उत्तर प्रदेश का पीलीभीत जनपद पर्यटन क्षेत्र में लगातार अपनी पहचान बना रहा है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व का चूका बीच और गोमती उद्गम स्थल दो ऐसी खूबसूरत जगहें हैं, जहां सैलानियों को खासी आकर्षित करती है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) का जंगल न केवल बाघों की मौजूदगी को लेकर बल्कि पर्यटन को लेकर भी देश-विदेश के लोगों को आकर्षित करता है। पीटीआर की महोफ रेंज के जंगल और शारदा डैम के किनारे स्थित चूका बीच का नजारा सैलानियों के लिए मिनी गोवा जैसा एहसास कराता है। छह माह तक चलने वाले पर्यटन सत्र के दौरान हजारों सैलानी यहां आकर प्राकृतिक सुंदरता को करीब से निहारते हैं। पीलीभीत मुख्यालय से 37 किलोमीटर स्थित पर्यटन स्थल चूका बीच का मुख्य प्रवेश द्वार मुस्तफाबाद गेस्ट है। यहां से सैलानी अपने वाहन को खड़ा कर जंगल के वाहन से घूमते हैं।
15 नवंबर से शुरू होकर 15 जून तक चलता है पर्यटन सत्र
चूका बीच पर निजी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहता है। इसलिए वन विभाग की ओर से 26 जंगल सफारी वाहनों की व्यवस्था की गई है। एक वाहन से अधिकतम छह लोग भ्रमण पर जा सकते हैं। वाहन का खर्च 3300 रुपये प्रवेश काउंटर पर जमा करना पड़ता है। इसके बाद सैलानी चूका बीच के अलावा जंगल के पांच अन्य स्थलों को निहारते हैं। जंगल की सैर करने के लिए दिन में दो समय निर्धारित किए गए हैं। जिसमें सुबह छह बजे से तीन घंटे का समय होता है। शाम को तीन बजे से छह बजे तक भ्रमण का समय है। जंगल में बाघों की दुनिया भी निराली है। जंगल में चहलकदमी करते बाघ सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं।
रात को ठहरने की है बेहतर व्यवस्था
चूका बीच आने वाले सैलानियों के लिए ठहरने की भी बेहतर व्यवस्था है। इसमें चूका बीच में बनी वाटर, ट्री, बैंबो और थारू हट बुक कर सकते हैं। वन निगम ऑनलाइन वेवसाइट www.uptourism.gov.in पर जाकर बुकिंग कर सकते हैं।
ऐसे पहुंच सकते हैं चूका बीच
पीलीभीत पहुंचने के बाद सैलानियों को गौहनिया चौराहे पर पहुंचना पड़ेगा। इसके बाद माधोटांडा मार्ग पर 30 किलोमीटर की दूरी तय कर कलीनगर के हरदोई ब्रांच नहर के पुल से सटे नहर मार्ग पर एक किलोमीटर चलकर खटीमा मार्ग पर जाना पड़ेगा। यहां से सात किलोमीटर की दूरी तय कर सैलानी मुस्तफाबाद गेस्ट पहुंचेंगे। जंगल सफारी वाहन को बुक करने के बाद पर्यटन स्थल के भ्रमण के लिए रवाना होंगे।
गोमती उद्गम स्थल के भी कायल होते हैं सैलानी
चूका बीच से सात किलोमीटर की दूरी पर माधोटांडा गांव में स्थित गोमती नदी के उद्गम स्थल की खूबसूरती भी सैलानियों को काफी पसंद आती है। ऐतिहासिक धरोहर होने के साथ ही उद्गम स्थल का सौंदर्यीकरण और शाम को बनारस की तर्ज पर होने वाली आरती भी सैलानियों को उद्गम स्थल की ओर खींचती है।