Byju’s ने अपनी सेल्स टीम के कर्मचारियों को नहीं दी अप्रैल की सैलरी, बाकी सभी को मिली



मुश्किलों से जूझ रही एडटेक कंपनी बायूजज (Byju’s) ने अपने सेल्स डिपार्टमेंट के कर्मचारियों को अप्रैल महीने की सैलरी नहीं दी है। इसके अलावा बाकी सभी डिपार्टमेंट में काम कर रहे कर्मचारियों को अप्रैल की सैलरी मिल चुकी है। इससे एक दिन पहले मनीकंट्रोल ने एक रिपोर्ट में बताया था कि नकदी संकट से जूझ रही बायजूज ने अपनी सेल्स टीम के कर्मचारियों की फिक्स्ड सैलरी को हटाकर उसकी जगह एक नया सिस्टम लागू हो गया है। इसके तहत कंपनी ने सेल्स स्टॉफ की सैलरी को अब वीकली रेवेन्यू से जोड़ दिया है। यानी कि अब हर हफ्ते सेल्स से जितना रेवेन्यू हासिल होगा, उसके हिसाब से ही इनकी सैलरी बनेगी। कंपनी की यह नई पॉलिसी इनसाइड सेल्स और बायजूज के एग्जाम प्रेप (BEP) टीम पर लागू हुई है।

यहां ये बताना जरूरी है बायजूज ने कर्मचारियों को फरवरी और मार्च महीने की सैलरी का एक हिस्सा अभी तक नहीं दिया है। इससे पहले कंपनी ने दोनों महीने की सैलरी देने में देरी की थी। बाद में उसने इन दोनों महीने की सैलरी का कुछ हिस्सा कर्मचारियों को दिया और बाकी अभी तक रुका हुआ है। CNBC-TV18 ने इस मामले में सबसे पहले खबर दी थी।

ये खबरें ऐसे समय में सामने आई है, जब बायजूज फंड की भारी किल्लत से जूझ रही है। कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन ने पर्सनल लोन लेकर कर्मचारियों की मंथली सैलरी का भुगतान किया है।

इस बीच कंपनी ने राइट इश्यू के जरिए जो फंड जुटाया था, वह निवेशकों और फाउंडर के बीच विवाद के चलते फंस गया। नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) ने विवाद के सुलझने तक इस फंड को एस्क्रो अकाउंट में डालने का निर्देश दिया है। यानी कंपनी विवाद सुलझने तक इस फंड का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी। इसके अलावा बायजूज से बकाया वसूली के लिए कम से कम 7 वेंडर्स ने उसके खिलाफ NCLT में याचिका दायर की है।

इसके अलावा कंपनी ने इस बीच छंटनी भी की है। करीब 100 से 500 कर्मचारियों को फोनकॉल पर नौकरी से निकालने की जानकारी दी गई। इन कर्मचारियों को न ही परफॉर्मेंस इंप्रूवमेंट प्लान (PIP) में डाला गया और न ही नोटिस पीरियड सर्व कराया गया। पिछले 12 महीनों में बायजूज ने 10,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की है। इस दौरान फाउंडर रवींद्रन से विवाद के चलते इसके कई निवेशक कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा देकर भी जा चुके हैं।

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