आनंद महिंद्रा के पोस्ट से क्लियर हो जाता है कि अपने करियर के शुरुआती दिनों में वह वीकल बनाने वाले प्लांट पर काम करते थे। दरअसल, एलन मस्क ने एक पोस्ट में कहा था कि मैन्युफैक्चरिंग की प्रोसेस को दिखाने वाली फिल्में अब कम बनाई जाती हैं। ज्यादातर फिल्मों में उस व्यक्ति पर फोकस होता है, जिसने आविष्कार किया।
Couldn’t agree more @elonmusk
I started my career on the shop floor of an auto plant.
And have never stopped being in awe of the relentless effort & non-stop problem solving that goes into making products at high volume.The heroes of manufacturing do indeed deserve to have… https://t.co/riRrKFpFLO
— anand mahindra (@anandmahindra) March 29, 2024
मस्क ने लिखा था कि ज्यादातर लोग मैन्युफैक्चरिंग को कम करके आंकते हैं। उन्होंने किसी प्रोडक्ट के प्रोटोटाइप से ज्यादा उसकी मैन्युफैक्चरिंग को चुनौतीपूर्ण बताया था। यह भी कहा था कि प्रोडक्शन को बड़े पैमाने पर पूरा करना, प्रोडक्शन को फायदेमंद बनाना ज्यादा जरूरी और चुनौतीभरे काम हैं।
मस्क के पोस्ट पर आनंद महिंद्रा ने अपना एक्सपीरियंस शेयर किया। लिखा कि मैंने अपना करियर एक ऑटो प्लांट के शॉप फ्लोर से शुरू किया।
वहां से करियर शुरू कर आज आनंद महिंद्रा इस मुकाम पर हैं कि बीते दिनों उन्होंने भारतीय शतरंज खिलाड़ी आर प्रगनानंद (R. Praggnanandhaa) के परिवार को एक XUV400 गिफ्ट में दी है। प्रगनानंद FIDE विश्वकप के फाइनल में पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने थे, जिसके बाद आनंद महिंद्रा ने उनके परिवार को कार गिफ्ट करने की बात कही थी।
1945 में स्थापित हुआ महिंद्रा ग्रुप देश के बड़े ग्रुप्स में से एक है। कंपनी के ढाई लाख से ज्यादा कर्मचारी है। यह कृषि उपकरणों के अलावा यूटिलिटी वीकल्स, इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी और फाइनेंशल सर्विसेज में काम करती है। वॉल्यूम के हिसाब से यह दुनिया की सबसे बड़ी ट्रैक्टर कंपनी होने का दावा करती है।
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