गर्भपात के बाद स्पॉटिंग (हल्‍की ब्‍लीड‍िंग) की समस्या क्यों होती है? डॉक्टर से जानें कारण | causes of spotting after miscarriage doctor tells in hindi


Causes of spotting after miscarriage in Hindi: गर्भपात होने के बाद महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कुछ महिलाओं में पीरियड्स 4 से 6 हफ्ते बाद आते हैं तो कुछ को पेट में दर्द की समस्या बनी रहती है। वहीं, कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें कई बार गर्भपात के बाद स्पॉटिंग यानि हल्की ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है। आसान भाषा में समझें तो गर्भपात के बाद महिलाओं में थोड़ी ब्लीडिंग होती है। हालांकि, यह सामान्य है, लेकिन अगर ब्लीडिंग ज्यादा हो रही है तो यह चिंता का विषय हो सकता है। आइये वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं गर्भपात के बाद स्पॉटिंग की समस्या क्यों होती है। 

भ्रूण के टिशु गर्भ में रह जाना 

गर्भावस्था के दौरान जैसे-जैसे समय बीतता है, भ्रूण का आकार तेजी से बढ़ने लगता है। ऐसे में अचानक गर्भपात होने से भ्रूण के कुछ टिशु महिला के गर्भाशय में रह जाते हैं। जो बाद में रक्तस्राव या ब्लीडिंग की वजह बन सकते हैं। टिशु के चलते महिला को बार-बार हल्की-हल्की ब्लीडिंग हो सकती है। यह टिशु कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक भी यूट्रेस में रह सकते हैं। 

इंफेक्शन 

कई बार गर्भपात के दौरान महिला को इंफेक्शन हो जाता है, जिससे हल्की ब्लीडिंग यानि स्पॉटिंग की समस्या होती है। इसके पीछे भी भ्रूण के टिशु का यूट्रेस में फंसना जिम्मेदार माना जाता है। कई बार यह इंफेक्शन जानलेवा भी साबित हो सकता है। इंफेक्शन होने से महिला को ब्लीडिंग हो सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह ब्लीडिंग 4 से 6 हफ्तों तक बनी रह सकती है। 

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ओवुलेशन

ओवुलेशन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें अंडाशय से अंडा बाहर निकलता है। इस स्थिति में अंडे निकलकर ट्यूब के अंदर जाते हैं। मासिक धर्म में इसको काफी अहम माना जाता है। अगर महिला ओवुलेशन की प्रक्रिया से होकर गुजर रही है तो इस स्थिति में भी कई बार स्पॉटिंग की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।  

 

 

 

 

 

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