बर्थोलिन सिस्ट के कारण,- Bartholin cyst ke karan


वेजाइना के नज़दीक गीलापन बढ़ने, प्यूबिक हेयर हटाने में जल्दबाज़ी और असुरक्षित सेक्स के कारण महिलाओं को बर्थोलिन सिस्ट की समस्या का सामना करना पड़ता है। ये समस्या महिलाओं में रिप्रोडक्टिव एज में बढ़ने लगती है।

स्किन और बालों का ध्यान रखने के अलावा आनी रिपोडक्टिव हेल्थ को बूस्ट करने के लिए नियमित रूप से वेजाइनल हाइजीन को मेंटेन करना आवश्यक है। इससे योनि के आसपास पनपने वाले संक्रमण से बचा जा सकता है। कई बार वेजाइना के नज़दीक गीलापन बढ़ने, प्यूबिक हेयर हटाने में जल्दबाज़ी और असुरक्षित सेक्स के कारण महिलाओं को सिस्ट की समस्या का सामना करना पड़ता है। योनि को दोनों ओर से ढ़के हुए होठों पर वो सिस्ट बनने का खतरा बना रहता है, जो दर्द और बुखार का भी कारण बनने लगता है। सबसे पहले जानते हैं बर्थोलिन सिस्ट (Bartholin cyst) क्या है और किन कारणों से ये समस्या बढ़ने लगती है।

इस बारे में गायनोकोलॉजिस्ट डॉ अस्वती नायर बताती हैं कि बर्थोलिन ग्लैंड में संक्रमण बढ़ने से सिस्ट बन जाती है। ये ग्लैंडस योनि के दोनों ओर मौजूद रहती हैं। इस पर आने वाला उभार सिस्ट का रूप ले लेता है। इससे कभी जलन और दर्द रहती है, तो कभी पेनलेस भी होता है। ये समस्या इंटिमेट हाइजीन की कमी के कारण बढ़ने लगती है, जो उपचार से ठीक हो जाती है।

अमेरिकन फैमिली फिज़िशियन जर्नल के अनुसार ये समस्या महिलाओं में रिप्रोडक्टिव एज में बढ़ने लगती है। बर्थोलिन सिस्ट लेबिया मेजोरा में होती है और अपने जीवनकाल में दो फीसदी महिलाओं में ये समस्या पाई जाती है। ये दाना फूला हुआ सिस्ट के समान दिखने लगता है।

Bartholin cyst ke sanket
बार्थोलिन ग्लैंड में संक्रमण बढ़ने से सिस्ट बन जाती है। ये ग्लैंडस योनि के दोनों ओर मौजूद रहती हैं। चित्र : अडॉबीस्टॉक

किस उम्र की महिलाओं में बर्थोलिन सिस्ट का जोखिम बढ़ने लगता है (At what age do women start having an increased risk of Bartholin cysts?)

बर्थोलिन सिस्ट का जोखिम 20 से 40 वर्ष की आयु के बीच ये अधिक आम होता हैं। साथ ही रजोनिवृत्ति के बाद बर्थोलिन सिस्ट विकसित होने की संभावना कम हो जाती है। वेजाइनल ओपनिंग पर दिखने वाले इस लंप के बढ़ने से शरीर का तापमान बढ़ता है, जिससे शरीर में बुखार आने लगता है।

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बर्थोलिन सिस्ट के लक्षण (Signs of Bartholin cyst)

  • वेजाइनल डिस्चार्ज बढ़ने लगता है और प्रेशर महसूस होता है
  • इंटरकोर्स के दौरान दर्द की संभावना बढ़ जाती है।
  • उठने बैठने और चलने के दौरान दर्द का अनुभव होता है।
  • योनि के नज़दीक सूजन और रेडनेस बढ़ जाती है।
  • बॉडी पेन बढ़ना और बुखार का आना

जानें किन कारणों से बढ़ने लगता है बर्थोलिन सिस्ट का खतरा (Causes of Bartholin cyst)

1. सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (Sexually transmitted infection)

एनएचएस के अनुसार बार्थोलिन ग्लैंड मटर के आकार की दो ग्रंथियाँ होती हैं जो वेजाइनल लिप्स के ठीक पीछे दोनों ओर पाई जाती हैं। जब वो फ्लूइड से भर जाती हैं, तो सिस्ट बनने लगती हैं। यौन संचारित संक्रमण यानि एसटीआई जैसे गोनोरिया या क्लैमाइडिया से सिस्ट का खतरा बढ़ जाता है। सेक्स के बाद हाइजीन का ध्यान न रखने से इस समस्या से जूझना पड़ता है। ऐसे में सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन और यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन से इस समस्या का जोखिम बढ़ जाता है।

2. प्यूबिक हेयर ट्रीमिंग (Pubic hair trimming)

हाइजीन को मेंटेन करने के लिए प्यूबिक हेयर ट्रीमिंग के दौरान लगने वाला कट सिस्ट की समस्या को बढ़ा सकता है। ऐसे में किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए सीज़र, रेज़र और ट्रिमर का इस्तेमाल कर सकती हैं। शेविंग करते वक्त ज्यादा पुराने ब्लेड का प्रयोग करने से बचें। इसके अलावा सिंगल टाइम में शेव करने का भी प्रयास करें।

शेविंग करते वक्त ज्यादा पुराने ब्लेड का प्रयोग करने से बचें। इसके अलावा सिंगल टाइम में शेव करने का भी प्रयास करें। चित्र शटरस्टॉक।

3. हाइजीन का ख्याल न रखना (Not taking care hygiene)

जिम से आने के बाद पसीना आना स्वाभाविक है। ऐेसे में देर तक गीले कपड़ों में रहना जननागों में संक्रमण पनपने का कारण बनने लगता है। इससे वेजाइना में खुजली, दर्द व जलन बढ़ जाती है और वेजाइना में सिस्ट का सामना करना पड़ता है। पसीना या फिर डिसचार्ज से रहने वाला गीलापन रैशेज की समस्या को बढ़ाता है, जिससे ग्लैंड में संक्रमण बढ़ने लगता है।

4. हार्मोनल बदलाव (Hormonal changes)

हार्मोनल उतार चढ़ाव के चलते अत्यधिक गाढ़ा योनि स्त्राव होने लगता है, जो बार्थोलिन ग्लैंड को प्रभावित करता है। इससे ग्लैंड में ब्लॉकेज के कारण पस बनने लगती है। सिस्ट का आकार बढ़ा होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

क्या हो सकता है बर्थोलिन सिस्ट का उपचार (treatment for Bartholin cyst)

1. गर्म पानी में स्नान करें

शुरूआत में सेल्फ एग्ज़ामिन करने के दौरान सिस्ट का पता लगने पर गर्म पानी में स्नान करने की सलाह दी जाती है। इससे दर्द और सूजन दोनों में कमी आने लगती है। लेकिन अगर सिस्ट दर्दनाक नहीं है, तो केवल गर्म पानी से स्नान करने से ठीक होने लगती है।

सिस्ट का पता लगने पर गर्म पानी में स्नान करने की सलाह दी जाती है। चित्र : शटरस्टॉक

2. सर्जिकल ड्रेनेज

अगर संक्रमित सिस्ट बड़ी हो रही है, तो सर्जिकल ड्रेनेज की मदद से उसे हटाया जा सकता है। इसमें डॉक्टर सिस्ट में कट लगाकर मौजूद पसनुमा तरल पदार्थ को निकाल देते हैं। इस दौरान डॉक्टर छोटी रबर ट्यूब यानि कैथेटर वेजाइना में इंसर्ट करते हैं। ये छह सप्ताह तक ड्रेनेज के लिए डाली जाती है।

3. डॉक्टर की सलाह से दवा लें

किसी प्रकार के बैक्टीरियल और यौन संचारित संक्रमण से होने वाली सिस्ट का जल्द पता लगने पर डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह देते है। ऐसे में किसी भी अन्य दवा को लेने से बचें। इससे समस्या को कम करके पस निकल जाती है।



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