर, पालक, मछली और हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। ये पोषक तत्व आंखों की दृष्टि को स्वस्थ बनाए रखने और मोतियाबिंद के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।
  • धूम्रपान और शराब का ज्‍यादा सेवन आंखों की सेहत के लिए हानिकारक है। धूम्रपान से मोतियाबिंद और ग्लूकोमा का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए इसे छोड़ने की कोश‍िश करें।
  • नियमित एक्‍सरसाइज, जैसे चलना, दौड़ना, योग या कोई अन्य शारीरिक गतिविधि, आंखों में ब्‍लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और ग्लूकोमा के जोखिम को कम कर सकता है।
  • हाई बीपी और डायब‍िटीज, आंखों की सेहत को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसी बीमार‍ियों से बचने के ल‍िए नियमित जांच और सही आहार, ग्लूकोमा के खतरे को कम करता है।
  • स्क्रीन टाइम को कंट्रोल करें और हर 20 मिनट पर आंखों को आराम दें। यह आंखों के तनाव को कम करने और दृष्टि को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है।

इन सुझावों को अपनाने से मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, समय-समय पर आंखों की जांच करवाकर शुरुआती लक्षणों का पता लगाया जा सकता है, जिससे समय रहते इलाज संभव हो पाता है।

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