केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार दलहन फसलों के उत्पादन में लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एमएसपी पर तुअर, उड़द और मसूर की 100 प्रतिशत खरीद के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों के पंजीकरण के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड के माध्यम से ई-समृद्धि पोर्टल शुरू किया गया है। मूंग और चना में आत्मनिर्भरता हासिल की है और पिछले 10 वर्षों के दौरान आयात पर निर्भरता 30 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दी है।
दलहन फसलों की बुवाई के लिये दिया जोर
केंद्रीय मंत्री ने नई मॉडल दलहन ग्राम योजना के बारे में बताया कि खरीफ सीजन से शुरू किया जा रहा है। मंत्री ने राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि चावल की फसल कटने के बाद जो परती जमीन उपलब्ध है, उसका उपयोग दलहन के लिए किया जाए। चौहान ने कहा कि सांसदों, विधायकों जैसे निर्वाचित प्रतिनिधियों को केवीके में सक्रिय रूप से शामिल किया जाना चाहिए।
खरीफ दालों की बुआई इस सीजन में बढ़ने की उम्मीद
खरीफ दालों जैसे अरहर और उड़द की बुआई इस सीजन में बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि किसानों को अधित मूल्य प्राप्त हो रहे हैं और भारतीय मौसम विभाग द्वारा सामान्य से अधिक मानसून बारिश की संभावना की गई है। ये खरीफ दालों की कीमतों को कम करने में मदद करेंगे।
कितना है भंडारण सीमा ?
- थोक विक्रेताओं के लिए: 200 मीट्रिक टन
- खुदरा विक्रेताओं के लिए: 5 मीट्रिक टन
- बड़े चेन खुदरा विक्रेताओं के लिए: प्रत्येक रिटेल आउटलेट पर 5 मीट्रिक टन और डिपो पर 200 मीट्रिक टन
- मिलर्स के लिए : अंतिम 3 महीनों का उत्पादन या वार्षिक स्थापित क्षमता का 25%, जो भी अधिक हो।
- आयतकों के लिये कस्टम क्लीयरेंस की तारीख से 45 दिनों से अधिक स्टाक नहीं रख सकते।
दलहन के उत्पादन को बढ़ाने और कम करने के प्रयास
बताया गया कि भारत सरकार ने उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता के लिए 150 दलहन बीज हब खोले हैं और कम उत्पादकता वाले जिलों में आईसीएआर द्वारा क्लस्टर फ्रंट लाइन प्रदर्शन दिए जा रहे हैं। राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के माध्यम से केंद्र द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। साथ ही मानसून सामान्य से अधिक रहने की भविष्यवाणी की गई है। देश में दालों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए आयात को कम करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी।