Bitcoin Gains More than 3 Percent Before Federal Reserve Meeting, Price More than USD 60,000


सबसे अधिक मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में बुधवार को तीन प्रतिशत से अधिक का प्रॉफिट था। अमेरिका में फेडरल रिजर्व की FOMC मीटिंग से पहले क्रिप्टो मार्केट में उत्साह है। इस मीटिंग में इंटरेस्ट रेट को 0.50 प्रतिशत तक घटाया जा सकता है। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 60,510 डॉलर का था। 

Ether, BNB और Tether के प्राइस भी 1.5 प्रतिशत तक बढ़े हैं। गिरावट वाली क्रिप्टोकरेंसीज में Solana और XRP शामिल थे। मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में कटौती होने से मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ सकती है। पिछले चार वर्षों से फेडरल रिजर्व ने इंटरेस्ट रेट को नहीं घटाया है। अमेरिका में प्रेसिडेंट के चुनाव में प्रमुख दावेदार Donald Trump ने भी क्रिप्टो बिजनेस लॉन्च किया है। इससे भी क्रिप्टो मार्केट में दिलचस्पी बढ़ी है। 

आमतौर पर, प्रेसिडेंट पद के किसी उम्मीदवार के लिए चुनाव के निकट नया बिजनेस लॉन्च करना असामान्य होता है लेकिन ट्रंप की नजर 5 नवंबर को होने वाले चुनाव से पहले क्रिप्टो के समर्थकों को अपने पक्ष में करने पर है। हालांकि, ट्रंप ने पूर्व में क्रिप्टोकरेंसीज को एक स्कैम भी बताया था। इसके बाद प्रेसिडेंट के पद के लिए दोबारा चुनावी मैदान में उतरने के बाद उन्होंने डिजिटल एसेट्स का समर्थन करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अमेरिका को दुनिया की क्रिप्टो राजधानी बनाने का भी वादा किया है। ट्रंप ने इस सेगमेंट के लिए सख्त रेगुलेशन नहीं बनाने और बिटकॉइन का रिजर्व तैयार करने का भी संकेत दिया है। पिछले कुछ सप्ताह में उनके परिवार ने भी इस क्रिप्टो प्रोजेक्ट का प्रचार किया है। 

भारत में अधिक टैक्स होने के बावजूद इनवेस्टर्स की क्रिप्टोकरेंसीज में दिलचस्पी बढ़ रही है। यह लगातार दूसरा वर्ष है जिसमें क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट को लेकर दुनिया में भारत की हाई रैकिंग है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में रेगुलेटर्स ने इस सेगमेंट की कुछ फर्मों के खिलाफ कड़े कदम भी उठाए हैं। ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्म Chainalysis ने एक रिपोर्ट में बताया है कि पिछले वर्ष जून से इस वर्ष जुलाई के बीच सेंट्रलाइज्ड एक्सचेंज और डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस एसेट्स का देश में इस्तेमाल बढ़ा है। देश में 2018 से क्रिप्टो सेगमेंट के खिलाफ केंद्र सरकार ने कड़ा रुख रखा है। पिछले वर्ष के अंत में नियमों का पालन नहीं करने की वजह से नौ ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों को फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) ने कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। 
 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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