दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में भी मामूली प्रॉफिट था। इसका प्राइस लगभग 3,395 डॉलर पर था। इसके अलावा Avalanche, Solana, Ripple, USD Coin, Polkadot, Bitcoin Cash, Tron, Polygon, Litecoin और Cronos के प्राइस बढ़े हैं। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 0.48 प्रतिशत बढ़कर लगभग 2.67 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज BuyUcoin के CEO, Shivam Thakral ने Gadgets360 को बताया, “पिछले सप्ताह से बिटकॉइन 71,500 डॉलर के लेवल को तोड़ने का प्रयास कर रहा है। हालांकि, यह गिरकर 70,000 डॉलर पर पहुंच जाता है।” क्रिप्टो ऐप CoinSwitch के इनवेस्टमेंट्स लीड, Parth Chaturvedi का कहना था, “Ether नें पॉजिटिव प्राइस एक्शन दिख रहा है लेकिन इसकी सप्लाई घट रही है। Glassnode के डेटा के अनुसार, Ether की कुल सप्लाई का केवल 11 प्रतिशत ही ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 15.8 प्रतिशत का था। हालांकि, इनवेस्टर सेंटीमेंट और व्हेल की खरीदारी के पैटर्न के कारण मौजूदा वर्ष की शुरुआत से इसका प्राइस 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है।”
भारत में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार का सख्त रवैया बरकरार है। पिछले महीने वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने कहा था कि देश में क्रिप्टोकरेंसीज को ‘करेंसी’ के तौर पर माना या देखा नहीं जाता है। क्रिप्टो मार्केट में आई तेजी के बाद इस सेक्टर को लेकर सरकार के रवैये में बदलाव के प्रश्न पर, सीतारमण का कहना था, “सरकार का हमेशा से यह मानना रहा है कि क्रिप्टो को लेकर बनाए गए एसेट्स को ट्रेडिंग और कई अन्य चीजों के लिए एसेट्स के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। हमने इन्हें रेगुलेट नहीं किया है। ये करेंसीज नहीं हो सकते और यह केंद्र सरकार की पोजिशन है।” इससे पहले कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने कहा था कि ट्रांजैक्शंस में आसानी की वजह से स्टॉक मार्केट से बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स का रुख क्रिप्टो सेगमेंट की ओर हो सकता है। अमेरिका में बिटकॉइन स्पॉट ETF को सिक्योरिटीज रेगुलेटर से स्वीकृति मिलने के बाद क्रिप्टो मार्केट में तेजी आई थी।