शारदीय नवरात्रि व्रत में खाएं मखाना, नहीं लगेगी भूख और दिनभर रहेंगे एनर्जेटिक | benefits of eating makhana in fasting during shardiya navratri in hindi


Shardiya Navratri 2024: आश्विन माह में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) कहते हैं। इस वर्ष 3 अक्तूबर 2024, गुरुवार से शारदीय नवरात्रि का आरंभ होने जा रहा है, जो 11 अक्तूबर 2024 को समाप्त होगी। वहीं 12 अक्तूबर को दुर्गा विसर्जन होगा। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की होती है। इस दौरान भक्तजन विधि विधान से आराधना करते हैं, और उपवास रखते हैं। व्रत में कई तरह की चीजें खाई जाती हैं। अपने घर की बात करूं, तो चाहे करवा चौथ का व्रत हो या नवरात्र‍ि का व्रत, मां और दादी को मखाना खाते देखा है। मेरे पूछने पर वे बताती थीं क‍ि मखाना खाने से हमें पूरे द‍िन व्रत रखने में मदद म‍िलती है क्‍योंक‍ि इसे खाकर भूख और कमजोरी महसूस नहीं होती। द‍ि‍वाली पर मेरी दादी एक खास क‍िस्‍म की म‍िठाई बनाती थीं ज‍िसे मखाने के साथ बनाया जाता था। व्रत और त्‍योहारों पर मखाना कई घरों में खाए जाने वाला लोकप्र‍िय स्नैक है। इसके पीछे कई कारण हैं। व्रत के दौरान शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा और पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जिसे मखाना आसानी से पूरा कर सकता है। इसका हल्का और पचने में आसान होना इसे व्रत के लिए आदर्श बनाता है। इस लेख में जानेंगे व्रत में आपको क्‍यों मखाना खाना चाह‍िए और इससे शरीर को क्‍या फायदे म‍िलते हैं। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने द‍िल्‍ली के होली हॉस्‍प‍िटल की डाइट‍िश‍ियन सना गिल से बात की।     

व्रत में मखाना खाने के फायदे- Benefits of Eating Makhana in Fast

व्रत के दौरान हल्का और संतुलित आहार लेना जरूरी होता है। मखाना कम कैलोरी वाला होता है। 100 ग्राम मखाने में करीब 350 कैलोरी पाई जाती है। मखाने में पोटैशियम और मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा होती है, जो हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है। पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित करता है, जबकि मैग्नीशियम हृदय की मांसपेशियों को स्वस्थ बनाए रखता है। व्रत के दौरान मखाना खाने से आपका हृदय भी स्वस्थ रहता है। शारदीय नवरात्रि व्रत 2024 (Shardiya Navratri 2024) में मखाना खाने के अन्‍य फायदे जान लें-

2. व्रत में मखाना खाकर भूख नहीं लगती- Makhana Makes You Feel Full 

मखाने में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखता है और भूख को लंबे समय तक कंट्रोल करता है। व्रत के दौरान लंबे समय तक भूखा रहने से शरीर को ऊर्जा और पोषण की जरूरत होती है, और मखाना इस जरूरत को पूरा करता है। 

3. व्रत में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है- Makhana Controls Blood Sugar Level

वैसे, तो मखाने के फायदे अनग‍िनत हैं। मखाने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसका मतलब है कि इसका सेवन ब्लड शुगर लेवल को अचानक नहीं बढ़ाता। यह  डायब‍िटीज के रोगियों के लिए एक सुरक्षित चीज है, जिसे वे व्रत के दौरान भी खा सकते हैं।    

4. व्रत में मखाना खाकर कमजोरी नहीं होती- Makhana Makes You Feel Energetic

मखाना प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन और कई आवश्यक मिनरल्स से भरपूर होता है, जो व्रत के दौरान शरीर को ऊर्जा और पोषण देता है। इसके अलावा, इसमें फैट की मात्रा कम होती है, इसल‍िए आप इसे ब‍िना टेंशन ल‍िए खा सकते हैं। 

5. भूख से होने वाला तनाव कम होता है- Makhana Controls Stress During Fast

मखाने में मौजूद मैग्नीशियम और अन्य मिनरल्स दिमाग के लिए भी फायदेमंद होते हैं। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, जिससे आप व्रत के दौरान मानसिक रूप से भी शांत और संतुलित महसूस करते हैं। भूख के कारण भी मन में तनाव और स्‍वभाव में च‍िड़च‍िड़ापन महसूस होने लगता है। इसे कंट्रोल करने के ल‍िए मखाना भूनकर खा सकते हैं।

व्रत में मखाना खाने का सही तरीका- How to Eat Makhana During Fast

  • सादा भुना मखाना: कढ़ाई में बिना तेल डाले मखाने को भूनें और हल्का नमक डालकर खाएं। यह हल्का और पचने में आसान होता है।
  • दूध के साथ मखाना: मखानों को दूध में उबालकर, थोड़ा सा गुड़ मिलाकर खाएं। यह पोषण और ऊर्जा दोनों देता है।
  • मखाना खीर: व्रत में मीठा चाहिए तो मखाना खीर बनाएं। दूध, मखाना, इलायची और थोड़े गुड़ से खीर तैयार करें।
  • मखाना चिवड़ा: भुने मखानों में मूंगफली और नारियल के स्लाइस मिलाकर व्रत के लिए पौष्टिक चिवड़ा बनाएं।
  • मखाना सब्‍जी: व्रत की सब्जी में मखाना डालकर स्वादिष्ट मखाना करी बनाएं, जिसे आप व्रत में खा सकते हैं।
  • गुड़ और मखाना: मखाने को भूनकर उसमें गुड़ म‍िलाकर खाएं। इससे शरीर को एनर्जी म‍िलेगी।

व्रत में मखाना खाना फायदेमंद होता है। यह आसानी से पच जाता है और शरीर को एनर्जी देता है। इसे खाकर व्रत के दौरान कमजोरी महसूस नहीं होती।

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