केक बन रहा है कैंसर का कारण – cake is causing cancer


हाल ही में कर्नाटक सरकार के खाद्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट आई। रिपोर्ट के अनुसार 235 केक के सैम्पल्स में से 12 सैम्पल ऐसे थे जिसमें ऐसे तत्व थे जो इंसानों में कैंसर का कारण बनते हैं। इससे सवाल ये उठा कि क्या बाजारों में बिकने वाले केक सुरक्षित नहीं? अगर हाँ तो फिर इसके विकल्प क्या हैं?

इंसान इन दिनों उत्सव मनाने के मौक़े ढूंढ रहा है। जन्मदिन साल से घटकर महीनों पर पहुंच चुके हैं। इसमें कुछ ग़लत नहीं। तनावपूर्ण दौर में अच्छे पल ढूंढने ही चाहिए। इन्हीं अच्छे पलों का एक परमानेंट सदस्य है केक। तकरीबन हर मौके पर घर पर इसकी उपस्थिति ज़रूरी हो जाती है। लेकिन हाल ही में कर्नाटक सरकार के खाद्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट आई। रिपोर्ट के अनुसार 235 केक के सैम्पल्स में से 12 सैम्पल ऐसे थे जिसमें ऐसे तत्व थे जो इंसानों में कैंसर (cancer in cake) का कारण बनते हैं। इससे सवाल ये उठा कि क्या बाजारों में बिकने वाले केक सुरक्षित नहीं? अगर ऐसा है तो हम कैसे पहचान करें कि कौन सा केक सुरक्षित है? और इसके विकल्प क्या हैं? आज हम इसी की बात करने वाले हैं।

केक के खतरे और कारण ( Harmful Effects of Market Cakes and Reasons)

  1. ट्रांस-फैट्स (Trans Fats)

   पैकेज्ड केक और बेक्ड प्रोडक्ट्स में अक्सर ट्रांस फैट  (trans fats) का इस्तेमाल किया जाता है। ये फैट का ही एक प्रकार है जो स्वस्थ शरीर के लिए सही नहीं। ट्रांस-फैट्स दिल की बीमारियों (heart disease) और कैंसर (cancer in cake) जैसी बड़ी बीमारियों के खतरे को बढ़ा देते हैं। ये केक को लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए डाला जाता है लेकिन यह हमारे शरीर में जमा होकर कई बीमारियाँ और समस्याएं पैदा कर देता है। 

2.आर्टिफिशियल रंग और फ्लेवर (Artificial Colors and Flavors )

   बाजार में बिकने वाले कई तैयार केक में artificial colors और flavors का इस्तेमाल किया जाता है। ये केमिकल अगर शरीर के अंदर लंबे वक्त तक जाएगा तो उससे हमारी हेल्थ पर असर पड़ना तय है। कुछ रंग और केमिकल्स कैंसर (cancer in cake) जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा इनसे एलर्जी (allergy) और पेट की समस्याएं भी हो सकती हैं।

  1.   हाइड्रोजेनेटेड तेल (Hydrogenated Oil)

   कुछ केक में hydrogenated oil का इस्तेमाल किया जाता है जिससे ट्रांस-फैट्स का लेवल शरीर मे बढ़ता है। हाइड्रोजेनेटेड तेल के इस्तेमाल से शरीर में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह तेल केक को अधिक समय तक ताजा और नरम बनाए रखने के लिए डाला जाता है लेकिन यह हमारे दिल और शरीर के लिए खतरनाक होता है।

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4.सोडियम और शक्कर की ज़्यादा मात्रा (Excess Sodium and Sugar) 

   बाजार में बिकने वाले केक में नमक और (नमक) और शक्कर की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। इनको ज्यादा खाना मोटापा (obesity), मधुमेह (diabetes) और हृदय रोग (heart disease) जैसी बीमारियों का कारण बनता है। लंबे समय तक इन्हें खाना हमारे शरीर के लिए बड़ी बीमारियां ले कर आता है। 

  1. प्रिजरवेटिव्स (Preservatives)

  पैकेज्ड केक में प्रिज़र्वेटिव्स जैसे सोडियम बेंजोएट  (sodium benzoate) और कैल्शियम प्रोपिओनेट ( calcium propionate) डाले जाते हैं ताकि केक लंबे समय तक खराब न हो। लेकिन ये प्रिज़र्वेटिव्स शरीर में जमा होकर बीमारियां पैदा कर सकते हैं। इनका अधिक इस्तेमाल कैंसर (Cancer in cake) एलर्जी और पाचन (Digestion) की समस्याएं पैदा कर देता है।

क्या है विकल्प?  (What are options of Market Cakes)

डाइटीशियन चिराग बड़जात्या के अनुसार, उस वक्त जब बाजार में मिलने वाले किसी भी प्रोडक्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता, खासकर तब जब बात सेहत की हो तब घर पर ही केक बनाना सबसे बेहतर ऑप्शन है। फिर भी अगर आप केक खरीद रहे हैं तो कम से कम उसके इनग्रीडिएंट्स जरूर चेक करें। ये आपके लिए कुछ ऑप्शन्स हो सकते हैं –

  1. घर पर बनाएं केक (Bake your Cake at Home)

बाजार के केक में इस्तेमाल होने वाले प्रिज़रवेटिव, आर्टिफिशियल फ्लेवर्स और रंग दिल और पेट के साथ-साथ कैंसर (cancer in cake) जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा देते हैं। ऐसे में घर पर केक बनाना एक बेहतर विकल्प है, क्योंकि आप इसमें शुद्ध चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

रवा या सूजी से तैयार किया जा सकता है केक। चित्र – अडोबीस्टॉक

साबुत अनाज का आटा, देसी घी, शहद या गुड़ जैसे नेचुरल मिठास वाले ऑप्शन्स इसे सेहत के लिए भी माकूल बनाते हैं।इनके साथ अगर आप केक में ताज़े फलों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह और पोषक बन सकता है। 

2.साबुत अनाज और बिना चीनी वाले केक (Cakes Without Sugar)

अगर बाजार से ही केक लेना हो तो ऐसा केक चुनें जो खड़े अनाज जैसे ओट्स, बाजरा या मल्टीग्रेन फ्लोर से बने हों। ये रिफाइंड आटे और चीनी की तुलना में अच्छे होते हैं।

आर्टिफिशियल शुगर से तैयार प्रोडक्ट कोलेजन के दुश्मन हैं। चित्र : शटर स्टॉक

रिफाइंड शुगर का शरीर मे पहुंचना मतलब कैंसर (cancer in cake) के खतरों से दो चार होना। चीनी वाले केक की बजाय ऐसा केक चुनें जिनमें शहद, नारियल शुगर का इस्तेमाल किया गया हो।

3.ग्लूटन और केमिकल फ्री केक (Gluten Free Cake)

ग्लूटन फ्री केक उन लोगों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है जिन्हें ग्लूटन से एलर्जी है या जो अपने पाचन तंत्र को ठीक रखना चाहते हैं। ये केक अक्सर बादाम के आटे, नारियल के आटे से बनाए जाते हैं। बाजार में मौजूद कुछ केमिकल-फ्री और प्रिज़रवेटिव-फ्री ब्रांड्स के केक भी अच्छा ऑप्शन हो सकते हैं। इन्हें खरीदते समय पैकेट पर दिए गए इंग्रीडिएंट्स को ज़रूर देख लें।

4.शुगर फ्री केक (Sugar free Cake)

शुगर-फ्री केक उन लोगों के लिए बेहतर ऑप्शन है जो डायबिटीज़ या वजन को लेकर चिंतित रहते हैं। इन केक्स में चीनी की जगह स्टीविया, एरिथ्रिटॉल का इस्तेमाल किया जाता है। लो-कैलोरी केक में कम फैट और कम कैलोरी वाली सामग्री का इस्तेमाल होता है जिससे ये आपके स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और हल्के होते हैं। हालांकि केक खरीदते वक्त इस बात का ध्यान जरूर रखना है कि इनमें किसी तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल न किया गया हो।

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