LSE पर बिटकॉइन और Ether के लिए ETN को 28 मई को लॉन्च किया जाएगा। इसके लिए आवेदन 8 अप्रैल से दिए जा सकेंगे। ब्रिटेन के Barclays Bank ने 2006 में ETN का कॉन्सेप्ट तैयार किया था। इसका उद्देश्य क्रेडिट सिस्टम का इस्तेमाल कर करेंसीज और कमोडिटीज में इनवेस्टमेंट की प्रक्रिया को आसान बनाना और रिटर्न को बढ़ाना था। ETN को एक बैंक की ओर से अनसिक्योर्ड डेट सिक्योरिटी के तौर पर जारी किया जाता है। यह सिक्योरिटीज के एक इंडेक्स को ट्रैक कर सकता है और इसका प्राइस इंडेक्स के प्रदर्शन से जुड़ा होता है। LSE पर ये इंडेक्स बिटकॉइन और Ether होंगे। पिछले कुछ सप्ताह में क्रिप्टो मार्केट में तेजी है। हाल ही में इन दोनों क्रिप्टोकरेंसीज ने अपना हाई लेवल बनाया था।
ETN को जारी करने वाला इंस्टीट्यूशन इसके होल्डर्स को एक निश्चित अवधि के दौरान इंडेक्स पर रिटर्न का भुगतान ककता है। इसके साथ ही ETN की मैच्योरिटी की अवधि पूरी होने पर इनवेस्टमेंट की मूल रकम भी वापस की जाती है। भारत में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार का सख्त रवैया बरकरार है। हाल ही में वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने कहा था कि देश में क्रिप्टोकरेंसीज को ‘करेंसी’ के तौर पर माना या देखा नहीं जाता।
क्रिप्टो मार्केट में आई तेजी के बाद इस सेक्टर को लेकर सरकार के रवैये में बदलाव के प्रश्न पर, सीतारमण का कहना था, “सरकार का हमेशा यह मानना रहा है कि क्रिप्टो को लेकर बनाए गए एसेट्स को ट्रेडिंग और कई अन्य चीजों के लिए एसेट्स के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। हमने इन्हें रेगुलेट नहीं किया है। ये करेंसीज नहीं हो सकते और यह केंद्र सरकार की पोजिशन है।” अमेरिका में बिटकॉइन स्पॉट ETF को सिक्योरिटीज रेगुलेटर की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद क्रिप्टो मार्केट में काफी तेजी आई है। इन ETF में फंडिंग बढ़ रही है।
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