Menu
Call us
Whatsapp
Call us
Whatsapp
Menu
News
Bareilly Business
Add Post
Register
Login
Contact us
News
Bareilly Business
Add Post
Register
Login
Contact us
Home न्यूज़

Bootes Void is Mysterious Hole In Universe Billions Of Times Bigger Than Milky Way

bareillyonline.com by bareillyonline.com
10 March 2024
in न्यूज़
4 0
0
6
SHARES
35
VIEWS
WhatsappFacebookTwitterThreads

[ad_1]

अंतरिक्ष अनंत है। इस अनंत दुनिया को मनुष्य एक्सप्लोर करने में लगा है। वैज्ञानिक सौरमंडल से बाहर निकल कर आकाशगंगाओं तक को देखने में सफल हुए हैं। लेकिन अंतरिक्ष में ऐसी बहुत चीजें हैं जो एक एक करके सामने आ रही हैं। इसमें पृथ्वी के अलावा भी बहुत कुछ मौजूद है। इसमें बहुत सी आकाशगंगाएं हैं, तारे हैं, ग्रह हैं, ब्लैक होल हैं, और कई ऐसी ही और भी दैत्याकार चीजें हैं। टेक्नोलॉजी में मनुष्य ने भले ही कितनी भी तरक्की कर ली हो, लेकिन अभी भी हम ब्रह्मांड का एक छोटा सा हिस्सा ही देख पा रहे हैं। 

इन अनजान हिस्सों में एक को बूट्स वॉयड (Bootes Void) के नाम से जाना जाता है। इसे ग्रेट नथिंग भी कहते हैं। यानी कि एक खाली जगह जो आकार में बहुत बड़ी हो। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार, बूट्स वॉयड की खोज खगोल वैज्ञानिक रिचर्ड किर्शनर ने 1981 में की थी। यह अमूमन एक गोलाकार क्षेत्र है जो खाली है, यह 70 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। यहां पर इसी नाम से एक आकाशगंगा भी मौजूद है। बूट्स वॉयड की चौड़ाई 33 करोड़ प्रकाशवर्ष बताई जाती है। यानी इतनी बड़ी जगह जहां पर हमारी आकाशगंगा मिल्की वे अरबों की संख्या में समा सकती है। 

खगोलविदों ने उपलब्ध डेटा के आधार पर जब ब्रह्मांड का नक्शा बनाने की शुरुआत की तो एक ऐसा पैटर्न उभरा जो कई गैलेक्सियों के जाल के बीच में खाली जगह को दिखा रहा था। आकाशगंगाओं के उलझे हुए जाल के बीच बड़ी बड़ी खाली जगहें मौजूद हैं जहां पर कोई भी गैलेक्सी मौजूद नहीं है। BBC के अनुसार, ये वॉयड देखे जा सकने वाले ब्रह्मांड का 80 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं। जबकि बूट्स वॉयड इनमें सबसे बड़ा है। इसलिए इसे सुपरवॉयड भी कह दिया जाता है। 

बूट्स के बारे में कहा जाता है कि यह छोटे छोटे वॉयड्स को मिलाकर बना एक बड़ा वॉयड है। वॉयड कैसे बने होंगे, इसके जवाब में वैज्ञानिक कहते हैं कि बिग बैंग जब हुआ था, उसके बाद ब्रह्मांड में सारा पदार्थ सिकुड़ना शुरू हुआ होगा। लेकिन यहां पर क्वांटम फ्लक्चुएशन के कारण पदार्थ के वितरण में हल्का हल्का अंतर पैदा होता चला गया। इस वजह से कुछ एरिया घने पदार्थ में पैक हो गए और उनका गुरुत्वाकर्षण केंद्र बहुत अधिक शक्तिशाली होने के कारण उन्होंने कम गुरुत्वाकर्षण वाले कम घने मैटर को अपनी तरफ खींच लिया। 

इस तरह गैलेक्सियों के बनने के समय वॉयड्स भी बनने शुरू हो गए। बूट्स के बारे में वैज्ञानिक कह रहे हैं कि यह इतना बड़ा है कि देखे जा सकने वाले ब्रह्मांड के व्यास का 2 प्रतिशत यह अकेला बनाता है। शोध बताते हैं कि इसके पास 60 आकाशगंगाएं हैं। लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके पास 2000 के लगभग आकाशगंगाएं होनी चाहिएं। 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें

[ad_2]

Source link

Advertisement Banner

Trending Now

edit post
सर्दियों में अपनी कार की कैसे करें देखभाल, ये 5 टिप्स कर सकते हैं आपकी मदद
ऑटोमोबाइल

सर्दियों में अपनी कार की कैसे करें देखभाल, ये 5 टिप्स कर सकते हैं आपकी मदद

6 months ago
edit post
न्यूज़

राशन की दुकानों पर नमक वितरण का मामला गरमाया, सीडीओ ने दिए जांच के आदेश

1 week ago
edit post
न्यूज़

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 30 जून 2025 को बरेली का दौरा करेंगी

2 days ago
edit post
न्यूज़

डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त: बरेली और बदायूं में तनाव

4 days ago
No Result
View All Result
  • न्यूज़
  • एंटरटेनमेंट
  • स्पोर्ट्स
  • व्रत त्यौहार
  • ऑटोमोबाइल
  • हैल्थ
  • ब्लॉग
  • बरेली बिज़नेस
  • Contact

© 2025 Bareilly Online bareillyonline.

Go to mobile version