Byju’s News: एक समय ऐसा था, जब एडुटेक कंपनी बायजूज स्टार्टअप का पोस्टर बन गई थी और अब समय ऐसा है कि यह दिवालिया हो चुकी है और इसके एंप्लॉयीज अपने बकाए की रिकवरी और कैरियर को लेकर परेशान हैं। बायजूज में कभी दुनिया भर के निवेशक डाल रहे थे और वर्ष 2022 में इसका वैल्यूएशन 2200 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया था लेकिन अब यह अब यह 100 करोड़ डॉलर के बकाए को लेकर अमेरिकी लेंडर्स से जूझ रही है। बायजूज की मौजूदा स्थिति को लेकर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इसके दर्जनों एंप्लॉयीज और स्टूडेंट्स के पैरेंट्स का इंटरव्यू किया। इसके साथ ही वाट्सऐप चैट का रिव्यू किया। न्यूज एजेंसी ने पाया कि ये सभी निराश हैं क्योंकि कंपनी दिवालिया हो चुकी है, बोर्ड सस्पेंड हो चुका है और इसके एसेट्स जमा हो चुके हैं।
Lionel Messi से गुहार लगाने पर हो रहा विचार
बायजूज जिन दिक्कतों से जूझ रही है, एंप्लॉयीज को उससे निकलने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। गणित पढ़ाने वाली 29 वर्षीय सुकिर्ति मिश्र, जिन्हें पहले हर महीने 1200 डॉलर मिलते थे, अब उन्होंने पढ़ाना बंद कर दिया है। उनका कहना है कि कई लोगों ने पढ़ाना बंद कर दिया है और इसके चलते उन्हें बच्चों के माता-पिता का गुस्सा झेलना पड़ रहा लेकिन चैरिटी करने का कोई मतलब नहीं है। वह खुद भी मेडिकल बिल्स और लोन की किश्त भरने में दिक्कतें झेल रही हैं।
वहीं बच्चों के माता-पिता का भी पैसा फंसा है और वे इसे लेकर बायजूज के ब्रांड एबेसडर जैसे कि अर्जेंटीन के स्टार फुटबॉलर लियोनेल मेसी को भी इंस्टाग्राम में टैग करने पर विचार कर रहे हैं। पैरेंट्स के वाट्सग्रुप में एक यूजर ने कहा कि अपनी दिक्कतों को इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हैं और इसमें मेसी को टैग कर वास्तविकता दिखाते हैं। बायजूज की सर्विसेज 21 देशों में फैली हुई हैं और इसके 15 करोड़ स्टूडेंट्स हैं। इसके प्रोग्राम की कीमत $100 से $300 के बीच हैं।
बकाया सैलरी को लेकर Byju’s का क्या कहना है?
बायजूज इस समय अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। कंपनी ने कोर्ट में दाखिल पेपर्स में चेतावनी दी है कि दिवालिया की प्रक्रिया आगे बढ़ती है तो बायजूज का कारोबार पूरी तरह से बंद हो सकता है। वहीं एंप्लॉयीज की बात करें तो तीन महीने तक बिना सैलरी के बायजूज के 27 हजार एंप्लॉयीज में से अधिकतर विरोध प्रदर्शन या कानूनी रास्ता अपनाने पर विचार कर रहे हैं।
अभी तक करीब 3 हजार एंप्लॉयीज ने कोर्ट की तरफ से नियुक्त अधिकारी के पास अपना दावा दाखिल किया है। उन्होंने बैंक स्टेटमेंट सबूत के दौर पर दिए हैं। हालांकि एंप्लॉयीज को रास्ता काफी लंबा दिख रहा है क्योंकि नया खरीदार मिलने या बायजूज के एसेट्स को लिक्विडेट करने में कई महीने लग सकते है। इसके साथ ही कानून इस बात की भी गारंटी नहीं देता है कि एंप्लॉयीज या टीचर्स को आखिरी में पूरा बकाया मिल जाएगा। वहीं कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने स्टॉफ को आश्वस्त किया है कि अगर उनके हाथ में एक बार फिर कंपनी आती है तो सभी कै सैलरी तुरंत क्रेडिट कर दी जाएगी।