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समाज की दिशा सुधारनी है तो पहले अपनी दिशा सुधारिए. अपने जीवन में भगवान को प्रथम स्थान पर रखिए और सभी को उसके बाद. माता-पिता, भाई-बहन का चयन करना आपके हाथ में नहीं था लेकिन संगति चुनने का अधिकार परमात्मा ने आपको दिया है,
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