मुंबई2 मिनट पहले
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बैंक ऑफ इंडिया यानी BOI का अप्रैल-जून तिमाही में स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट यानी शुद्ध-मुनाफा सालाना आधार पर 10% बढ़कर ₹1,702 करोड़ रहा। पिछले साल की समान तिमाही में ये ₹1,551 करोड़ रहा था।
वहीं तिमाही आधार पर भी बैंक का नेट प्रॉफिट 18.27% बढ़ा है। पिछली तिमाही (Q4 FY24) में बैंक का मुनाफा 1,439 करोड़ रुपए रहा था। BOI ने शनिवार (3 अगस्त) को Q1FY25 यानी फाइनेंशियल ईयर 2024-25 की पहली तिमाही के नतीजे जारी किए हैं।
बैंक की टोटल इनकम 15.28% बढ़ी
वहीं जून तिमाही में बैंक की टोटल इनकम यानी आय सालाना आधार पर 15.28% बढ़कर 18,240 करोड़ रुपए रही, जो पिछले साल की समान तिमाही में 15,821 करोड़ रुपए रही थी। वहीं तिमाही आधार पर बैंक की इनकम 1.82% बढ़ी है।
नेट इंटरेस्ट इनकम 6% बढ़ी
जून तिमाही में BOI की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) यानी शुद्ध ब्याज आय सालाना (YoY) आधार पर 6% बढ़कर 6,275 करोड़ रुपए रही। पिछले साल की समान तिमाही में ये 5,915 करोड़ रुपए रही थी।
वापस नहीं मिली राशि NPA हो जाती है
बैंक जो लोन या एडवांस देता है, अगर वह समय पर वापस नहीं मिला, उस राशि को बैंक NPA या नॉन-परफॉर्मिंग एसेट घोषित कर देता है। सामान्य तौर पर 90 दिनों तक रिटर्न नहीं मिलने की स्थिति में लोन या एडवांस अमाउंट को बैंक NPA की लिस्ट में डाल देता है।
क्या होता है स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड?
कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।
एक साल में BOI के शेयर ने 50% रिटर्न दिया
एक दिन पहले यानी शुक्रवार को BOI का शेयर 0.36% गिरकर 125.65 रुपए पर बंद हुआ। इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप 57.32 हजार करोड़ रुपए हो गया है। बीते छह महीने में बैंक का शेयर 9.34% गिरा है। वहीं एक साल में बैंक का शेयर 50.21% चढ़ा है।