विकिपीडिया के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा


विकिपीडिया के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में समाचार एजेंसी एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल (Asian News International- ANI) ने ANI के विकिपीडिया पेज पर कथित रूप से अपमानजनक सामग्री की अनुमति देने के लिये विकिपीडिया के विरुद्ध दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।

  • याचिकाकर्त्ता ने 2 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि सामग्री “स्पष्ट रूप से झूठी” और अपमानजनक है तथा इससे उसकी प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है एवं उसकी सद्भावना को ठेस पहुँच रही है।

विकिपीडिया 

  • यह वर्ष 2001 में जिमी वेल्स और लैरी सेंगर द्वारा स्थापित एक निशुल्क ऑनलाइन विश्वकोश है।
  • यह ज्ञान की विभिन्न शाखाओं पर स्वतंत्र रूप से संपादन योग्य सामग्री उपलब्ध कराता है, जिसका उद्देश्य लिंक किये गए लेखों के माध्यम से सूचना और मार्गदर्शन प्रदान करके पाठकों को लाभान्वित करना है।

विकिपीडिया के विरुद्ध ANI के मामले का कानूनी आधार क्या है?

  • सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम, 2000 की धारा 2(1)(w):
    • इसमें “मध्यस्थ” की परिभाषा के अनुसार वह व्यक्ति शामिल है जो दूसरों की ओर से इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड संभालता है। इसमें दूरसंचार, नेटवर्क और इंटरनेट सेवा प्रदाता, वेब-होस्टिंग सेवाएँ, सर्च इंजन, ऑनलाइन भुगतान साइट, नीलामी साइट, बाज़ार तथा साइबर कैफे शामिल हैं।

  • IT अधिनियम, 2000 की धारा 79 (सुरक्षित बंदरगाह खंड):
    • यह मध्यस्थों को उनके प्लेटफॉर्मों के माध्यम से होस्ट या प्रसारित किसी भी तीसरे पक्ष की सामग्री या सूचना के लिये उत्तरदायित्व से कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।
      • धारा 79(2)(b): सुरक्षित बंदरगाह संरक्षण का लाभ उठाने के लिये, मध्यस्थ को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:
        • उन्हें अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करते समय पूरी तत्परता बरतनी चाहिये।
        • इसे प्रसारण आरंभ नहीं करना चाहिये प्रसारण के प्राप्तकर्त्ता का चयन नहीं करना चाहिये या प्रसारण में निहित जानकारी को संशोधित नहीं करना चाहिये।
        • इसे सरकार के निर्देशों जैसे कि मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता, 2021 या अदालती आदेशों का पालन करना चाहिये।

      • धारा 79(3) में कहा गया है कि यदि मध्यस्थ, सरकार द्वारा अधिसूचित किये जाने के बाद, निर्दिष्ट सामग्री को तुरंत हटाने या उस तक पहुँच अक्षम करने में विफल रहता है, तो यह सुरक्षा लागू नहीं होगी।

  • आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 3:
    • यह ग्राहकों के डिजिटल हस्ताक्षरों का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को प्रामाणित करने की अनुमति प्रदान करता है और साथ ही प्रामाणीकरण के लिये असममित क्रिप्टो प्रणाली तथा हैश फंक्शन के उपयोग की आवश्यकता होती है।
    • ग्राहक की सार्वजनिक कुंजी जो उनकी निजी कुंजी के साथ मिलकर एक अद्वितीय कुंजी युग्म का निर्माण करती है, का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्डों को सत्यापित करने के लिये किया जा सकता है।

नोट:

  • आईटी अधिनियम की धारा 79 की तरह, अमेरिकी संचार निर्णय अधिनियम की धारा 230 में कहा गया है कि जो पक्ष इंटरैक्टिव कंप्यूटर सर्विस प्रदान करते हैं या उनका उपयोग करते हैं, उन्हें तीसरे पक्ष द्वारा प्रदान की गई सामग्री का प्रकाशित या वक्ता नहीं मानी जाएगी।

विकिपीडिया से संबंधित सर्वोच्च न्यायालय के पिछले निर्णय क्या थे?

  • आयुर्वेदिक औषधि निर्माता संगठन बनाम विकिपीडिया फाउंडेशन मामला, 2022:
    • इसमें सर्वोच्च न्यायालय ने विकिपीडिया पर एक लेख को अपमानजनक बताने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया तथा याचिकाकर्त्ताओं को लेख को संपादित करने या अन्य कानूनी उपाय अपनाने की सलाह दी।

  • हेवलेट पैकार्ड इंडिया सेल्स बनाम सीमा शुल्क आयुक्त मामला, 2023:
    • सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि निर्णय देने वाले प्राधिकारियों ने अपने निष्कर्षों के समर्थन में विकिपीडिया जैसे ऑनलाइन स्रोतों का व्यापक रूप से हवाला दिया था।
    • इसने कानूनी विवाद समाधान के लिये विकिपीडिया जैसे भीड़-स्रोत तथा उपयोगकर्त्ता-जनित प्लेटफॉर्मों का उपयोग करने के विरुद्ध चेतावनी दी, क्योंकि वे “भ्रामक जानकारी” को बढ़ावा दे सकते हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी (IT) से संबंधित सरकारी पहल क्या हैं?

और पढ़ें: सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन नियम, 2023,  नए आईटी नियम एवं सोशल मीडिया




  UPSC सिविल सेवा, परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत में साइबर सुरक्षा घटनाओं पर रिपोर्ट करना निम्नलिखित में से किसके/किनके लिये विधितः अधिदेशात्मक है? (2017) 

  1. सेवा प्रदाता  
  2. डेटा सेंटर   
  3. कॉर्पोरेट निकाय 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)





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